लखनऊ : प्रदेश में सब्जियों के दाम पर असर पड़ने से आम आदमी का बजट बिगड़ जाता है. मंडी से लेकर थोक व्यापारी और रेहड़ी पटरी तक पहुंचने में सब्जियों और अनाज के दाम कई गुना बढ़ जाते हैं. मंडी तक लाने का ट्रांसपोर्टेशन चार्ज जोड़कर सब्जियां आढ़ती तक पहुंचाई जाती हैं. आइये जानते हैं 17 मार्च को क्या रहे सब्जियों के दाम.
उत्तर प्रदेश की अगर बात करें तो किसान के सामान के कुल दाम का 5 प्रतिशत अपने आप बढ़ जाता है. किसानों को सहूलियत देने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने मंडी समिति के 2.5 प्रतिशत को कम करके 1.5 प्रतिशत कर दिया है. यानी कि किसानों को अब कुल दाम का 5 प्रतिशत की जगह 4 प्रतिशत ही देना होता है. इसके बावजूद खेत से निकलने वाला सामान जब आम जनता के किचन तक पहुंचता है तो उसका दाम आसमान तक पहुंच जाते हैं.
ये भी हैं मुख्य कारण : खेत से लेकर किचन तक इन लंबी कड़ियों के चलते जिन सामान के दाम उदाहरण के तौर पर 10 रुपए हैं, वह बढ़ते-बढ़ते 25 से 30 रुपए पहुंच जाते हैं. साथ ही साथ कई बार खराब, मौसम ट्रांसपोर्टर्स की हड़ताल और पेट्रोल-डीजल के बढ़े दाम यह सभी बड़े कारण बन जाते हैं, जिनके चलते सब्जियों के दामों में बढ़ोतरी देखने को मिलती है. इस दौरान भी कई ऐसी सब्जियां हैं जो खेत में पड़े-पड़े ही सड़ जाती हैं और वह मंडी तक नहीं पहुंच पाती हैं. जिसकी वजह से कई सब्जियों के दाम आसमान पर पहुंच जाते हैं.
मंडी के आढ़ती एसपी यादव ने बताया कि 'किसान जब अपने सामान को लेकर मंडी पहुंचता है तो वह उसमें खेत में लगने वाले दाम, लेबर का पैसा और मंडी तक लाने का शुल्क सभी जोड़कर यहां पहुंचाता है. यहां पर किसानों से आढ़ती ढाई परसेंट लेते हैं और मंडी समिति डेढ़ परसेंट लेती है, जिसके बाद सामान के दाम बढ़ने लगते हैं.'
सब्जियों के भाव प्रति किलो (मंडी भाव)
टमाटर- 12 रुपये
मटर- 60 रुपये
बैगन- 12 रुपये
गाजर- 10 रुपये
सेम- 30 रुपये
शिमला मिर्च- 18 रुपये
धनिया- 90 रुपये
भिंडी- 40 रुपये
अदरक-70 रुपये
लौकी- 14 रुपये
प्याज-12 रुपये
खीरा- 5 रुपये
कद्दू- 7 रुपये
आलू नया- 7 रुपये
आलू पुराना-9 रुपये
पालक-12 रुपये
करेला-30 रुपये
तोरई- 35 रुपये
लहसुन- 110 रुपये
परवल-40 रुपये