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पतंग की उमंग कर सकती है मेट्रो सेवा भंग, UPMRCL ने की ये अपील

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Published : Nov 15, 2020, 1:33 PM IST

राजधानी लखनऊ में गोवर्धन पूजा से लेकर जमघट तक जमकर पतंगबाजी होती है. इसको ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने गोवर्धन पूजा के त्योहार पर शहरवासियों से संचालित मेट्रो क्षेत्र में पतंग न उड़ाने की अपील की है. चीनी मांझे के कारण मेट्रो ट्रेन के संचालन पर कई बार ब्रेक लग चुका है.

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चीनी मांझे के कारण मेट्रो ट्रेन का संचालन कई बार बाधित हो चुका है.

लखनऊ. नवाबों के शहर लखनऊ में पतंगबाजी का अपना एक क्रेज है. दिवाली के बाद गोवर्धन पूजा से लेकर जमघट तक आसमान में पतंगें ही नजर आती हैं. ऐसे में एक तरफ उमंग तो दूसरी ओर ये पतंगें शहर की परिवहन सेवा पर ब्रेक का कारण भी बन सकती हैं. इसी वजह से उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने गोवर्धन पूजा के त्योहार पर शहरवासियों से संचालित मेट्रो क्षेत्र में पतंग न उड़ाने की अपील की है. कॉरपोरेशन प्रबंधन का कहना है कि पहले भी चीनी मांझे के कारण मेट्रो ट्रेन के संचालन पर कई बार ब्रेक लग चुका है, इसलिए किसी भी अनहोनी से बचने के लिए मेट्रो क्षेत्र में पतंग न उड़ाएं.

जमघट पर होती है जमकर पतंगबाजी

बता दें, लखनऊ में पतंग उड़ाने के शौकीन लोग गोवर्धन पूजा और जमघट त्योहार के लिए तैयार रहते हैं. इस दिन सारे काम छोड़कर लोग जमकर पतंगबाजी करते हैं. ऐसे में ऑटो, टेम्पो, बस और ई-रिक्शा के लिए भले ही पतंगबाजी परेशानी का सबब न बनती हो, लेकिन मेट्रो की राह में मुश्किल जरूर खड़ी कर देती है. यही वजह है कि यूपीएमआरसीएल ने फिर दोहराया है कि मेट्रो कॉरिडोर के पास पतंग उड़ाना बेहद खतरनाक है. ये पतंग उड़ाने वाले व्यक्ति के लिए भी घातक व जानलेवा साबित हो सकता है.

पतंग की डोर काट सकती है जीवन की डोर

मेट्रो रेल कॉरपोरेशन की जनसम्पर्क अधिकारी पुष्पा बेलानी ने कहा कि हम सब बहुत अच्छे से जानते हैं कि लखनऊ मेट्रो 25000 वोल्ट की धारा प्रवाह वाली ओवर हेड इलेक्ट्रिफिकेशन की सहायता से चलती है. अगर किसी पतंगबाज की डोर इसके संपर्क में आ जाती है तो उस व्यक्ति के लिए मुश्किल खड़ी हो सकती है. इसके अलावा, पतंग का तार ओएचई के ट्रिपिंग का कारण भी बनता है, जिसके चलते मेट्रो सेवाएं बाधित हो जाती हैं. इससे न केवल मेट्रो संपत्ति को नुकसान होता है, बल्कि यात्रियों को भी असुविधा होती है.

कई बार मेट्रो का संचालन हुआ प्रभावित

ऐसा कई बार हो चुका है जब तार लगी पतंग कटकर ओवर हेड लाइन पर गिरी और लाइन ट्रिप हो गई. इसके चलते मेट्रो अचानक रूक गई. इसके चलते यात्रियों के साथ ही मेट्रो प्रबंधन को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ा.

पतंग विक्रेता भी करें जागरूक

उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने पतंग विक्रेताओं से भी अपील की है कि वे पतंग खरीदारों को भी जागरूक करें कि वे मेट्रो क्षेत्र के आसपास पतंग न उड़ाएं. बता दें, यूपीएमआरसीएल मेट्रो संचालन में पतंग के मांझे से होने वाले दुष्परिणामों को लेकर शहरवासियों को लगातार जागरूक भी करता है.

लखनऊ. नवाबों के शहर लखनऊ में पतंगबाजी का अपना एक क्रेज है. दिवाली के बाद गोवर्धन पूजा से लेकर जमघट तक आसमान में पतंगें ही नजर आती हैं. ऐसे में एक तरफ उमंग तो दूसरी ओर ये पतंगें शहर की परिवहन सेवा पर ब्रेक का कारण भी बन सकती हैं. इसी वजह से उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने गोवर्धन पूजा के त्योहार पर शहरवासियों से संचालित मेट्रो क्षेत्र में पतंग न उड़ाने की अपील की है. कॉरपोरेशन प्रबंधन का कहना है कि पहले भी चीनी मांझे के कारण मेट्रो ट्रेन के संचालन पर कई बार ब्रेक लग चुका है, इसलिए किसी भी अनहोनी से बचने के लिए मेट्रो क्षेत्र में पतंग न उड़ाएं.

जमघट पर होती है जमकर पतंगबाजी

बता दें, लखनऊ में पतंग उड़ाने के शौकीन लोग गोवर्धन पूजा और जमघट त्योहार के लिए तैयार रहते हैं. इस दिन सारे काम छोड़कर लोग जमकर पतंगबाजी करते हैं. ऐसे में ऑटो, टेम्पो, बस और ई-रिक्शा के लिए भले ही पतंगबाजी परेशानी का सबब न बनती हो, लेकिन मेट्रो की राह में मुश्किल जरूर खड़ी कर देती है. यही वजह है कि यूपीएमआरसीएल ने फिर दोहराया है कि मेट्रो कॉरिडोर के पास पतंग उड़ाना बेहद खतरनाक है. ये पतंग उड़ाने वाले व्यक्ति के लिए भी घातक व जानलेवा साबित हो सकता है.

पतंग की डोर काट सकती है जीवन की डोर

मेट्रो रेल कॉरपोरेशन की जनसम्पर्क अधिकारी पुष्पा बेलानी ने कहा कि हम सब बहुत अच्छे से जानते हैं कि लखनऊ मेट्रो 25000 वोल्ट की धारा प्रवाह वाली ओवर हेड इलेक्ट्रिफिकेशन की सहायता से चलती है. अगर किसी पतंगबाज की डोर इसके संपर्क में आ जाती है तो उस व्यक्ति के लिए मुश्किल खड़ी हो सकती है. इसके अलावा, पतंग का तार ओएचई के ट्रिपिंग का कारण भी बनता है, जिसके चलते मेट्रो सेवाएं बाधित हो जाती हैं. इससे न केवल मेट्रो संपत्ति को नुकसान होता है, बल्कि यात्रियों को भी असुविधा होती है.

कई बार मेट्रो का संचालन हुआ प्रभावित

ऐसा कई बार हो चुका है जब तार लगी पतंग कटकर ओवर हेड लाइन पर गिरी और लाइन ट्रिप हो गई. इसके चलते मेट्रो अचानक रूक गई. इसके चलते यात्रियों के साथ ही मेट्रो प्रबंधन को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ा.

पतंग विक्रेता भी करें जागरूक

उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने पतंग विक्रेताओं से भी अपील की है कि वे पतंग खरीदारों को भी जागरूक करें कि वे मेट्रो क्षेत्र के आसपास पतंग न उड़ाएं. बता दें, यूपीएमआरसीएल मेट्रो संचालन में पतंग के मांझे से होने वाले दुष्परिणामों को लेकर शहरवासियों को लगातार जागरूक भी करता है.

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