लखनऊः उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने अपना 55वां स्थापना दिवस मनाया. कार्यक्रम के दौरान परिषद के संस्थापक सदस्य बीएन सिंह और पीएन शुक्ल के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें याद किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रदेश अध्यक्ष हरिशंकर तिवारी ने बताया कि तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारियों के संबंध में से साल 1966 में परिषद की आधारशिला रखी गई है. पदाधिकारियों ने कहा कि सरकार कर्मचारियों को मजबूर और मजदूर बनाने पर तुली हुई है.
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राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रदेश अध्यक्ष हरिशंकर तिवारी ने परिषद के संस्थापक सदस्य के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी. उन्होंने कहा कि परिषद की आधारशिला रखने और कर्मचारियों को उनका हक दिलाने में संस्थापकों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. उनके संघर्षों को याद करते हुए उन्होंने कहा कि आज प्रदेश में परिषद महत्वपूर्ण संगठन बन चुका है.
कर्मचारियों की समस्याओं से अवगत कराने के बाद भी नहीं हो रहे सुधार
परिषद के अध्यक्ष ने कहा कि पहले की अपेक्षा मौजूदा दौर में सरकार और राजनेता कर्मचारियों की समस्याओं को अनदेखा कर रहे हैं. उन्होंने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि बार-बार पत्राचार के माध्यम से समस्याओं से अवगत कराने के बाद भी कर्मचारियों का हक बेदर्दी से छीना जा रहा है. कर्मचारियों के हित की लड़ाई लड़ने के लिए उन्होंने सभी संगठनों से एकजुट होकर संघर्ष करने का आह्वान किया है.
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कर्मचारियों को कमजोर मजदूर बनाने पर तुली सरकार
प्रदेश महामंत्री शिव सिंह यादव ने कहा कि प्रदेश का राज्य कर्मचारी सबसे कठिन दौर से गुजर रहा है. उसे संगठन की शक्ति पर ही भरोसा है, हमें एकजुटता से अपने अधिकार हासिल करने होंगे. उन्होंने कहा कि पुरानी पेंशन नीति को बहाल न करके सरकार कर्मचारियों को मजबूर और मजदूर बनाने पर तुली हुई है. संविदा व आउटसोर्सिंग के नाम पर युवा बेरोजगारों के साथ धोखा दिया जा रहा है. तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के हजारों पद रिक्त हुए हैं. नियमित नियुक्तियां नहीं की जा रही है.