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Transport News : यूपी में आठ सीटर कारों के रजिस्ट्रेशन पर संकट, तय नहीं हो पा रही कैटेगरी - उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग

मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवेज ने सात सीटर और आठ सीटर कार की रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में बदलाव कर दिया है. इससे यूपी के साथ देश के सभी कार मालिकों के सामने अनचाहा संकट खड़ा हो गया है.

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Published : Jul 15, 2023, 4:39 PM IST

यूपी में आठ सीटर कारों के रजिस्ट्रेशन पर संकट. देखें खबर

लखनऊ : मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवेज ने सात सीटर और आठ सीटर कार के रजिस्ट्रेशन में तब्दीली कर दी है. इससे उत्तर प्रदेश समेत देशभर में बड़ी संख्या में वाहन स्वामियों के सामने संकट पैदा हो गया है. यूपी में ये समस्या ज्यादा गंभीर हों गई है. यहां पर एनआईसी ने चेक लगा दिया, जिससे वाहनों के रजिस्ट्रेशन में दिक्कत खड़ी हो गई. आठ सीटर कार का रजिस्ट्रेशन प्रदेश के कई आरटीओ कार्यालय में बंद कर दिया गया, आरटीओ कार्यालयों की तरफ से इसकी जानकारी परिवहन विभाग मुख्यालय को दी गई. जिसके बाद विभाग की तरफ से तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है जो एनआईसी से बात कर इस समस्या का समाधान कराने में जुटी हुई है. हालांकि तब तक के लिए विभाग ने उत्तर प्रदेश के आठ सीटर कार मालिकों को राहत देते हुए इनका रजिस्ट्रेशन कार की श्रेणी में ही कराने की अनुमति दी है. हालांकि आगे आठ सीटर कारों को मिनी बस के रूप में ही श्रेणीबद्ध करने की तैयारी है इस पर मंथन चल रहा है.

यूपी में आठ सीटर कारों के रजिस्ट्रेशन पर संकट.
यूपी में आठ सीटर कारों के रजिस्ट्रेशन पर संकट.

टीआर सेक्शन लेगा फैसला

आठ सीटर गैर व्यावसायिक यानि निजी वाहन की कैटेगरी उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग तय नहीं कर पा रहा है. परिवहन विभाग के टीआर सेक्शन की तरफ से इस सम्बंध में फैसला लिया जाना है. इस बाबत तैयार हुई फाइल के आधार पर वाहन पंजीकरण की कैटेगरी टीआर सेक्शन को तय करना है. हालांकि आठ सीटर वाहन खरीदारों की परेशानी को देखते हुए ऐसे वाहन को मोटर कार कैटेगरी में दर्ज करने की फिलहाल परमिशन दी गई है. परिवहन विभाग के मुताबिक सेवन प्लस वन यानि ऐट सीटर प्राइवेट वाहन की कैटेगरी मोटर व्हिकल एक्ट में ओमनी बस तय की गई है. हालांकि आठ सीटर प्राइवेट वाहन मोटर कार कैटेगरी में पंजीकृत किए जा रहे थे. इसका कारण ये था कि एनआईसी की ओर से वाहन पोर्टल पर कोई चेक नहीं लगाया गया था. इस दौरान भारत सरकार की तरफ से इस बाबत जारी गाइडलाइन के आधार पर एनआईसी ने वाहन पोर्टल पर ऐट सीटर वाहन के मोटर कार कैटेगरी में रजिस्ट्रेशन करने को लेकर चेक लगा दिया गया. इसके बाद ऐट सीटर वाहनों की मोटर कार श्रेणी में पंजीकरण को लेकर समस्या खड़ी हो गई. राजधानी सहित अन्य क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय से इसकी शिकायत मुख्यालय तक पहुंचने लगी.

यूपी में आठ सीटर कारों के रजिस्ट्रेशन पर संकट.
यूपी में आठ सीटर कारों के रजिस्ट्रेशन पर संकट.


फिलहाल कार में ही पंजीयन की अनुमति

जानकारी के मुताबिक वाहन स्वामियों की शिकायतों को लेकर मुख्यालय के अधिकारियों ने पड़ताल की. इसके बार आईटी सेक्शन की ओर से इस मामले की पड़ताल कर फैसला लेने के लिए फाइल टीआर सेक्शन को भेज दी. परिवहन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि साल 2021 में भारत सरकार की ओर से इस सम्बंध में ड्राफ्ट भी तैयार करा लिया गया है. इसे जारी किया जाना है, वहीं टीआर सेक्शन की ओर से यह तय किया जाना है कि आठ सीटर प्राइवेट वाहन किस श्रेणी में रजिस्टर्ड किए जाएं. यह निर्धारित होने के बाद एनआईसी की तरफ से वाहन पोर्टल पर ऐसे वाहनों की कैटेगरी को अपडेट कर दिया जाएगा. इसके बाद तय की गई कैटेगरी में ही ऐसे वाहन रजिस्टर्ड किए जा सकेंगे. वाहन स्वामियों को समस्या न हो इसके लिए अभी ऐसे वाहनों का पंजीकरण मोटर कार की श्रेणी में ही करने की इजाजत दी गई है.


यह भी पढ़ें : बीएचयू में छात्रों ने नीतीश कुमार का पुतला फूंका, बिहार में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग

यूपी में आठ सीटर कारों के रजिस्ट्रेशन पर संकट. देखें खबर

लखनऊ : मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवेज ने सात सीटर और आठ सीटर कार के रजिस्ट्रेशन में तब्दीली कर दी है. इससे उत्तर प्रदेश समेत देशभर में बड़ी संख्या में वाहन स्वामियों के सामने संकट पैदा हो गया है. यूपी में ये समस्या ज्यादा गंभीर हों गई है. यहां पर एनआईसी ने चेक लगा दिया, जिससे वाहनों के रजिस्ट्रेशन में दिक्कत खड़ी हो गई. आठ सीटर कार का रजिस्ट्रेशन प्रदेश के कई आरटीओ कार्यालय में बंद कर दिया गया, आरटीओ कार्यालयों की तरफ से इसकी जानकारी परिवहन विभाग मुख्यालय को दी गई. जिसके बाद विभाग की तरफ से तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है जो एनआईसी से बात कर इस समस्या का समाधान कराने में जुटी हुई है. हालांकि तब तक के लिए विभाग ने उत्तर प्रदेश के आठ सीटर कार मालिकों को राहत देते हुए इनका रजिस्ट्रेशन कार की श्रेणी में ही कराने की अनुमति दी है. हालांकि आगे आठ सीटर कारों को मिनी बस के रूप में ही श्रेणीबद्ध करने की तैयारी है इस पर मंथन चल रहा है.

यूपी में आठ सीटर कारों के रजिस्ट्रेशन पर संकट.
यूपी में आठ सीटर कारों के रजिस्ट्रेशन पर संकट.

टीआर सेक्शन लेगा फैसला

आठ सीटर गैर व्यावसायिक यानि निजी वाहन की कैटेगरी उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग तय नहीं कर पा रहा है. परिवहन विभाग के टीआर सेक्शन की तरफ से इस सम्बंध में फैसला लिया जाना है. इस बाबत तैयार हुई फाइल के आधार पर वाहन पंजीकरण की कैटेगरी टीआर सेक्शन को तय करना है. हालांकि आठ सीटर वाहन खरीदारों की परेशानी को देखते हुए ऐसे वाहन को मोटर कार कैटेगरी में दर्ज करने की फिलहाल परमिशन दी गई है. परिवहन विभाग के मुताबिक सेवन प्लस वन यानि ऐट सीटर प्राइवेट वाहन की कैटेगरी मोटर व्हिकल एक्ट में ओमनी बस तय की गई है. हालांकि आठ सीटर प्राइवेट वाहन मोटर कार कैटेगरी में पंजीकृत किए जा रहे थे. इसका कारण ये था कि एनआईसी की ओर से वाहन पोर्टल पर कोई चेक नहीं लगाया गया था. इस दौरान भारत सरकार की तरफ से इस बाबत जारी गाइडलाइन के आधार पर एनआईसी ने वाहन पोर्टल पर ऐट सीटर वाहन के मोटर कार कैटेगरी में रजिस्ट्रेशन करने को लेकर चेक लगा दिया गया. इसके बाद ऐट सीटर वाहनों की मोटर कार श्रेणी में पंजीकरण को लेकर समस्या खड़ी हो गई. राजधानी सहित अन्य क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय से इसकी शिकायत मुख्यालय तक पहुंचने लगी.

यूपी में आठ सीटर कारों के रजिस्ट्रेशन पर संकट.
यूपी में आठ सीटर कारों के रजिस्ट्रेशन पर संकट.


फिलहाल कार में ही पंजीयन की अनुमति

जानकारी के मुताबिक वाहन स्वामियों की शिकायतों को लेकर मुख्यालय के अधिकारियों ने पड़ताल की. इसके बार आईटी सेक्शन की ओर से इस मामले की पड़ताल कर फैसला लेने के लिए फाइल टीआर सेक्शन को भेज दी. परिवहन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि साल 2021 में भारत सरकार की ओर से इस सम्बंध में ड्राफ्ट भी तैयार करा लिया गया है. इसे जारी किया जाना है, वहीं टीआर सेक्शन की ओर से यह तय किया जाना है कि आठ सीटर प्राइवेट वाहन किस श्रेणी में रजिस्टर्ड किए जाएं. यह निर्धारित होने के बाद एनआईसी की तरफ से वाहन पोर्टल पर ऐसे वाहनों की कैटेगरी को अपडेट कर दिया जाएगा. इसके बाद तय की गई कैटेगरी में ही ऐसे वाहन रजिस्टर्ड किए जा सकेंगे. वाहन स्वामियों को समस्या न हो इसके लिए अभी ऐसे वाहनों का पंजीकरण मोटर कार की श्रेणी में ही करने की इजाजत दी गई है.


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