लखनऊ: उत्तर प्रदेश में पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वह राजस्व विभाग के लोगों के साथ जाकर गांव-गांव से ऐसे किसानों को चिन्हित करें जो किसान आंदोलन में सम्मिलित हुए हैं या होने वाले हैं. प्रदेश में पुलिस के बड़े अधिकारियों को एक-एक जिले की जिम्मेदारी भी दी गई है. वहीं अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया गया है कि वह किसान संगठनों से बातचीत करके उनकी समस्याओं को समझे. किसान नेताओं की सूची भी तैयार करें. अधिकारियों को 30 दिसंबर तक इसकी रिपोर्ट शासन को सौंपनी है.
डीजी स्तर के अधिकारी भी शामिल
उत्तर प्रदेश के 75 जनपदों में पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को एके जिले की जिम्मेदारी दी गई है. उन्हें कुछ विशेष निर्देश भी दिए गए हैं. इन निर्देशों के अनुक्रम में उन्हें एक रिपोर्ट बनाकर 30 तारीख को शासन को देनी है. अधिकारियों की टीम में डीजी स्तर के भी अधिकारी शामिल हैं.
धार्मिक स्थलों से जुड़े धार्मिक नेताओं से अधिकारी संवाद स्थापित करें. प्रभावशाली किसान नेताओं के गांव में वरिष्ठ अधिकारी भ्रमण के लिए जाएं. वह किसान आंदोलन को लेकर खुफिया तंत्र को मजबूत कर सूचना भी हासिल करें. वहीं अधिकारियों को शासन की ओर से निर्देशित किया गया है कि सांप्रदायिक, जाति सद्भाव को बिगाड़ने वाला भड़काऊ भाषण सोशल मीडिया पर जारी न हो. वहीं कोविड-19 नए संक्रमण के खतरे को देखते हुए भी गाइडलाइन का पालन सुनिश्चित हो.