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कांग्रेस अध्यक्ष के सामने मीडिया एंड कम्युनिकेशन चेयरमैन से भिड़ गया मीडिया पैनलिस्ट - मीडिया एंड कम्युनिकेशन विभाग के चेयरमैन नसीमुद्दीन सिद्दीकी

राजधानी लखनऊ के कांग्रेस मुख्यालय में शनिवार को मीटिंग का आयोजन किया गया था. लेकिन इस बैठक में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की मौजूदगी में मीडिया पैनलिस्ट अब्बास हैदर और मीडिया एंड कम्युनिकेशन विभाग के चेयरमैन नसीमुद्दीन सिद्दीकी के बीच गहमागहमी हो गई. मामला इतना बढ़ गया कि बीच मीटिंग में नसीमुद्दीन सिद्दीकी नाराज होकर मीटिंग से बाहर निकल आए.

कांग्रेस की मीटिंग
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Published : Jun 27, 2021, 1:51 AM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पर शनिवार को प्रदेश प्रवक्ता और मीडिया पैनलिस्ट की बैठक में हंगामा हो गया. प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू की मौजूदगी में मीडिया पैनलिस्ट अब्बास हैदर और मीडिया एंड कम्युनिकेशन विभाग के चेयरमैन नसीमुद्दीन सिद्दीकी के बीच गहमागहमी हो गई. आलम ये हो गया कि नसीमुद्दीन सिद्दीकी मीटिंग बीच में ही छोड़कर बाहर आ गए. इसके बाद प्रदेश अध्यक्ष और कई प्रवक्ता उन्हें उनकी गाड़ी तक मनाने पहुंचे. इस दौरान आधे घंटे तक मीटिंग नहीं हुई. मीटिंग फिर तब शुरू हुई जब मीडिया पैनलिस्ट अब्बास हैदर को बाहर कर दिया गया. इस दौरान चेयरमैन नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने इशारों-इशारों में प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू पर हमला बोला.


दरअसल, कांग्रेस मीडिया एंड कम्युनिकेशन के चेयरमैन नसीमुद्दीन सिद्दीकी और पैनलिस्ट अब्बास हैदर के बीच गहमागहमी की वजह बनी, मीडिया के लिए दिन निर्धारण के दौरान नसीमुद्दीन सिद्दीकी द्वारा अब्बास हैदर का नाम न लिया जाना. कांग्रेस के विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि सभी प्रवक्ताओं के दिन निश्चित किए जाने के बाद भी अब्बास हैदर का नाम नहीं लिया गया. इस पर अब्बास हैदर ने अपना नाम न लिए जाने की वजह पूछी तो नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कह दिया कि अब्बास के आगे आप "अली हो या हैदर" यही नहीं मालूम है. यह बात पैनलिस्ट को नागवार गुजरी. उन्होंने नसीमुद्दीन सिद्दीकी से इसके लिए नाराजगी जताई. इस पर बात कुछ ज्यादा ही बढ़ गई. प्रवक्ताओं ने बीच-बचाव की कोशिश की, लेकिन नसीमुद्दीन सिद्दीकी इतना नाराज हो गए कि मीटिंग से बाहर ही निकल गए. इसके बाद प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू और कई प्रवक्ता नसीमुद्दीन सिद्दीकी को मनाने में जुट गए. काफी देर तक यह सिलसिला चला. बमुश्किल नसीमुद्दीन सिद्दीकी वापस मीटिंग लेने आए, लेकिन अब्बास हैदर को मीटिंग में शामिल नहीं किया गया. वहीं इसके बाद नसीमुद्दीन सिद्दीकी जिंदाबाद के नारे भी लगे.

'मुझे भाजपा में शामिल कराना चाहते थे हैदर अब्बास'

भरी मीटिंग में नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा कि हैदर अब्बास कुछ दिन पहले मेरे घर पर आए. मेरे बेटे से उनकी दोस्ती है. मुझसे कहने लगे कि मेरे डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य से घनिष्ठ संबंध हैं. आपको भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन करा देता हूं. इसके बाद मैंने काफी नाराजगी जताई थी. इतना ही नहीं उन्होंने यहां तक कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पंकज मलिक कुछ माह पहले हैदर अब्बास को मेरे आवास पर लेकर आए थे. उन्होंने मीडिया में हैदर अब्बास को शामिल करने की सिफारिश की थी, मैंने बात नहीं मानी थी. इसके बाद पंकज मलिक ने प्रियंका गांधी से सिफारिश लगवाई. और जब राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी का मेरे पास फोन आया, उसके बाद हैदर अब्बास को मीडिया में पैनलिस्ट नियुक्त किया था.

चेयरमैन ने जताई नाराजगी, कहा रहना नहीं चाहते चेयरमैन

चेयरमैन नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने मीटिंग में मीडिया संयोजकों के शामिल न होने पर कड़ी नाराजगी जताई. कहा कि मीटिंग बुलाने पर भी जब संयोजक नहीं आते तो मेरा क्या काम. कहा कि दो संयोजक एक भी मीटिंग में अब तक नहीं आए. एक संयोजक का तो चेहरा आज तक मैंने नहीं देखा. मैं चेयरमैन हूं फिर भी ये अधिकार नहीं कि मैं संयोजक पर कार्रवाई तक कर सकूं. दरअसल, उन्होंने सुरेन्द्र राजपूत, अनूप पटेल और ललन कुमार के मीटिंग में शामिल न होने पर नाराजगी जताई. उन्होंने अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू से कहा कि मैं चेयरमैन नहीं रहना चाहता. मुझे जिले का प्रभारी, ब्लॉक या फिर ग्राम का प्रभारी बना दिया जाए, जिससे मैं कांग्रेस के साथ लोगों को जोड़ सकूं. मीडिया में मैं कभी रहा नहीं इसलिए मुझसे ये काम नहीं हो पा रहा.

अध्यक्ष के सामने उठाया चंदे का मुद्दा

चेयरमैन नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने प्रदेश अध्यक्ष से कहा कि हाल ही में संयोजक ललन कुमार ने अपने नाम से अकाउंट बनाकर चंदा मांगने के लिए विज्ञापन निकाला था, जिससे मीडिया में पार्टी की काफी किरकिरी हुई थी. मुझसे मीडिया ने तमाम सवाल जवाब किए. बावजूद इसके ललन कुमार को पार्टी ने एक नोटिस तक जारी नहीं की. यह कहां तक सही है, ऐसा कोई कैसे कर सकता है.


'मैं मरते दम तक कांग्रेस में रहूंगा'

मीडिया एवं कम्युनिकेशन विभाग के चेयरमैन नसीमुद्दीन सिद्दीकी के हाल ही में समाजवादी पार्टी में शामिल होने की बात आयी थी, लेकिन उन्होंने मीटिंग में इस बात को सिरे से खारिज किया. कहा कि मैं मरते दम तक कांग्रेस में रहूंगा. अगर कांग्रेस ने मुझे बाहर निकाल भी दिया, तब भी मुझे कांग्रेस को वोट देने से कांग्रेस भी नहीं रोक सकती है. मैं किसी भी पार्टी में नहीं जाऊंगा. अब सिर्फ कांग्रेस में ही रहना है.

लखनऊ : उत्तर प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पर शनिवार को प्रदेश प्रवक्ता और मीडिया पैनलिस्ट की बैठक में हंगामा हो गया. प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू की मौजूदगी में मीडिया पैनलिस्ट अब्बास हैदर और मीडिया एंड कम्युनिकेशन विभाग के चेयरमैन नसीमुद्दीन सिद्दीकी के बीच गहमागहमी हो गई. आलम ये हो गया कि नसीमुद्दीन सिद्दीकी मीटिंग बीच में ही छोड़कर बाहर आ गए. इसके बाद प्रदेश अध्यक्ष और कई प्रवक्ता उन्हें उनकी गाड़ी तक मनाने पहुंचे. इस दौरान आधे घंटे तक मीटिंग नहीं हुई. मीटिंग फिर तब शुरू हुई जब मीडिया पैनलिस्ट अब्बास हैदर को बाहर कर दिया गया. इस दौरान चेयरमैन नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने इशारों-इशारों में प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू पर हमला बोला.


दरअसल, कांग्रेस मीडिया एंड कम्युनिकेशन के चेयरमैन नसीमुद्दीन सिद्दीकी और पैनलिस्ट अब्बास हैदर के बीच गहमागहमी की वजह बनी, मीडिया के लिए दिन निर्धारण के दौरान नसीमुद्दीन सिद्दीकी द्वारा अब्बास हैदर का नाम न लिया जाना. कांग्रेस के विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि सभी प्रवक्ताओं के दिन निश्चित किए जाने के बाद भी अब्बास हैदर का नाम नहीं लिया गया. इस पर अब्बास हैदर ने अपना नाम न लिए जाने की वजह पूछी तो नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कह दिया कि अब्बास के आगे आप "अली हो या हैदर" यही नहीं मालूम है. यह बात पैनलिस्ट को नागवार गुजरी. उन्होंने नसीमुद्दीन सिद्दीकी से इसके लिए नाराजगी जताई. इस पर बात कुछ ज्यादा ही बढ़ गई. प्रवक्ताओं ने बीच-बचाव की कोशिश की, लेकिन नसीमुद्दीन सिद्दीकी इतना नाराज हो गए कि मीटिंग से बाहर ही निकल गए. इसके बाद प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू और कई प्रवक्ता नसीमुद्दीन सिद्दीकी को मनाने में जुट गए. काफी देर तक यह सिलसिला चला. बमुश्किल नसीमुद्दीन सिद्दीकी वापस मीटिंग लेने आए, लेकिन अब्बास हैदर को मीटिंग में शामिल नहीं किया गया. वहीं इसके बाद नसीमुद्दीन सिद्दीकी जिंदाबाद के नारे भी लगे.

'मुझे भाजपा में शामिल कराना चाहते थे हैदर अब्बास'

भरी मीटिंग में नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा कि हैदर अब्बास कुछ दिन पहले मेरे घर पर आए. मेरे बेटे से उनकी दोस्ती है. मुझसे कहने लगे कि मेरे डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य से घनिष्ठ संबंध हैं. आपको भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन करा देता हूं. इसके बाद मैंने काफी नाराजगी जताई थी. इतना ही नहीं उन्होंने यहां तक कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पंकज मलिक कुछ माह पहले हैदर अब्बास को मेरे आवास पर लेकर आए थे. उन्होंने मीडिया में हैदर अब्बास को शामिल करने की सिफारिश की थी, मैंने बात नहीं मानी थी. इसके बाद पंकज मलिक ने प्रियंका गांधी से सिफारिश लगवाई. और जब राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी का मेरे पास फोन आया, उसके बाद हैदर अब्बास को मीडिया में पैनलिस्ट नियुक्त किया था.

चेयरमैन ने जताई नाराजगी, कहा रहना नहीं चाहते चेयरमैन

चेयरमैन नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने मीटिंग में मीडिया संयोजकों के शामिल न होने पर कड़ी नाराजगी जताई. कहा कि मीटिंग बुलाने पर भी जब संयोजक नहीं आते तो मेरा क्या काम. कहा कि दो संयोजक एक भी मीटिंग में अब तक नहीं आए. एक संयोजक का तो चेहरा आज तक मैंने नहीं देखा. मैं चेयरमैन हूं फिर भी ये अधिकार नहीं कि मैं संयोजक पर कार्रवाई तक कर सकूं. दरअसल, उन्होंने सुरेन्द्र राजपूत, अनूप पटेल और ललन कुमार के मीटिंग में शामिल न होने पर नाराजगी जताई. उन्होंने अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू से कहा कि मैं चेयरमैन नहीं रहना चाहता. मुझे जिले का प्रभारी, ब्लॉक या फिर ग्राम का प्रभारी बना दिया जाए, जिससे मैं कांग्रेस के साथ लोगों को जोड़ सकूं. मीडिया में मैं कभी रहा नहीं इसलिए मुझसे ये काम नहीं हो पा रहा.

अध्यक्ष के सामने उठाया चंदे का मुद्दा

चेयरमैन नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने प्रदेश अध्यक्ष से कहा कि हाल ही में संयोजक ललन कुमार ने अपने नाम से अकाउंट बनाकर चंदा मांगने के लिए विज्ञापन निकाला था, जिससे मीडिया में पार्टी की काफी किरकिरी हुई थी. मुझसे मीडिया ने तमाम सवाल जवाब किए. बावजूद इसके ललन कुमार को पार्टी ने एक नोटिस तक जारी नहीं की. यह कहां तक सही है, ऐसा कोई कैसे कर सकता है.


'मैं मरते दम तक कांग्रेस में रहूंगा'

मीडिया एवं कम्युनिकेशन विभाग के चेयरमैन नसीमुद्दीन सिद्दीकी के हाल ही में समाजवादी पार्टी में शामिल होने की बात आयी थी, लेकिन उन्होंने मीटिंग में इस बात को सिरे से खारिज किया. कहा कि मैं मरते दम तक कांग्रेस में रहूंगा. अगर कांग्रेस ने मुझे बाहर निकाल भी दिया, तब भी मुझे कांग्रेस को वोट देने से कांग्रेस भी नहीं रोक सकती है. मैं किसी भी पार्टी में नहीं जाऊंगा. अब सिर्फ कांग्रेस में ही रहना है.

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