लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार सिंगापुर की तर्ज पर यूपी को साफ-सुथरा रखने की दिशा में कदम उठाने जा रही है. इस संबंध में जल्द ही बैठक की जाएगी और लोगों की राय भी ली जाएगी.
चुना गया सिंगापुर मॉडल
उत्तर प्रदेश सरकार प्रदेश के सभी नगर निगम और नगर पालिकाओं से लगातार स्वच्छता व साफ-सफाई बरतने की अपील कर रही है. बावजूद इसके देश में होने वाले स्वच्छता सर्वेक्षण में उत्तर प्रदेश अभी भी निचले पायदान पर ही है. ऐसे में स्वच्छता सर्वेक्षण में उत्तर प्रदेश को अच्छी रैंकिंग दिलाने के लिए प्रदेश सरकार यूपी को साफ-सुथरा बनाए रखने के लिए नया प्रयोग करने वाली है. इस प्रयोग के तहत सिंगापुर मॉडल को चुना जा रहा है, जिससे प्रदेश के अन्य जनपदों के साथ-साथ राजधानी लखनऊ को भी साफ-सुथरा रखा जा सके. हालांकि अभी इस बारे में नगर निगम का कोई भी अधिकारी कुछ भी बोलने से पूरी तरह से बच रहा है. इस बात की चर्चा जोरों पर है कि आने वाले बजट सत्र में उत्तर प्रदेश सरकार ठोस अवशिष्ट नियमावली पेश करेगी और जल्द ही कैबिनेट में इसकी चर्चा की जाएगी.
गाड़ी चलाते थूकने पर लगेगा जुर्माना
उत्तर प्रदेश सरकार सिंगापुर की तर्ज पर राज्य को साफ-सुथरा बनाने पर विचार कर रही है. इस नियम के तहत यदि गाड़ी चलाते समय कोई भी व्यक्ति थूकता है या कोई सामान फेंक कर गंदगी फैलाता है तो ऐसे व्यक्तियों पर 1000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा. इससे लोगों को डर भी रहेगा और सड़कों व खुले में गंदगी फैलाने से लोग बाज आएंगे.
रैंकिंग सुधारने की कोशिश
विगत वर्ष जहां लखनऊ नगर निगम स्वच्छता सर्वेक्षण में 12वें स्थान पर था, वहीं इस बार लखनऊ नगर निगम पहले स्थान पर आना चाहता है. इसके लिए लगातार लखनऊ की जनता से लखनऊ को साफ-सुथरा बनाए रखने की अपील भी की जा रही है, ताकि स्वच्छता सर्वेक्षण में राजधानी लखनऊ को पहली रैंकिंग मिल सके.