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शिक्षा मंत्री के भाई गरीब कोटे से बन गए प्रोफेसर, राजभवन ने किया जवाब तलब

बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ. सतीश चंद्र द्विवेदी के भाई डॉ. अरुण द्विवेदी की ईडब्ल्यूएस (EWS) कोटे में नियुक्ति को लेकर चल रहे विवाद में नया मोड़ आ गया है. विवाद के बीच सोमवार को राजभवन ने इस मामले में हस्तक्षेप किया है. राजभवन की ओर से सिद्धार्थ विश्वविद्यालय प्रशासन को पत्र जारी कर इस मामले में स्थिति स्पष्ट करने को कहा गया है.

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल.
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल.
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Published : May 24, 2021, 4:27 PM IST

Updated : May 24, 2021, 7:11 PM IST

लखनऊ: बेसिक शिक्षा मंत्री के छोटे भाई डॉ. अरुण द्विवेदी की नियुक्ति सिद्धार्थ विश्वविद्यालय कपिलवस्तु के मनोविज्ञान विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर की गई है. कुलसचिव की ओर से शुक्रवार को उसका नियुक्ति पत्र जारी किया गया. यहां असिस्टेंट प्रोफेसर के 2 पद थे. एक पद ओबीसी वर्ग और दूसरा आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य अभ्यर्थी के लिए आरक्षित था. इन पदों पर 2 नियुक्तियां की गईं. डॉक्टर हरेंद्र शर्मा को ओबीसी पद और डॉक्टर अरुण कुमार द्विवेदी की नियुक्ति ईडब्ल्यूएस कोटे में की गई. डॉ. अरुण कुमार द्विवेदी बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश चंद्र द्विवेदी के छोटे भाई हैं.

एक दिन पहले ही बढ़ा था कुलपति का कार्यकाल

सिद्धार्थ विश्वविद्यालय के कुलपति सुरेंद्र दुबे का कार्यकाल 21 मई को पूरा हो गया था, लेकिन सरकार ने 1 दिन पहले यानी 20 मई को उनका कार्यकाल नियमित कुलपति की नियुक्ति तक बढ़ा दिया था. अब ऐसे में कई सवाल खड़े हो रहे हैं. हालांकि विश्वविद्यालय प्रशासन लगातार इस पर अपना बचाव करता नजर आ रहा है. कुलपति डॉक्टर सुरेंद्र दुबे का कहना है कि सिर्फ दो नहीं बल्कि 7 नियुक्तियां हुई हैं. नियुक्तियां अभ्यर्थियों की योग्यता के आधार पर की गई है. बता दें, ईडब्ल्यूएस कोटे का लाभ सामान्यतः उन अभ्यर्थियों को दिया जाता है जिनकी फैमिली इनकम 8 लाख वार्षिक से कम हो.

पूर्व आईपीएस ने राज्यपाल से की थी मांग

पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर की ओर से इस पूरे मामले पर राजभवन के स्तर पर जांच किए जाने की मांग उठाई गई थी. उन्होंने मंत्री के भाई को जारी किए गए ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट पर सवाल उठाए हैं. इसी सर्टिफिकेट के आधार पर मंत्री के भाई की नियुक्ति हुई है.

विपक्ष खड़ा कर रहा सवाल

इस पूरे मामले पर सरकार पर भी उंगलियां उठने लगी हैं. विपक्ष की ओर से लगातार सवाल खड़े किए जा रहे हैं. यहां तक कि मंत्री तक के इस्तीफे की मांग की जाने लगी है.

लखनऊ: बेसिक शिक्षा मंत्री के छोटे भाई डॉ. अरुण द्विवेदी की नियुक्ति सिद्धार्थ विश्वविद्यालय कपिलवस्तु के मनोविज्ञान विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर की गई है. कुलसचिव की ओर से शुक्रवार को उसका नियुक्ति पत्र जारी किया गया. यहां असिस्टेंट प्रोफेसर के 2 पद थे. एक पद ओबीसी वर्ग और दूसरा आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य अभ्यर्थी के लिए आरक्षित था. इन पदों पर 2 नियुक्तियां की गईं. डॉक्टर हरेंद्र शर्मा को ओबीसी पद और डॉक्टर अरुण कुमार द्विवेदी की नियुक्ति ईडब्ल्यूएस कोटे में की गई. डॉ. अरुण कुमार द्विवेदी बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश चंद्र द्विवेदी के छोटे भाई हैं.

एक दिन पहले ही बढ़ा था कुलपति का कार्यकाल

सिद्धार्थ विश्वविद्यालय के कुलपति सुरेंद्र दुबे का कार्यकाल 21 मई को पूरा हो गया था, लेकिन सरकार ने 1 दिन पहले यानी 20 मई को उनका कार्यकाल नियमित कुलपति की नियुक्ति तक बढ़ा दिया था. अब ऐसे में कई सवाल खड़े हो रहे हैं. हालांकि विश्वविद्यालय प्रशासन लगातार इस पर अपना बचाव करता नजर आ रहा है. कुलपति डॉक्टर सुरेंद्र दुबे का कहना है कि सिर्फ दो नहीं बल्कि 7 नियुक्तियां हुई हैं. नियुक्तियां अभ्यर्थियों की योग्यता के आधार पर की गई है. बता दें, ईडब्ल्यूएस कोटे का लाभ सामान्यतः उन अभ्यर्थियों को दिया जाता है जिनकी फैमिली इनकम 8 लाख वार्षिक से कम हो.

पूर्व आईपीएस ने राज्यपाल से की थी मांग

पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर की ओर से इस पूरे मामले पर राजभवन के स्तर पर जांच किए जाने की मांग उठाई गई थी. उन्होंने मंत्री के भाई को जारी किए गए ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट पर सवाल उठाए हैं. इसी सर्टिफिकेट के आधार पर मंत्री के भाई की नियुक्ति हुई है.

विपक्ष खड़ा कर रहा सवाल

इस पूरे मामले पर सरकार पर भी उंगलियां उठने लगी हैं. विपक्ष की ओर से लगातार सवाल खड़े किए जा रहे हैं. यहां तक कि मंत्री तक के इस्तीफे की मांग की जाने लगी है.

Last Updated : May 24, 2021, 7:11 PM IST
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