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क्वीन मेरी में दूरबीन विधि से किया गर्भाशय के कैंसर का इलाज, जानें क्या रहा खास - केजीएमयू ताजा खबर

केजीएमयू के क्वीन मेरी में पहली बार दूरबीन विधि से गर्भाशय के कैंसर का इलाज किया गया. इलाज बिना किसी समस्या के पूरी तरह सफल हुआ.

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क्वीन मेरी
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Published : Mar 19, 2022, 9:46 PM IST

लखनऊ. केजीएमयू के क्वीन मेरी अस्पताल के डॉक्टरों ने दूरबीन विधि से गर्भाशय के कैंसर का इलाज किया. लैप्रोस्कोप से कैंसर की चपेट में आई बच्चेदानी, गर्भाशय, फैलोपियन ट्यूब और लिम्फ ग्लैंड को ऑपरेशन करके निकाला गया है. मरीज की हालत में सुधार होने पर उसे डिस्चार्ज कर दिया गया है.

क्वीन मेरी की डॉ. निशा के मुताबिक लखनऊ की रहने वाली 40 वर्षीय महिला को रक्तस्राव की समस्या थी. परिजनों ने पास के ही डॉक्टरों को दिखाकर लंबे समय तक इलाज कराया लेकिन दवा से फायदा नहीं मिला. इसके बाद क्वीन मेरी की ओपीडी में दिखाया. जांच में कैंसर की पुष्टि हुई. डॉ. निशा सिंह की देखरेख में इलाज शुरू हुआ. गहनता से जांच करने में यूट्रस के मायोमेट्रियम वॉल तक कैंसर होने का पता चला. कैंसर होने के कारण ऑपरेशन की सलाह दी गई.

पढ़ेंः यूपी में कल से पोलियो के खिलाफ महाभियान, 3 करोड़ से अधिक बच्चों को पिलाई जाएगी खुराक

डॉ. निशा के मुताबिक लैप्रोस्कोप तकनीक से ऑपरेशन करने का फैसला किया. पेट में नाभि के पास तीन सुराख किए गए. इसमें दूरबीन व दूसरे उपकरण डाले गए. करीब तीन घंटे ऑपरेशन चला. इसमें यूट्रस, दोनों तरफ की ओवरी, ट्यूब्स, और पैल्विश के पास लिम्फ ग्लैंड को निकाल दिया है. इस दौरान एनस्थीसिया विभाग के डॉ. एहसान सिद्दकी, गायनी विभाग की डॉ. कामायनी यादव व डॉ. अपर्णा झा ने सहयोग किया.

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लखनऊ. केजीएमयू के क्वीन मेरी अस्पताल के डॉक्टरों ने दूरबीन विधि से गर्भाशय के कैंसर का इलाज किया. लैप्रोस्कोप से कैंसर की चपेट में आई बच्चेदानी, गर्भाशय, फैलोपियन ट्यूब और लिम्फ ग्लैंड को ऑपरेशन करके निकाला गया है. मरीज की हालत में सुधार होने पर उसे डिस्चार्ज कर दिया गया है.

क्वीन मेरी की डॉ. निशा के मुताबिक लखनऊ की रहने वाली 40 वर्षीय महिला को रक्तस्राव की समस्या थी. परिजनों ने पास के ही डॉक्टरों को दिखाकर लंबे समय तक इलाज कराया लेकिन दवा से फायदा नहीं मिला. इसके बाद क्वीन मेरी की ओपीडी में दिखाया. जांच में कैंसर की पुष्टि हुई. डॉ. निशा सिंह की देखरेख में इलाज शुरू हुआ. गहनता से जांच करने में यूट्रस के मायोमेट्रियम वॉल तक कैंसर होने का पता चला. कैंसर होने के कारण ऑपरेशन की सलाह दी गई.

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डॉ. निशा के मुताबिक लैप्रोस्कोप तकनीक से ऑपरेशन करने का फैसला किया. पेट में नाभि के पास तीन सुराख किए गए. इसमें दूरबीन व दूसरे उपकरण डाले गए. करीब तीन घंटे ऑपरेशन चला. इसमें यूट्रस, दोनों तरफ की ओवरी, ट्यूब्स, और पैल्विश के पास लिम्फ ग्लैंड को निकाल दिया है. इस दौरान एनस्थीसिया विभाग के डॉ. एहसान सिद्दकी, गायनी विभाग की डॉ. कामायनी यादव व डॉ. अपर्णा झा ने सहयोग किया.

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