लखनऊ: कानपुर स्थित बिकरू गांव में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले में एसटीएफ को एक और कामयाबी हाथ लगी है. एसटीएफ ने एनकाउंटर में मारे गए आरोपी विकास दुबे के सहयोगी बाल गोविंद दुबे को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तारी के बाद एसटीएफ ने बाल गोविंद दुबे से लंबी पूछताछ की है, जिसमें कई खुलासे हुए हैं.
पूछताछ में बाल गोविंद चौधरी ने इस बात को स्वीकारा है कि घटना के दिन विकास दुबे ने उसे मौके पर बुलाया था, जहां पर पहले से ही 50 से 60 लोग मौजूद थे. मौके पर बुलाने के बाद उसे देसी बम और हथियार दिए गए और कहा गया कि आज पुलिस हमें गिरफ्तार करने आ रही है, जिन्हें जिंदा वापस नहीं जाने देना है. घटना को अंजाम देने के बाद बाल गोविंद दुबे वहां से फरार हो गया था, जिसे एसटीएफ की टीम ने चित्रकूट से गिरफ्तार किया है.
दरअसल, दो जुलाई को कानपुर के बिकरू गांव में विकास दुबे ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर 8 पुलिस कर्मचारियों को मौत के घाट उतार दिया था. इसके बाद चौबेपुर थाने में हत्या, हत्या का प्रयास, 7 सीएलए एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी, जिसमें 21 लोगों को नामजद किया गया था. वहीं 70 लोगों को अज्ञात दिखाया था, जिसके बाद लगातार एसटीएफ और पुलिस ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रही है. हालांकि मुख्य आरोपी विकास दुबे को पुलिस एनकाउंटर में मार गिराया था.
पुलिस ने मुख्य आरोपी विकास दुबे को उज्जैन मध्य प्रदेश से गिरफ्तार किया था. वापस लाते समय एनकाउंटर में विकास दुबे मारा गया. वहीं, इस पूरे मामले की जांच के लिए शासन स्तर पर एसआईटी का गठन किया गया है. विकास दुबे एनकाउंटर मामले की जांच के लिए न्यायिक आयोग का गठन किया गया है जो इस पूरे मामले की जांच कर रही है.