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वाहन स्वामियों की सुविधा वाला शासनादेश लागू नहीं कर रहा परिवहन विभाग - उत्तर प्रदेश मोटरयान नियमावली

योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश मोटरयान नियमावली 1998 को संशोधित करते हुए वाहनों को किसी भी जनपद में फिटनेस सर्टिफिकेट प्राप्त करने की सुविधा देने के लिए शासनादेश जारी किया था. इसके बावजूद परिवहन विभाग यह व्यवस्था अभी तक लागू नहीं करा सका है.

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Published : Jun 5, 2023, 11:18 AM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने महीनों पहले वाहन स्वामियों की समस्या को ध्यान में रखते हुए नियमावली में बदलाव कर दिया दिया. निर्देश भी जारी कर दिए कि वाहन स्वामी प्रदेश भर में कहीं भी वाहन की फिटनेस करा सकेंगे. यह बिल्कुल जरूरी नहीं होगा कि जिस जिले में उनकी गाड़ी रजिस्टर्ड हुई है वहीं पर फिटनेस करानी होगी. इससे लोगों के समय की बचत होगी. साथ ही पैसे भी बर्बाद नहीं होंगे. मुख्यमंत्री की तरफ से दिशा निर्देश जारी होने के बाद भी अब तक परिवहन विभाग वाहन स्वामियों के लिए फिटनेस कहीं भी कराने की सुविधा शुरू नहीं करा पाया है.

परिवहन विभाग का जवाब.
परिवहन विभाग का जवाब.



नियमों में किया गया संशोधन : उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के तरफ से शासनादेश जारी होने के बाद भी अब तक परिवहन विभाग गैर जनपद में भी वाहनों की फिटनेस की व्यवस्था वाहन स्वामियों को नहीं दे पाया है. परिवहन विभाग के अधिकारी यह भी बताने में असमर्थ हैं कि कब तक वाहनों को किसी भी जिले में फिटनेस कराने की सुविधा कब तक वाहन स्वामी को मिल सकेगी. अधिकारियों का यह कहना है कि जब जिलों में फिटनेस सेंटर तैयार हो जाएंगे और वाहनों की मशीनों से फिटनेस होना शुरू होगी तभी किसी भी जनपद में वाहन के फिटनेस कराने की सुविधा वाहन स्वामी को मिल सकेगी. मार्च माह में ही परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव वेंकटेश्वरलू ने शासनादेश के बारे में बताया था कि परिवहन विभाग ने उत्तर प्रदेश मोटरयान नियमावली 1998 में संशोधन कर दिया है. इसके मुताबिक अब प्रदेश का कोई भी वाहन किसी भी जनपद में फिटनेस टेस्ट कराकर प्रमाण पत्र हासिल कर सकेगा. वाहन की फिटनेस के लिए अपने ही गृह जनपद के आरटीओ कार्यालय की बाध्यता खत्म हो गई है. हालांकि अभी तक यह सेवा वाहन स्वामियों को मिल नहीं पाई है. अभी उन्हें जिस जिले में वाहन दर्ज है फिटनेस समाप्त होने पर दोबारा फिटनेस प्रमाण पत्र हासिल करने के लिए उसी जिले में अपना वाहन लेकर जाना पड़ रहा है. इससे वाहन स्वामियों के समय के साथ ही पैसे का भी नुकसान हो रहा है.



15 दिन में प्रमाण पत्र की सुविधा : बता दें कि अभी तक नियम है कि वाहन का रजिस्ट्रेशन जिस जिले में होता है फिटनेस टेस्ट भी वाहन स्वामी वहीं करवा सकता है. नए नियमों में अब किसी भी जिले में आरटीओ कार्यालय के फिटनेस सेंटर या प्राइवेट सेंटर पर जाकर फिटनेस टेस्ट करवाने की सुविधा सरकार की तरफ से दी गई है. नए नियमों के मुताबिक फिटनेस कराने की रिपोर्ट को वाहन पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा और 15 दिन में प्रमाण पत्र ऑनलाइन उपलब्ध हो जाएगा. फिलहाल अभी तक परिवहन विभाग ने फिटनेस में जो नए नियम आए हैं उन्हें लागू नहीं किया है. इससे अभी तक वाहन स्वामियों को अपने ही जिले के आरटीओ कार्यालय में दर्ज वाहन की फिटनेस कराने के लिए फिटनेस सेंटर जाना पड़ रहा है.





यह भी पढ़ें : सीएम योगी आदित्यनाथ ने जन्मदिन पर गोरखनाथ मंदिर में किया रुद्राभिषेक

लखनऊ : उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने महीनों पहले वाहन स्वामियों की समस्या को ध्यान में रखते हुए नियमावली में बदलाव कर दिया दिया. निर्देश भी जारी कर दिए कि वाहन स्वामी प्रदेश भर में कहीं भी वाहन की फिटनेस करा सकेंगे. यह बिल्कुल जरूरी नहीं होगा कि जिस जिले में उनकी गाड़ी रजिस्टर्ड हुई है वहीं पर फिटनेस करानी होगी. इससे लोगों के समय की बचत होगी. साथ ही पैसे भी बर्बाद नहीं होंगे. मुख्यमंत्री की तरफ से दिशा निर्देश जारी होने के बाद भी अब तक परिवहन विभाग वाहन स्वामियों के लिए फिटनेस कहीं भी कराने की सुविधा शुरू नहीं करा पाया है.

परिवहन विभाग का जवाब.
परिवहन विभाग का जवाब.



नियमों में किया गया संशोधन : उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के तरफ से शासनादेश जारी होने के बाद भी अब तक परिवहन विभाग गैर जनपद में भी वाहनों की फिटनेस की व्यवस्था वाहन स्वामियों को नहीं दे पाया है. परिवहन विभाग के अधिकारी यह भी बताने में असमर्थ हैं कि कब तक वाहनों को किसी भी जिले में फिटनेस कराने की सुविधा कब तक वाहन स्वामी को मिल सकेगी. अधिकारियों का यह कहना है कि जब जिलों में फिटनेस सेंटर तैयार हो जाएंगे और वाहनों की मशीनों से फिटनेस होना शुरू होगी तभी किसी भी जनपद में वाहन के फिटनेस कराने की सुविधा वाहन स्वामी को मिल सकेगी. मार्च माह में ही परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव वेंकटेश्वरलू ने शासनादेश के बारे में बताया था कि परिवहन विभाग ने उत्तर प्रदेश मोटरयान नियमावली 1998 में संशोधन कर दिया है. इसके मुताबिक अब प्रदेश का कोई भी वाहन किसी भी जनपद में फिटनेस टेस्ट कराकर प्रमाण पत्र हासिल कर सकेगा. वाहन की फिटनेस के लिए अपने ही गृह जनपद के आरटीओ कार्यालय की बाध्यता खत्म हो गई है. हालांकि अभी तक यह सेवा वाहन स्वामियों को मिल नहीं पाई है. अभी उन्हें जिस जिले में वाहन दर्ज है फिटनेस समाप्त होने पर दोबारा फिटनेस प्रमाण पत्र हासिल करने के लिए उसी जिले में अपना वाहन लेकर जाना पड़ रहा है. इससे वाहन स्वामियों के समय के साथ ही पैसे का भी नुकसान हो रहा है.



15 दिन में प्रमाण पत्र की सुविधा : बता दें कि अभी तक नियम है कि वाहन का रजिस्ट्रेशन जिस जिले में होता है फिटनेस टेस्ट भी वाहन स्वामी वहीं करवा सकता है. नए नियमों में अब किसी भी जिले में आरटीओ कार्यालय के फिटनेस सेंटर या प्राइवेट सेंटर पर जाकर फिटनेस टेस्ट करवाने की सुविधा सरकार की तरफ से दी गई है. नए नियमों के मुताबिक फिटनेस कराने की रिपोर्ट को वाहन पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा और 15 दिन में प्रमाण पत्र ऑनलाइन उपलब्ध हो जाएगा. फिलहाल अभी तक परिवहन विभाग ने फिटनेस में जो नए नियम आए हैं उन्हें लागू नहीं किया है. इससे अभी तक वाहन स्वामियों को अपने ही जिले के आरटीओ कार्यालय में दर्ज वाहन की फिटनेस कराने के लिए फिटनेस सेंटर जाना पड़ रहा है.





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