ललितपुरः यूपी ब्यूरोक्रेसी के एक चर्चित आईएएस एक बार फिर चर्चा में हैं. जिले के डीएम के रूप में काम कर रहे इन अफसर के नाम चुनाव में 100 फीसदी वोटिंग कराने की उपलब्धि है. इस बार ये अफसर अपने एक नए काम की वजह से चर्चा में आए हैं. चलिए आपको आगे इसके बारे में बताते हैं.
दरअसल, ललितपुर के डीएम अक्षय त्रिपाठी ने ग्रामीण क्षेत्रों में 101 मनरेगा खेल मैदान को बनवा दिया है. इतनी बड़ी तादाद में खेल मैदानों को बनवाने की वजह बच्चों को खेल में ज्यादा से ज्यादा आगे लाना है. शुक्रवार को जिले में पहुंचे प्रभारी मंत्री दानिश आजाद अंसारी, राज्य मंत्री अल्पसंख्यक कल्याण, मुस्लिम वफ एवं हज ने इन 101 मनरेगा खेल मैदानों का उद्धाटन किया. मंत्री ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों के खिलाड़ियों को ध्यान में रखते हुए मैदानों का निर्णाण कराया गया है. प्रभारी मंत्री ने स्कूल का भ्रमण कर कई दिशा-निर्देश भी दिए.
101 मैदान बन चुके हैंः डीसी मनरेगा रमेश कुमार ने बताया कि मनरेगा को आधार बनाकर जनपद की कुल 415 ग्राम पंचायतों में से प्रथम चरण में 113 ग्राम पंचायतों में खेल मैदान बनाने का निर्णय लिया गया है. दूसरे चरण में पुन: 100 खेल मैदानों का निर्माण 15 अगस्त 2025 तक कराते हुए प्रति दो ग्राम पंचायतों पर एक खेल मैदान की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी. अब तक 101 मनरेगा खेल मैदान का निर्माण कराया जा चुका है.
क्या-क्या खेल हो सकेंगेः इन खेल के मैदानों पर क्रिकेट पिच, बैडमिंटन कोर्ट, बास्केटबॉल कोर्ट, वालीबाल कोर्ट, फुटबॉल, जॉगिंग ट्रैक, बाउंड्री आदि की व्यवस्था की गई है. इसके अलावा चेंजिंग रूम की सुविधा उपलब्ध कराई गई है. खेल मैदानों के निर्माण में खेल विभाग के विशेषज्ञ कोचों का गहन पर्यवेक्षण रहा है. खेल मैदानों के संचालन में युवक मंगल दलों एवं खेल संघों को भूमिका प्रदान की गई है. यह भी निर्णय लिया गया है कि विकास खंड स्तर पर विभिन्न खेलों के कोच की नियुक्ति करके साप्ताहिक आधार पर इन खेल मैदानों में ग्रामीण बच्चों के खेल प्रशिक्षण का आयोजन किया जाएगा. जिले के 6 ब्लॉक में 101 खेल मैदान तैयार किए गए हैं. कुल मिलाकर 16.85 करोड़ का व्यय किया गया है.
निजी खर्च से बुलवाए थे वोटरः जिलाधिकारी अक्षय त्रिपाठी ने बताया कि जहां एक ओर लोगों को मतदान के लिए जागरूक किया गया था वहीं कई मतदाताओं को अधिकारियों ने अपने निजी खर्च पर बुला कर मतदान कराया था. उदारण के तौर पर उन्होंने बताया कि बम्होरी नागल एक मतदाता दिल्ली में सरकारी जॉब करता था, वह चुनावी ड्यूटी कर रहे थे ऐसे में उनका आना कठिन हो रहा था जिसके बाम वहां के जिलाधिकारी से बात कर उनका वोट डलवाया था. इसके चलते बम्होरी नागल में 100 प्रतिशत प्रतिशत मतदान संभव हुआ था.