पश्चिमी चंपारण (बिहार): पूरा विश्व इन दिनों कोरोना संक्रमण से जूझ रहा है. हर कोई इससे लड़ने के लिए अपने-अपने तरीके से सावधानियां और निगरानी बरत रहा है. इसी कड़ी में इंडो-नेपाल सीमा अंतर्गत यूपी इलाके से सटे नेपाल के हिस्से में नेपाल सरकार की ओर से कैंप लगाया गया है. इन कैंपों में चाइनीज भाषा लिखी हुई है, इससे स्थानीय लोगों और प्रशासन के होश उड़े हुए हैं.
जानकारी के मुताबिक ठूठीबारी, निचलौल, बरगजवा सहित सोनौली(गोरखपुर) तक के इलाकों में 7 अस्थाई कैम्प लगाए गए हैं. जिसकी जानकारी मिलते ही खुफिया विभाग सकते में आ गया है. वहीं, स्थानीय लोगों के होश फाख्ता हो गए हैं. लोग किसी अनहोनी की आशंका से डरे सहमे हुए हैं.
चीन कर रहा नेपाल की मदद
बता दें कि नेपाल में चीन की दस्तक अब तक सामग्रियों और उत्पाद के जरिए ही सीमित थी. लेकिन, कोरोना महामारी में चीन नेपाल को अनेक प्रकार से मदद पहुंचा रहा है. ऐसे में भारत सीमा पर चीन की गतिविधि देश की सुरक्षा पर सवाल खड़े करती है. सूत्रों के मुताबिक चीन, भारत-नेपाल सीमा स्थित नोमेंस लैंड के इलाकों पर राहत के बहाने अपनी मजबूत पैठ की तैयारी कर रहा है.
जानकारी जुटाने में लगे खुफिया तंत्र
टेंट पर चाइनीज भाषा लिखे मामले को लेकर तैनात खुफिया अधिकारी जानकारी जुटाने में लगे हैं. दरअसल, भारत और नेपाल के दोस्ताना संबंध के बीच बिहार के वाल्मीकिनगर इलाके में सुस्ता को लेकर लम्बे समय से गतिरोध चल रहा है. सुस्ता की करीब 600 एकड़ भारतीय जमीन नेपाल के कब्जे में है. इस जमीन पर भारत की दावेदारी के बीच नेपाल इन इलाकों को लगातार विकसित करते आ रहा है.