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बिजली उपभोक्ताओं की शिकायतों की अब गंभीरता से होगी सुनवाई, पक्ष रखने का मिलेगा मौका

उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन (Uttar Pradesh Power Corporation) और डिस्कॉम प्रबंधन को मिलने वाली ग्राहकों की शिकायतों को अब गंभीरता से लिया जाएगा.

बिजली उपभोक्ताओं की शिकायतों की अब गंभीरता से होगी सुनवाई
बिजली उपभोक्ताओं की शिकायतों की अब गंभीरता से होगी सुनवाई
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Published : May 5, 2023, 10:36 AM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की बिजली कंपनियों में यह आम बात है कि उपभोक्ता अपनी समस्याओं को लेकर उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन (Uttar Pradesh Power Corporation) प्रबंधन और डिस्कॉम प्रबंधन तक अपनी शिकायत भेजते रहते हैं. उन शिकायतों पर जब कोई जांच आदेशित की जाती है तो बिना शिकायतकर्ता को सुने ही उसका निस्तारण कर दिया जाता है, लेकिन अब ऐसा नहीं हो पाएगा. अब बिजली कंपनियों को उपभोक्ता की शिकायत पर गंभीरता से अमल करना होगा. उपभोक्ता का पक्ष सुनने के बाद ही फैसला लेना होगा. हवा-हवाई फैसला नहीं चलेगा. अपर मुख्य सचिव ऊर्जा ने निर्देश के बाद पावर कारपोरेशन के चेयरमैन एम. देवराज ने बिजली कंपनियों के लिए अब नई व्यवस्था लागू कर दी है.

पावर कारपोरेशन चेयरमैन एम. देवराज की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि जब भी कोई शिकायती पत्र प्राप्त होता है उस पर अनिवार्य रूप से शिकायतकर्ता को व्यक्तिगत रूप से अवश्य सुना जाए. उसका पक्ष सुनने के बाद स्थिति को समझकर गुण दोष के आधार पर उसका निस्तारण किया जाए. इसके बाद ही उच्चाधिकारियों को निस्तारण आख्या भेजी जाए. चेयरमैन के इस आदेश के बाद अब उपभोक्ताओं की शिकायतों का संज्ञान लिया जाएगा, साथ ही किसी शिकायत का निस्तारण होमें पर जब तक उपभोक्ता संतुष्ट नहीं होगा तब तक आख्या उच्चाधिकारियों तक भेजी नहीं जा सकेगी.

इससे उपभोक्ताओं की शिकायत का निस्तारण पारदर्शी तरीके से होने की पूरी संभावना रहेगी. अभी तक उपभोक्ता जब अपनी समस्या को लेकर कोई शिकायत करते हैं और उसमें वह किसी कार्मिक पर आरोप लगाते हैं तो वह कार्मिक सांठगांठ करके अपनी रिपोर्ट अपने पक्ष में बनवाकर ऊपर भेज देता है. इससे उपभोक्ता को कोई राहत मिलती ही नहीं है. नई व्यवस्था लागू होने के बाद अब ऐसा करना आसान नहीं होगा जिससे उपभोक्ता खुद को ठगा हुआ महसूस नहीं करेंगे.

उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने अपर मुख्य सचिव ऊर्जा महेश कुमार गुप्ता का इस आदेश को जारी कराने में अहम भूमिका निभाने के लिए उपभोक्ताओं की तरफ से धन्यवाद किया. कहा कि इससे प्रदेश के तीन करोड़ 50 लाख विद्युत उपभोक्ताओं को सहूलियत मिलेगी.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की बिजली कंपनियों में यह आम बात है कि उपभोक्ता अपनी समस्याओं को लेकर उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन (Uttar Pradesh Power Corporation) प्रबंधन और डिस्कॉम प्रबंधन तक अपनी शिकायत भेजते रहते हैं. उन शिकायतों पर जब कोई जांच आदेशित की जाती है तो बिना शिकायतकर्ता को सुने ही उसका निस्तारण कर दिया जाता है, लेकिन अब ऐसा नहीं हो पाएगा. अब बिजली कंपनियों को उपभोक्ता की शिकायत पर गंभीरता से अमल करना होगा. उपभोक्ता का पक्ष सुनने के बाद ही फैसला लेना होगा. हवा-हवाई फैसला नहीं चलेगा. अपर मुख्य सचिव ऊर्जा ने निर्देश के बाद पावर कारपोरेशन के चेयरमैन एम. देवराज ने बिजली कंपनियों के लिए अब नई व्यवस्था लागू कर दी है.

पावर कारपोरेशन चेयरमैन एम. देवराज की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि जब भी कोई शिकायती पत्र प्राप्त होता है उस पर अनिवार्य रूप से शिकायतकर्ता को व्यक्तिगत रूप से अवश्य सुना जाए. उसका पक्ष सुनने के बाद स्थिति को समझकर गुण दोष के आधार पर उसका निस्तारण किया जाए. इसके बाद ही उच्चाधिकारियों को निस्तारण आख्या भेजी जाए. चेयरमैन के इस आदेश के बाद अब उपभोक्ताओं की शिकायतों का संज्ञान लिया जाएगा, साथ ही किसी शिकायत का निस्तारण होमें पर जब तक उपभोक्ता संतुष्ट नहीं होगा तब तक आख्या उच्चाधिकारियों तक भेजी नहीं जा सकेगी.

इससे उपभोक्ताओं की शिकायत का निस्तारण पारदर्शी तरीके से होने की पूरी संभावना रहेगी. अभी तक उपभोक्ता जब अपनी समस्या को लेकर कोई शिकायत करते हैं और उसमें वह किसी कार्मिक पर आरोप लगाते हैं तो वह कार्मिक सांठगांठ करके अपनी रिपोर्ट अपने पक्ष में बनवाकर ऊपर भेज देता है. इससे उपभोक्ता को कोई राहत मिलती ही नहीं है. नई व्यवस्था लागू होने के बाद अब ऐसा करना आसान नहीं होगा जिससे उपभोक्ता खुद को ठगा हुआ महसूस नहीं करेंगे.

उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने अपर मुख्य सचिव ऊर्जा महेश कुमार गुप्ता का इस आदेश को जारी कराने में अहम भूमिका निभाने के लिए उपभोक्ताओं की तरफ से धन्यवाद किया. कहा कि इससे प्रदेश के तीन करोड़ 50 लाख विद्युत उपभोक्ताओं को सहूलियत मिलेगी.

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