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2021 में जब कोरोना ने मचाई तबाही तो योगी सरकार ने आपदा में ढूंढा अवसर

साल 2021 में राज्य में 24 अप्रैल को सबसे भयावह दिन रहा. इस दिन कोरोना के सर्वाधिक 38 हजार 55 मरीज पाए गए. वहीं 12 मई को एक दिन में 329 लोगों की जान चली गई. यही नहीं 30 अप्रैल को यूपी में सर्वाधिक एक्टिव केस 3 लाख 10 हजार 783 रिकॉर्ड किए गए. इन सबके बावजूद कोरोना जैसी आपदा में भी योगी सरकार ने अवसर तलाशा और वर्ष 2021 में यूपी ने हेल्थ सेक्टर में कई रिकॉर्ड बनाए.

2021 में जब कोरोना ने मचाई तबाही
2021 में जब कोरोना ने मचाई तबाही
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Published : Dec 22, 2021, 7:37 PM IST

लखनऊ: यूपी में कोरोना की दूसरी लहर भयावह रही. वर्ष 2019 में आया कोरोना वायरस 2021 में भी आफत भरा रहा. इस साल लाखों मरीज वायरस की चपेट में आए. इतना ही नहीं हजारों मरीजों की जान चली गई. कई बच्चे अनाथ हो गए, वहीं तमाम घरों के चिराग ही बुझ गए. साल 2021 में महीनों तक घरों और गलियों में सन्नाटा छाया रहा.

इनके लिए भी याद रखा जाएगा 2021

साल 2021 में राज्य में 24 अप्रैल को सबसे भयावह दिन रहा. इस दिन कोरोना के सर्वाधिक 38 हजार 55 मरीज पाए गए. वहीं 12 मई को एक दिन में 329 लोगों की जान चली गई. यही नहीं 30 अप्रैल को यूपी में सर्वाधिक एक्टिव केस 3 लाख 10 हजार 783 रिकॉर्ड किए गए. इस दौरान अस्पतालों में बेडों का संकट छा गया. ऑक्सीजन खत्म होने से अस्पतालों में मरीजों की तड़प-तड़प कर मौतें हुईं.

उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था
उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था

योगी सरकार ने आपदा नें अवसर ढूंढ़ा

इन सबके बावजूद कोरोना जैसी आपदा में भी योगी सरकार ने अवसर तलाशा और वर्ष 2021 में यूपी ने हेल्थ सेक्टर में कई रिकॉर्ड बनाए. देश में जहां सबसे ज्यादा कोरोना वैक्सीन की डोज उत्तर प्रदेश में लगीं, वहीं आजादी के बाद पहली बार राज्य में एक साथ पांच हजार स्वास्थ्य केंद्रों का लोकार्पण हुआ. यही नहीं नौ मेडिकल कॉलेजों में नौ सौ एमबीबीएस सीटों के लिए एनएमसी से हरी झंडी भी पहली बार ही मिली. इतना ही नहीं 2021 में कोरोना टेस्ट लैब, ऑक्सीजन प्लांट समेत अन्य तमाम सुविधाओं का इजाफा भी प्रदेश में किया गया.

उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था
उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था


नौ मेडिकल कॉलेज खुले, हर जिले में एक कॉलेज को हरी झंडी
प्रदेश में नौ सरकारी मेडिकल कॉलेज खुल गए हैं. यह कॉलेज एटा, हरदोई, सिद्धार्थनगर, देवरिया, गाजीपुर, प्रतापगढ़, फतेहपुर, जौनपुर और मिर्जापुर में खुले हैं. इन मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की 900 सीटें भी बढ़ गई हैं. ऐसे में उत्तर प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में अब कुल 3,828 एमबीबीएस सीटें हो गई हैं. वहीं अब 16 जिलों में पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेज खुलेंगे. इस साल योगी सरकार ने हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज खोलने का दावा किया है.


30 जिलों में खुलीं कोरोना टेस्ट लैब
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ वेद व्रत सिंह के मुताबिक, राज्य में कोरोना की दूसरी लहर के समय तक 45 आरटीपीसीआर लैब खुली थीं. इसके बाद 30 अन्य जिलों में आरटीपीसीआर टेस्ट लैब खोली गईं. ऐसे में प्रदेश में अब रोज 30 हजार से अधिक कोरोना टेस्ट हो सकेंगे. वहीं सरकारी और प्राइवेट लैब मिलाकर 2.5 लाख से अधिक आरटीपीसीआर टेस्ट एक दिन में करने की प्रदेश की क्षमता हो गई है.

नए स्वास्थ्य केंद्र, आयुष यूनिवर्सिटी का शिलान्यास
साल 2021 में यूपी में पांच हजार स्वास्थ्य उपकेंद्र बनाए गए. वहीं 80 के करीब सीएचसी बनी. 30 बेड वाले सीएचसी केंद्र को 50 बेड का बनाया गया. गोरखपुर में आयुष यूनिवर्सिटी का शिलान्यास किया गया. शहर में अटल मेडिकल यूनिवर्सिटी का संचालन किया गया. इसके अलावा एम्बुलेंस का बेड़ा बढ़ाने का फैसला किया गया.साथ ही हर अस्पताल को ई-हॉस्पिटल में तब्दील करने का फैसला लिया गया.

551 ऑक्सीजन प्लांट शुरू,तीन हजार से ज्यादा वेंटीलेटर
अस्पतालों में 549 ऑक्सीजन प्लांट लगाने का काम केंद्र सरकार द्वारा दिया गया. इसमें से 530 प्लांट शुरू हो गए हैं. वहीं मेडिकल कॉलेजों समेत कुल 551 प्लांट शुरू हो गए. इनके संचालन के लिए आईटीआई पास कर्मी तैनात किए जा रहे हैं. वहीं 56 हजार से अधिक आईसोलेशन बेड, 18 हजार आईसीयू बेड, 6700 पीकू-नीकू बेड तैयार हो गए हैं. इनमें 3,459 बेडों पर वेंटीलेटर लगाए गए हैं. साथ ही 30 हजार ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर अस्पतालों को दिए गए.

इसे भी पढ़ें- Year Ender 2021 : अखिलेश यादव ने दिया 22 में बाइसिकल का नारा, साल जाते-जाते मिला चाचा शिवपाल का साथ...

लखनऊ: यूपी में कोरोना की दूसरी लहर भयावह रही. वर्ष 2019 में आया कोरोना वायरस 2021 में भी आफत भरा रहा. इस साल लाखों मरीज वायरस की चपेट में आए. इतना ही नहीं हजारों मरीजों की जान चली गई. कई बच्चे अनाथ हो गए, वहीं तमाम घरों के चिराग ही बुझ गए. साल 2021 में महीनों तक घरों और गलियों में सन्नाटा छाया रहा.

इनके लिए भी याद रखा जाएगा 2021

साल 2021 में राज्य में 24 अप्रैल को सबसे भयावह दिन रहा. इस दिन कोरोना के सर्वाधिक 38 हजार 55 मरीज पाए गए. वहीं 12 मई को एक दिन में 329 लोगों की जान चली गई. यही नहीं 30 अप्रैल को यूपी में सर्वाधिक एक्टिव केस 3 लाख 10 हजार 783 रिकॉर्ड किए गए. इस दौरान अस्पतालों में बेडों का संकट छा गया. ऑक्सीजन खत्म होने से अस्पतालों में मरीजों की तड़प-तड़प कर मौतें हुईं.

उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था
उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था

योगी सरकार ने आपदा नें अवसर ढूंढ़ा

इन सबके बावजूद कोरोना जैसी आपदा में भी योगी सरकार ने अवसर तलाशा और वर्ष 2021 में यूपी ने हेल्थ सेक्टर में कई रिकॉर्ड बनाए. देश में जहां सबसे ज्यादा कोरोना वैक्सीन की डोज उत्तर प्रदेश में लगीं, वहीं आजादी के बाद पहली बार राज्य में एक साथ पांच हजार स्वास्थ्य केंद्रों का लोकार्पण हुआ. यही नहीं नौ मेडिकल कॉलेजों में नौ सौ एमबीबीएस सीटों के लिए एनएमसी से हरी झंडी भी पहली बार ही मिली. इतना ही नहीं 2021 में कोरोना टेस्ट लैब, ऑक्सीजन प्लांट समेत अन्य तमाम सुविधाओं का इजाफा भी प्रदेश में किया गया.

उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था
उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था


नौ मेडिकल कॉलेज खुले, हर जिले में एक कॉलेज को हरी झंडी
प्रदेश में नौ सरकारी मेडिकल कॉलेज खुल गए हैं. यह कॉलेज एटा, हरदोई, सिद्धार्थनगर, देवरिया, गाजीपुर, प्रतापगढ़, फतेहपुर, जौनपुर और मिर्जापुर में खुले हैं. इन मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की 900 सीटें भी बढ़ गई हैं. ऐसे में उत्तर प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में अब कुल 3,828 एमबीबीएस सीटें हो गई हैं. वहीं अब 16 जिलों में पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेज खुलेंगे. इस साल योगी सरकार ने हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज खोलने का दावा किया है.


30 जिलों में खुलीं कोरोना टेस्ट लैब
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ वेद व्रत सिंह के मुताबिक, राज्य में कोरोना की दूसरी लहर के समय तक 45 आरटीपीसीआर लैब खुली थीं. इसके बाद 30 अन्य जिलों में आरटीपीसीआर टेस्ट लैब खोली गईं. ऐसे में प्रदेश में अब रोज 30 हजार से अधिक कोरोना टेस्ट हो सकेंगे. वहीं सरकारी और प्राइवेट लैब मिलाकर 2.5 लाख से अधिक आरटीपीसीआर टेस्ट एक दिन में करने की प्रदेश की क्षमता हो गई है.

नए स्वास्थ्य केंद्र, आयुष यूनिवर्सिटी का शिलान्यास
साल 2021 में यूपी में पांच हजार स्वास्थ्य उपकेंद्र बनाए गए. वहीं 80 के करीब सीएचसी बनी. 30 बेड वाले सीएचसी केंद्र को 50 बेड का बनाया गया. गोरखपुर में आयुष यूनिवर्सिटी का शिलान्यास किया गया. शहर में अटल मेडिकल यूनिवर्सिटी का संचालन किया गया. इसके अलावा एम्बुलेंस का बेड़ा बढ़ाने का फैसला किया गया.साथ ही हर अस्पताल को ई-हॉस्पिटल में तब्दील करने का फैसला लिया गया.

551 ऑक्सीजन प्लांट शुरू,तीन हजार से ज्यादा वेंटीलेटर
अस्पतालों में 549 ऑक्सीजन प्लांट लगाने का काम केंद्र सरकार द्वारा दिया गया. इसमें से 530 प्लांट शुरू हो गए हैं. वहीं मेडिकल कॉलेजों समेत कुल 551 प्लांट शुरू हो गए. इनके संचालन के लिए आईटीआई पास कर्मी तैनात किए जा रहे हैं. वहीं 56 हजार से अधिक आईसोलेशन बेड, 18 हजार आईसीयू बेड, 6700 पीकू-नीकू बेड तैयार हो गए हैं. इनमें 3,459 बेडों पर वेंटीलेटर लगाए गए हैं. साथ ही 30 हजार ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर अस्पतालों को दिए गए.

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