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Electricity Workers Strike को लेकर नाराज हैं सीएम, ऊर्जा मंत्री की बैठक में हो सकता है कड़ा फैसला - विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति

बिजली कर्मचारियों की हड़ताल से मुख्यमंत्री सख्त नाराज हैं. कोर्ट ने भी कई हड़ताली नेताओं को तलब किया है. अब ऊर्जा मंत्री की बैठक में कड़ा फैसला लिए जाने की बात सामने आ रही है. इसके पहले 242 संविदाकर्मियों की बर्खास्तगी के साथ विद्युत वितरण फर्मों पर कार्रवाई की गई है.

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Published : Mar 18, 2023, 1:22 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में गुरुवार रात 10 बजे से 72 घंटे की शुरू हुई बिजली कर्मचारियों की हड़ताल को लेकर बिजली संकट गहरा गया है. प्रदेश भर में बिजली को लेकर त्राहि-त्राहि मची हुई है. जनता को हो रही दिक्कतों को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नाराज हैं. अब मुख्यमंत्री के साथ ऊर्जा मंत्री की बैठक होगी, जिसमें कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है. मुख्यमंत्री ने हड़ताल कर रहे कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कही है. सूत्र यह भी बताते हैं कि हड़ताल खत्म कराने के लिए विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के चेयरमैन एम. देवराज को हटाने की मांग पर सहमति बन सकती है.


242 संविदाकर्मी बर्खास्त, फर्मों पर कार्रवाई : बिजली की हड़ताल में शामिल 242 संविदा कर्मचारियों की सेवा समाप्त हो गई है. उन्हें बर्खास्त कर दिया गया है. इनमें सबसे ज्यादा संविदाकर्मियों की नौकरी कुशीनगर में गई है. यहां पर 150 संविदा कर्मियों को बर्खास्त किया गया है. यह सभी संविदाकर्मी हड़ताल में शामिल हुए थे. इसके अलावा कुशीनगर के कसया के 17, प्रतापगढ़ के 25, बलिया के 12, देवरिया के 24 और गोरखपुर के 14 संविदाकर्मियों को नौकरी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है. इसके अलावा मेसर्स एसएमएम इंफ्राटेक, मैसर्स ग्लोब टैंक क्रिएशन, मेसर्स जीम, मेसर्स वर्ड क्लास लिमिटेड फर्म पर हड़ताल में शामिल होने वाले अपने संविदा कर्मचारियों को मना न कर पाने के चलते कार्रवाई की गई है.


कोर्ट ने इन नेताओं को किया तलब, डायरेक्टर ने भी भेजा खत : हाईकोर्ट ने सोमवार को हड़ताल कर रहे बिजली संगठनों के नेताओं को तालाब किया है. इनमें विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे, उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत परिषद अभियंता संघ के महासचिव जितेंद्र सिंह गुर्जर, राज्य विद्युत परिषद अभियंता संघ के महासचिव जीवी पटेल, उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम अधिकारी एसोसिएशन के महासचिव मनीष कुमार मिश्र, उत्तर प्रदेश बिजली कर्मचारी संघ के मुख्य महामंत्री महेंद्र राय, उत्तर प्रदेश बिजली मजदूर संगठन के महामंत्री सुहैल आबिद, हाइड्रो इलेक्ट्रिक एंप्लाइज यूनियन के प्रमुख महामंत्री पीके दीक्षित, उत्तर प्रदेश विद्युत मजदूर संघ के महामंत्री शशिकांत श्रीवास्तव, राज्य विद्युत प्राविधिक कर्मचारी संघ के केंद्रीय महासचिव मोहम्मद वसीम, विद्युत कार्यालय सहायक संघ के वरिष्ठ उपाध्याय योगेंद्र कुमार, यूपी बिजली बोर्ड कर्मचारी संघ के महामन्त्री विशंभर सिंह, विद्युत कार्यालय कार्मिक संघ के प्रांतीय महामंत्री राम सहारे वर्मा, उत्तर प्रदेश ताप विद्युत मजदुर संघ के अध्यक्ष शंभू रतन दीक्षित, उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत परिषद श्रमिक संघ के अध्यक्ष पीएस वाजपेयी, विद्युत पैरामेडिकल एसोसिएशन के महामंत्री जीपी सिंह, विद्युत मजदुर यूनियन के अध्यक्ष रफीक अहमद, उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन निविद संविदा कर्मचारी संघ के महामंत्री देवेंद्र पांडेय, विद्युत कर्मचारी मोर्चा संगठन के प्रदेश अध्यक्ष छोटे लाल दीक्षित और विद्युत मजदुर संगठन के अध्यक्ष आर वाई शुक्ला को कोर्ट से तलब किया गया है.

कई उत्पादन इकाइयों से उत्पादन बंद : बिजलीकर्मियों की हड़ताल का असर साफ तौर पर वितरण के साथ ही उत्पादन पर भी पड़ रहा है. वितरण न हो पाने से जनता के सामने बड़ा बिजली संकट पैदा हो गया है. वहीं उत्पादन निगम से उत्पादन इकाइयों के कर्मचारियों के काम ठप करने से ओबरा और अनपरा समेत अन्य इकाइयां ठप हो गई हैं जिसका असर बिजली पर पड़ रहा है.

यह भी पढ़ें : Sextortion Case in UP : सेक्सटॉर्शन में फंसे लोगों का थानों में उड़ता है मजाक, इसलिए FIR दर्ज नहीं कराते लोग

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में गुरुवार रात 10 बजे से 72 घंटे की शुरू हुई बिजली कर्मचारियों की हड़ताल को लेकर बिजली संकट गहरा गया है. प्रदेश भर में बिजली को लेकर त्राहि-त्राहि मची हुई है. जनता को हो रही दिक्कतों को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नाराज हैं. अब मुख्यमंत्री के साथ ऊर्जा मंत्री की बैठक होगी, जिसमें कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है. मुख्यमंत्री ने हड़ताल कर रहे कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कही है. सूत्र यह भी बताते हैं कि हड़ताल खत्म कराने के लिए विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के चेयरमैन एम. देवराज को हटाने की मांग पर सहमति बन सकती है.


242 संविदाकर्मी बर्खास्त, फर्मों पर कार्रवाई : बिजली की हड़ताल में शामिल 242 संविदा कर्मचारियों की सेवा समाप्त हो गई है. उन्हें बर्खास्त कर दिया गया है. इनमें सबसे ज्यादा संविदाकर्मियों की नौकरी कुशीनगर में गई है. यहां पर 150 संविदा कर्मियों को बर्खास्त किया गया है. यह सभी संविदाकर्मी हड़ताल में शामिल हुए थे. इसके अलावा कुशीनगर के कसया के 17, प्रतापगढ़ के 25, बलिया के 12, देवरिया के 24 और गोरखपुर के 14 संविदाकर्मियों को नौकरी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है. इसके अलावा मेसर्स एसएमएम इंफ्राटेक, मैसर्स ग्लोब टैंक क्रिएशन, मेसर्स जीम, मेसर्स वर्ड क्लास लिमिटेड फर्म पर हड़ताल में शामिल होने वाले अपने संविदा कर्मचारियों को मना न कर पाने के चलते कार्रवाई की गई है.


कोर्ट ने इन नेताओं को किया तलब, डायरेक्टर ने भी भेजा खत : हाईकोर्ट ने सोमवार को हड़ताल कर रहे बिजली संगठनों के नेताओं को तालाब किया है. इनमें विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे, उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत परिषद अभियंता संघ के महासचिव जितेंद्र सिंह गुर्जर, राज्य विद्युत परिषद अभियंता संघ के महासचिव जीवी पटेल, उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम अधिकारी एसोसिएशन के महासचिव मनीष कुमार मिश्र, उत्तर प्रदेश बिजली कर्मचारी संघ के मुख्य महामंत्री महेंद्र राय, उत्तर प्रदेश बिजली मजदूर संगठन के महामंत्री सुहैल आबिद, हाइड्रो इलेक्ट्रिक एंप्लाइज यूनियन के प्रमुख महामंत्री पीके दीक्षित, उत्तर प्रदेश विद्युत मजदूर संघ के महामंत्री शशिकांत श्रीवास्तव, राज्य विद्युत प्राविधिक कर्मचारी संघ के केंद्रीय महासचिव मोहम्मद वसीम, विद्युत कार्यालय सहायक संघ के वरिष्ठ उपाध्याय योगेंद्र कुमार, यूपी बिजली बोर्ड कर्मचारी संघ के महामन्त्री विशंभर सिंह, विद्युत कार्यालय कार्मिक संघ के प्रांतीय महामंत्री राम सहारे वर्मा, उत्तर प्रदेश ताप विद्युत मजदुर संघ के अध्यक्ष शंभू रतन दीक्षित, उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत परिषद श्रमिक संघ के अध्यक्ष पीएस वाजपेयी, विद्युत पैरामेडिकल एसोसिएशन के महामंत्री जीपी सिंह, विद्युत मजदुर यूनियन के अध्यक्ष रफीक अहमद, उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन निविद संविदा कर्मचारी संघ के महामंत्री देवेंद्र पांडेय, विद्युत कर्मचारी मोर्चा संगठन के प्रदेश अध्यक्ष छोटे लाल दीक्षित और विद्युत मजदुर संगठन के अध्यक्ष आर वाई शुक्ला को कोर्ट से तलब किया गया है.

कई उत्पादन इकाइयों से उत्पादन बंद : बिजलीकर्मियों की हड़ताल का असर साफ तौर पर वितरण के साथ ही उत्पादन पर भी पड़ रहा है. वितरण न हो पाने से जनता के सामने बड़ा बिजली संकट पैदा हो गया है. वहीं उत्पादन निगम से उत्पादन इकाइयों के कर्मचारियों के काम ठप करने से ओबरा और अनपरा समेत अन्य इकाइयां ठप हो गई हैं जिसका असर बिजली पर पड़ रहा है.

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