लखनऊ: एक ओर जहां लोकसभा चुनाव के बाद उत्तर प्रदेश में कई आपराधिक घटनाएं सामने आई हैं. जिसको लेकर उत्तर प्रदेश सरकार का यूपी पुलिस के प्रति सख्त रवैया भी देखने को मिला है. इसी बीच टि्वटर पर प्रियंका गांधी के ट्वीट व यूपी पुलिस के जवाबी ट्वीट को लेकर नई बहस छिड़ गई है. बहस इस बात की है कि जहां एक ओर तमाम आपराधिक घटनाएं सामने आ रही हैं. वहीं दूसरी ओर उत्तर प्रदेश पुलिस प्रियंका गांधी को ट्विटर पर जवाब देते हुए आंकड़े गिना रही है.
यूपी पुलिस ने ट्वीट कर दिया जवाब-
- यूपी पुलिस ट्विटर अकाउंट से प्रियंका गांधी वाड्रा को जवाब दिया है.
- पहले ट्वीट में लिखा गया कि 'गंभीर अपराधों में यूपी पुलिस द्वारा अपराधियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की गई है.
- 2 सालों में 9225 अपराधी गिरफ्तार हुए हैं और 81 मारे गए हैं.
- रासुका से प्रभावित कार्रवाई कर लगभग दो अरब की संपत्ति जब्त की गई है.
- डकैती, हत्या, लूट जैसी घटनाओं में अप्रत्याशित कमी आई है.
ट्वीट को लेकर चर्चाएं गर्म-
- यूपी पुलिस के ट्विटर हैंडल अकाउंट से इस ट्वीट के बाद चर्चाएं गर्म हो गई है.
- जब पिछले 2 वर्षों में इस तरह कार्रवाई की गई है तो फिर लगातार अपराध की घटनाएं सामने क्यों आ रही है.
- ध्यान देने वाली बात ट्वीट करने वाले ने डकैती, हत्या, लूट और अपहरण जैसी घटनाओं में कमी की बात कही है.
- पिछले दिनों यूपी बच्चियों का महिलाओं के साथ दुष्कर्म की घटनाओं के लिए चर्चा में रहा है.
- पुलिस ने पिछले 2 वर्षों में बड़ी संख्या मे एनकाउंटर व अपराधियों की गिरफ्तारी की है.
- एंटी भू-माफिया अभियान के तहत तमाम कार्रवाई की गई हैं.
- बच्चियों और महिलाओं के प्रति होने वाले दुष्कर्म की घटनाओं को रोकने में पुलिस विभाग को कामयाबी नहीं मिली है.
प्रियंका ने आपराधिक घटनाओं को लेकर किया था ट्वीट-
- प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश में पिछले दिनों हो रही आपराधिक घटनाओं की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए ट्वीट किया था.
- इस ट्वीट में बताया गया है कि पूरे उत्तर प्रदेश में अपराधी खुलेआम मनमानी करते घूम रहे हैं,.
- एक के बाद एक अपराधिक घटनाएं हो रही है, मगर उत्तर प्रदेश भाजपा सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंग रहा, क्या उत्तर प्रदेश सरकार ने अपराधियों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है?
भले ही पिछले 2 सालों में बड़ी संख्या में एनकाउंटर किए गए हैं. गिरफ्तारियां की गई हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश में होने वाली अपराधिक घटनाओं में कमी महसूस नहीं की जा रही है. बड़ा प्रदेश होने के नाते जिस तरीके से अपराधों की संख्या अधिक है. वैसे ही कार्रवाई के आंकड़े भी बड़े होना स्वाभाविक है. ऐसे में आंकड़ों को बातकर पुलिस विभाग को अपनी पीठ थपथपाना कितना सही है. इसका आकलन तो सरकार व जनता ही कर सकती है.