लखनऊ : लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने एक बार फिर से अपनी राजनीति पर काम करना शुरू कर दिया. एक फिर से कांग्रेस उत्तर प्रदेश में उन मुद्दों पर फोकस कर रही है. जिसे न केवल पार्टी को बल्कि उसके गठबंधन में शामिल सहयोगियों को भी मदद मिले. पार्टी के नए नियुक्त प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने इसके संकेत भी देना शुरू कर दिया है. कांग्रेस पार्टी 2022 में हुए विधानसभा चुनाव के समय जो घोषणा पत्र जारी किया था. कांग्रेस उसके कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव जिसमें पुरानी पेंशन बहाली, रोजगार जैसे अहम मुद्दों को न केवल घोषणा पत्र में शामिल करने की बात कह रही है. बल्कि सरकार बनने पर इसे लागू करने का भी आश्वासन दे रही है. पार्टी प्रदेश अध्यक्ष के हालिया बयानों को देख तो वह उत्तर प्रदेश के जमीनी मुद्दों को घोषणा पत्र में शामिल करने की बात कह रहे हैं.
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने हर वर्ष 2 करोड़ रोजगार देने का वादा किया था. क्या सरकार अपने वादे को पूरा कर पाई है. वहीं उत्तर प्रदेश की योगी सरकार रोजगार देने के लिए करोड़ों रुपये केवल और केवल प्रचार प्रचार पर ही खर्च कर रही है. इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि प्रदेश में 69 हजार शिक्षक भर्ती में शामिल अभ्यर्थी बीते डेढ़ महीने से लखनऊ में प्रदर्शन कर रहे हैं. साथ ही वे आए दिन कभी मुख्यमंत्री आवास तो कभी शिक्षा निदेशालय का घेराव भी कर रहे हैं. इसके बावजूद उत्तर प्रदेश की मौजूदा सरकार उनकी समस्याओं का निदान करने में पूरी तरह से विफल है.
पुरानी पेंशन लागू करना हमारी प्राथमिकताओं में से एक
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि इस बार लोकसभा चुनाव के लिए जो घोषणा पत्र तैयार किया जाएगा. इसमें उत्तर प्रदेश की तरफ से पुरानी पेंशन बहाली की मांग को प्रमुखता से रखा जाएगा. सरकारी कर्मचारियों का प्रमुख मुद्दा पुरानी पेंशन है. घोसी में हुए उपचुनाव व 2022 के विधानसभा चुनाव में पोस्टल बैलट के परिणाम में आए परिवर्तन यह बताता है कि राज्य कर्मचारी सरकार के नीति और नियम से खुश नहीं है. प्रदेश में सभी सरकारी संगठन पुरानी पेंशन को लेकर लगातार आंदोलनरत हैं और सरकार उन पर दबाव बनाने के लिए एस्मा जैसे कानून का प्रयोग करती है.
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