लखनऊ : राजधानी पुलिस के सामने चुनौती उन तीन महिलाओं के हत्यारों को ढूढने की है, जिनकी लाश अक्टूबर व नवंबर में अलग-अलग इलाकों में मिली थी. पुलिस अधिकारियों के सामने चिंता का विषय यह भी है कि हत्यारों तक वे तब पहुंच सकेंगे जब तीनों महिलाओं की शिनाख्त होगी. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या हाईटेक पोलिसिंग करने का दावा करने वाली लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट इस साल के अंत तक भी इन तीनों महिलाओं के कातिलों तक पहुंच सकेगी.
नदी नहर में बहती हुई मिली थीं लाशें : राजधानी लखनऊ के गोसाईंगंज इलाके से गुजरने वाली इंदिरा नहर में 13 व 14 अक्टूबर को दो महिलाओं की लाश मिली. पुलिस ने दोनों ही लाश का पोस्टमॉर्टम करवाया और रिपोर्ट में सामने आया कि दोनों ही महिलाओं की हत्या की गई थी. अब पुलिस के सामने चुनौती इन महिलाओं के कातिलों का पता लगाना और इससे बड़ी चुनौती इन दोनों ही महिलाओं की शिनाख्त करना. पुलिस की टीम सबसे पहले इन महिलाओं की शिनाख्त करने के लिए हाथ पांव मारने लगी. पुलिस इन दोनों ही महिलाओं की शिनाख्त कर ही रही थी कि 15 नवंबर को माल थाना क्षेत्र इलाके में नदी में एक और महिला की लाश मिलने से सनसनी मच गई. पोस्टमार्टम में इस महिला की भी गला दबा कर हत्या की बात सामने आई. अब लखनऊ पुलिस के सामने दो नहीं, बल्कि तीन महिलाओं की शिनाख्त और फिर उनके कातिलों तक पहुंचने की चुनौती खड़ी थी.
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महिला के साथ दरिंदगी करने वाले घुले आम घूम रहे : चार वर्ष पहले 21 जनवरी 2019 अटल बिहारी वाजपेयी इकाना अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम के पास शहीद पथ के किनारे जंगल में एक सूटकेस में महिला की लाश मिली थी. महिला का शव सूटकेस में ठूंसकर भरा गया था. महिला ने गहरे भूरे रंग का स्वेटर, नारंगी रंग की सलवार और पायल पहनी थी. हत्यारों ने महिला के हाथ की सभी उंगलियों को जला दिया था ताकि बॉयोमीट्रिक के जरिए पहचान न की जा सके. उसका चेहरे भी जलाने की कोशिश की गई थी. महिला के पूरे शरीर को सिगरेट से जलाया गया था. मृतका की उम्र 25 से 28 बताई गई थी. पुलिस ने बहुत हाथ पैर मारे, लेकिन न ही युवती की शिनाख्त हो सकी और न ही कातिलों का पता लग सका.