लखनऊ: राजधानी समेत उत्तर प्रदेश में नए कनेक्शन के आवेदन बड़ी संख्या में बिजली विभाग (Uttar Pradesh Power Corporation Limited) को मिले हैं, लेकिन स्मार्ट मीटर की भारी कमी के चलते लोगों को कनेक्शन दे पाने में (UPPCL Fail To Install Check Meter) बिजली विभाग फेल है. स्मार्ट मीटर की एक खेप आई, लेकिन वह लंबित कनेक्शनों की तुलना में काफी कम है. वहीं जिन घरों में पहले से ही बिजली विभाग ने कनेक्शन दे रखे हैं, उसमें स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं के लिए सरदर्द साबित हो रहा है. स्मार्ट मीटर इतनी तेज भाग रहा है कि लोगों ने बड़ी संख्या में उपकेंद्रों पर चेक मीटर लगाने के लिए आवेदन किया है. अब बिजली विभाग स्मार्ट मीटर के साथ ही चेक मीटर की समस्या से भी जूझ रहा है. लिहाजा, लोगों को न नए कनेक्शन मिल पा रहे हैं और न ही जिन उपभोक्ताओं के कनेक्शन हैं उनके घर पर चेक मीटर लग पा रहे हैं.
12 सितंबर से 19 सितंबर तक उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन ने प्रदेश भर के उपकेंद्रों पर विद्युत समाधान सप्ताह आयोजित किया था. समाधान सप्ताह में पौने 2 लाख के करीब कुल शिकायतें प्राप्त हुई थीं. इनमें से नए कनेक्शन न मिल पाने को लेकर सबसे ज्यादा शिकायतें थीं तो दूसरे नंबर पर स्मार्ट मीटर तेज चलने की शिकायतें सामने आईं. इसके चलते ज्यादा बिल आने से परेशान उपभोक्ताओं ने घर में चेक मीटर लगाने का आवेदन किया है, लेकिन घर पर चेक मीटर नहीं लगाए गए. बिजली विभाग पर स्मार्ट मीटर चेक मीटर की भी समस्या खड़ी हो गई है. चेक मीटर न लगा पाने के चलते विभागीय अधिकारियों को विरोध का सामना करना पड़ रहा है और उनकी शिकायतें उच्चाधिकारियों से की जा रही हैं.
लखनऊ की बात करें तो यहां कुल 8 लाख उपभोक्ता हैं. इनमें से अभी तक केवल पौने 4 लाख स्मार्ट मीटर ही लगे हैं. लखनऊ समेत बरेली और बाराबंकी में करीब 11 लाख स्मार्ट मीटर लगने हैं. वहीं लखनऊ में 8 लाख उपभोक्ताओं के घर आई स्मार्ट मीटर लगने हैं. शहर में 4 लाख उपभोक्ताओं के यहां जो स्मार्ट मीटर लगे हैं, उन्हें भी 4G स्मार्ट प्रीपेड मीटर में बदला जाएगा. लेकिन चेक मीटर की समस्या किसी भी उपकेंद्र पर खत्म नहीं हो रही है. लखनऊ के ही बिजली घर चेक मीटर की समस्या से जूझ रहे हैं. हर उपकेंद्र पर हर इलाके में मीटर तेज चलने, बिल ज्यादा आने और चेक मीटर न लगने की शिकायतें दर्ज हैं. अधिकारी दलील देते हैं कि मीटर तेज चलने के ज्यादातर मामलों में उपकरणों का पुराना होना और वायरिंग में अर्थिंग न होने से हैं, स्मार्ट मीटर में कोई खराबी नहीं है.
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मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के अधीक्षण अभियंता (वाणिज्यिक) मनोज श्रीवास्तव का कहना है कि चेक मीटर की कोई कमी नहीं है. जैसे ही उपभोक्ता की मीटर तेज चलने की शिकायत आती है तत्काल चेक मीटर लगाया जाता है. जहां चेक मीटर की कमी है, वहां नए चेक मीटर उपलब्ध कराए जा रहे हैं. स्मार्ट मीटर की खेप लगातार आ रही है, जिससे नए कनेक्शनों की भी लंबित समस्या दूर हो रही है.
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