लखनऊ: गुरुवार को राजस्थान के कोटा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश के एजुकेशन हब के पास रहने वाले छात्रों को नशे की लत लगाने वाले गिरोह का एसटीएफ ने खुलासा किया. लखनऊ से गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार कर, इनके पास से एक करोड़ की चरस बरामद की गई. ये सभी नेपाल से चरस लाकर राजस्थान ले जा रहे थे.
यूपी एसटीएफ एसएसपी विशाल विक्रम सिंह (UP STF SSP Vishal Vikram Singh) ने बताया कि गुरुवार को मुखबिर से सूचना मिली थी कि एक गिरोह नेपाल से छोटी गाड़ियों से चरस लेकर आ रहा है. इसे वो यहां राजस्थान से आए अन्य सदस्यों को दे देंगे. इन्हें पकड़ने के लिए टीम गठित की गई थी. कृष्णा नगर क्षेत्र में लखनऊ-कानपुर मुख्य मार्ग पर थाने से करीब 200-250 मीटर आगे खड़ी तीन गाड़ियों की घेराबंदी कर तीन तस्करों को गिरफ्तार किया गया. इनके पास से 20 किलो ग्राम अवैध चरस की बरामदगी की गयी. इसकी बाजार में कीमत एक करोड़ से अधिक है.
गिरफ्तार हुए आफताब, सलमान और अनिल शुक्ला ने बताया कि ये लोग नेपाल से चरस लाकर कोटा राजस्थान ले जा रहे थे. इनके मुताबिक इस चरस की वहां प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले बच्चों में काफी मांग है. कोटा कोचिंग पढ़ने वाले लड़के और लड़कियों का हब है. इन्हें वह चरस फुटकर में सप्लाई करता है. चरस की कीमत माल बेचने की उपरान्त अनिल, आफताब और सलमान को ऑनलाइन के माध्यम से खाते में ट्रान्सफर कर दी जाती है. सलमान ने पूछताछ में बताया कि वह लोग दो साल से नेपाल से चरस लाकर कोटा निवासी अनिल कुमार शुक्ल को देते थे.
यह तस्कर पुलिस चेकिंग से बचने के लिए स्थानीय नंबर वाली छोटी कार का प्रयोग करते थे. एसटीएफ अब इन से जुड़े लोगों की तलाश कर रही है. एसएसपी एसटीएफ ने बताया कि ये गिरोह जानबूझ (UP STF caught marijuana worth one crore) कर छोटी गाड़ियों का इस्तेमाल चरस की तस्करी के लिए करते हैं. इससे नेपाल से राजस्थान तक किसी को भी इन पर शक नहीं होता है. एसएसपी के मुताबिक, ये लोग जब चेकिंग अधिक होती है, तो कार में महिलाओं को भी साथ लेकर चलते है. इसके चलते पुलिस इन्हें ज्यादा चेक नहीं करती है. इसका फायदा उठाकर ये लोग आसानी से नशीले सामानों की तस्करी कर लेते हैं.
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