लखनऊः पंचायती राज विभाग से जुड़े अधिकारी बताते हैं कि स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत इज्जत घर निर्माण में वर्ष 2017-18, 2018-19 और 2019-20 में देशभर में उत्तर प्रदेश का पहला स्थान रहा है. इस योजना के तहत कुल 2 करोड़ 18 लाख इज्जत घरों का निर्माण कराया गया. इज्जत घर निर्माण में चार सालों में कुल 24,409, 48 करोड़ रुपये खर्च किया गया.
निर्माण हुआ तो मिला रोजगार भी
सामुदायिक शौचालय का निर्माण हुआ तो इनके रखरखाव के लिए भी सरकार ने नीति बनाई. स्वयं सहायता समूहों को इसके लिए चुना गया. रोजगार की दृष्टि में कुल 19.62 करोड़ तय किए गए हैं. अधिकारियों ने बताया कि भारत सरकार के पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने निर्धारित अवधि 2 अक्टूबर 2019 से एक वर्ष पूर्व 2018 में ही प्रदेश के 75 जिलों को ओडीएफ घोषित किया है.
इतने शौचालयों का लक्ष्य, इतने का निर्माण
हाल ही में प्रदेश के पंचायतीराज मंत्री भूपेंद्र चौधरी ने बताया था कि सामुदायिक शौचालय निर्माण (वर्ष 2020-21) में प्रदेश की 58,756 से अधिक ग्राम पंचायतों में सामुदायिक शौचालय के निर्माण का लक्ष्य तय किया गया है. इसके सापेक्ष 43,830 सामुदायिक शौचालयों का निर्माण पूर्ण कराया गया है. लक्षित सामुदायिक शौचालयों के सापेक्ष कुल एक करोड़ से अधिक मानव दिवस का सृजन ग्रामीण क्षेत्रों के राजगीरों और श्रमिकों के लिए किया गया है. उन्होंने बताया कि सामुदायिक शौचालयों के निर्माण में लगभग 2,800 करोड़ के प्रस्तावित व्यय के सापेक्ष अब तक लगभग 22,00 करोड़ रुपये खर्च किया गया है.
2017-18 में मिला स्कॉच अवार्ड
विभागीय अधिकारियों ने बताया कि वर्ष 2017-18 में स्काॅच अवार्ड में रजत पदक, राष्ट्रीय स्तर पर ग्रामीण विकास क्षेत्र में सर्वाधिक शौचालय निर्माण एवं प्रभावी जागरूकता कार्यक्रम संचालित करने के लिए उत्तर प्रदेश को पुरस्कृत किया गया है. भूपेंद्र चौधरी ने बताया कि उत्तर प्रदेश को नेशनल एनुअल रूरल सैनीटेशन सर्वे (नार्स) में उत्कृष्ट प्रदर्शन के आधार पर भारत सरकार से 735 करोड़ रुपये प्रोत्साहन धनराशि प्राप्त हुई है. बताया कि वर्ष 2020-21 में गरीब कल्याण रोजगार अभियान में राज्यों के बीच सामुदायिक स्वच्छता अभियान में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्य का पुरस्कार उत्तर प्रदेश को मिला है. स्वच्छ सुंदर सामुदायिक शौचालय में द्वितीय पुरस्कार मिला है.
इन जिलों को सबसे ज्यादा शौचालय बनाने पर पुरस्कार
प्रदेश के दो जनपदों बरेली और अलीगढ़ (गरीब कल्याण योजना से अतिरिक्त) को समयान्तर्गत सर्वाधिक शौचालय निमार्ण के लिए राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम और द्वितीय श्रेणी में पुरस्कृत किया गया है. अधिकारियों के मुताबिक स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत खुले में शौचमुक्त (ओडीएफ) ग्राम के स्थायित्व को बनाए रखते हुए ओडीएफ प्लस अभियान में लोगों को जोड़ा गया है.
अब सॉलिड और लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट का नम्बर
स्वच्छ भारत मिशन में अभी तक सर्वाधिक दो लाख 18 हजार व्यक्तिगत शौचालय उत्तर प्रदेश में बनाए गए हैं. काफी बड़ी संख्या में इनका प्रयोग हो रहा है और ओडीएफ को कंट्रोल करने में इसमें काफी मदद मिली है. इसके बाद दूसरे चरण में बहुत बड़े पैमाने पर सामुदायिक शौचालयों का निर्माण किया गया. लगभग 58,000 पंचायतों में एक-एक शौचालय बनाने का टारगेट तय किया गया. अब तक 51,000 शौचालयों का निर्माण करा दिया गया है.
पंचायातीराज विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने एक बहुत महत्वपूर्ण निर्णय लिया है कि सामुदायिक शौचालय के लिए रखरखाव बहुत आवश्यक है. इसके लिए स्वयं सहायता समूह के जरिए इसका रखरखाव किया जाएगा. इसके लिए हर माह 6000 का भुगतान करते हुए व्यवस्था बनाई गई है. अगले चरण में सॉलिड और लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट का काम है. उस दिशा में अब काम किया जा रहा है. इस साल अभी तक 16 सौ करोड़ रुपये का काम किया. उसमें बड़ा इन्वेस्टमेंट कम्युनिटी टॉयलेट में हुआ है. सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट और लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए हर पंचायत की कार्य योजना बन रही है. उसके बाद बड़े पैमाने पर इस कार्य को रोल आउट किया जाएगा.