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प्रावधान के बावजूद यूपी में एमवीआई की तैनाती नहीं, नॉन टेक्निकल अधिकारी कर रहे वाहनों की चेकिंग

उत्तर प्रदेश में परिवहन विभाग के प्रवर्तन दस्ते वाहनों की चेकिंगकरते हैं, लेकिन टेक्निकल जांच नहीं कर पाते हैं. वजह है कि ज्यादातर अधिकारी नॉन टेक्निकल होते हैं. टेक्निकल जांच के लिए अधिकारी ही नहीं हैं.

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Published : Jun 6, 2023, 1:35 PM IST

Updated : Jun 6, 2023, 3:02 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में सड़क पर वाहनों की तकनीकी जांच के लिए अब मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर (एमवीआई) की तैनाती की जरूरत महसूस की जा रही है. देश के सभी राज्यों में मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर होते हैं, लेकिन यूपी और उत्तराखंड ही ऐसे राज्य हैं जहां पर एमवीआई की तैनाती नहीं की गई है. देखा जाए तो सड़क हादसे सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश में ही होते हैं. हादसों के पीछे बड़ी वजह वाहनों का फिट न होना सामने आता है. अनफिट वाहन सड़क पर दौड़ते हैं और नॉनटेक्निकल अधिकारियों की जांच के चलते इन वाहनों पर कार्रवाई भी नहीं हो पाती है. अगर टेक्निकल अधिकारी जांच करने सड़क पर उतरें तो वाहनों की फिटनेस मौके पर ही निरस्त की जा सकती है. उत्तर प्रदेश संभागीय निरीक्षक (प्राविधिक) सेवा संघ ने एमवीआई की तैनाती की मांग की है.

प्रमुख सचिव परिवहन वेंकटेश्वर लू
प्रमुख सचिव परिवहन वेंकटेश्वर लू
दक्षता के अभाव में नहीं हो पा रही कार्रवाई.
दक्षता के अभाव में नहीं हो पा रही कार्रवाई.
फिटनेस प्रमाण पत्र के लिए जरूरी तथ्य.
फिटनेस प्रमाण पत्र के लिए जरूरी तथ्य.
मोटर व्हीकल एक्ट के तहत एमवीआई का पद होता है, लेकिन उत्तर प्रदेश में कोई एमवीआई तैनात ही नहीं है. यहां पर वाहनों की फिटनेस जांच के लिए आरआई की तैनाती है, लेकिन इन्हें चालान का अधिकार नहीं है. उत्तर प्रदेश में आरआई कार्यालय में फिटनेस के लिए आने वाले वाहनों की जांच कर फिटनेस सर्टिफिकेट जारी करते हैं. अभी वह सड़क पर किसी भी अनफिट वाहन तक का चालान नहीं कर सकते हैं. सड़क सुरक्षा को लेकर परिवहन विभाग के जिम्मेदार कितने संजीदा हैं इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि उत्तर प्रदेश में संभागीय निरीक्षक (प्राविधिक) के 124 पद हैं, लेकिन 68 आरआई ही तैनात हैं. शेष पद रिक्त हैं. इन पदों को भरे जाने तक के जहमत नहीं उठाई जा रही है.
पदोन्नति में प्रावधान.
पदोन्नति में प्रावधान.
मोटर व्हीकल एक्ट में प्रावधान.
मोटर व्हीकल एक्ट में प्रावधान.



उत्तर प्रदेश संभागीय निरीक्षक (प्राविधिक) सेवा संघ के अध्यक्ष अजीत सिंह का कहना है कि उत्तर प्रदेश में एमवीआई की तैनाती के लिए परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र भेजकर अनुरोध किया गया है. पत्र में आरआई का नाम बदलकर एमवीआई रखने और टेक्निकल स्टाफ को बढ़ाने की मांग की गई है.




यह भी पढ़ें : Odisha Train Accident: जांच करने बालासोर घटनास्थल पहुंची CBI, ले रही जायजा

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में सड़क पर वाहनों की तकनीकी जांच के लिए अब मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर (एमवीआई) की तैनाती की जरूरत महसूस की जा रही है. देश के सभी राज्यों में मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर होते हैं, लेकिन यूपी और उत्तराखंड ही ऐसे राज्य हैं जहां पर एमवीआई की तैनाती नहीं की गई है. देखा जाए तो सड़क हादसे सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश में ही होते हैं. हादसों के पीछे बड़ी वजह वाहनों का फिट न होना सामने आता है. अनफिट वाहन सड़क पर दौड़ते हैं और नॉनटेक्निकल अधिकारियों की जांच के चलते इन वाहनों पर कार्रवाई भी नहीं हो पाती है. अगर टेक्निकल अधिकारी जांच करने सड़क पर उतरें तो वाहनों की फिटनेस मौके पर ही निरस्त की जा सकती है. उत्तर प्रदेश संभागीय निरीक्षक (प्राविधिक) सेवा संघ ने एमवीआई की तैनाती की मांग की है.

प्रमुख सचिव परिवहन वेंकटेश्वर लू
प्रमुख सचिव परिवहन वेंकटेश्वर लू
दक्षता के अभाव में नहीं हो पा रही कार्रवाई.
दक्षता के अभाव में नहीं हो पा रही कार्रवाई.
फिटनेस प्रमाण पत्र के लिए जरूरी तथ्य.
फिटनेस प्रमाण पत्र के लिए जरूरी तथ्य.
मोटर व्हीकल एक्ट के तहत एमवीआई का पद होता है, लेकिन उत्तर प्रदेश में कोई एमवीआई तैनात ही नहीं है. यहां पर वाहनों की फिटनेस जांच के लिए आरआई की तैनाती है, लेकिन इन्हें चालान का अधिकार नहीं है. उत्तर प्रदेश में आरआई कार्यालय में फिटनेस के लिए आने वाले वाहनों की जांच कर फिटनेस सर्टिफिकेट जारी करते हैं. अभी वह सड़क पर किसी भी अनफिट वाहन तक का चालान नहीं कर सकते हैं. सड़क सुरक्षा को लेकर परिवहन विभाग के जिम्मेदार कितने संजीदा हैं इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि उत्तर प्रदेश में संभागीय निरीक्षक (प्राविधिक) के 124 पद हैं, लेकिन 68 आरआई ही तैनात हैं. शेष पद रिक्त हैं. इन पदों को भरे जाने तक के जहमत नहीं उठाई जा रही है.
पदोन्नति में प्रावधान.
पदोन्नति में प्रावधान.
मोटर व्हीकल एक्ट में प्रावधान.
मोटर व्हीकल एक्ट में प्रावधान.



उत्तर प्रदेश संभागीय निरीक्षक (प्राविधिक) सेवा संघ के अध्यक्ष अजीत सिंह का कहना है कि उत्तर प्रदेश में एमवीआई की तैनाती के लिए परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र भेजकर अनुरोध किया गया है. पत्र में आरआई का नाम बदलकर एमवीआई रखने और टेक्निकल स्टाफ को बढ़ाने की मांग की गई है.




यह भी पढ़ें : Odisha Train Accident: जांच करने बालासोर घटनास्थल पहुंची CBI, ले रही जायजा

Last Updated : Jun 6, 2023, 3:02 PM IST
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