लखनऊ: यूपी निकाय चुनाव में समाजवादी पार्टी ने नगर निगम, नगर पालिका परिषद और नगर पंचायत के चुनाव को लेकर बड़ा दावा किया है. पार्टी के अनुसार पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की नीतियों से प्रभावित होकर प्रदेश के मतदाताओं ने समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों को भारी मतदान दिया है. लेकिन, अपनी हार से बौखलाई भाजपा सत्ता के बल पर चुनाव परिणाम को प्रभावित कर जनादेश बदलने की साजिश कर रही है.
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समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष, श्री नरेश उत्तम पटेल तथा विधान मण्डल दल के मुख्य सचेतक, पूर्व मंत्री एवं विधायक श्री मनोज पाण्डेय जी की प्रेस वार्ता। https://t.co/lBuQZye0v3
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समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने शुक्रवार को समाजवादी पार्टी के विधायक दल के मुख्य सचेतक डॉ. मनोज पाण्डेय के साथ सपा मुख्यालय पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान दोनों ही नेताओं ने भारतीय जनता पार्टी की सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए. सपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश में हुआ नगर निकाय चुनाव देश का सबसे बड़ा निकाय चुनाव है.
इन चुनावों में भाजपा के खिलाफ जनता का व्यापक माहौल रहा. भाजपा के तमाम मंत्री, नेताओं ने भ्रामक प्रचार किया. मतगणना में भारतीय जनता पार्टी ने सेटिंग कर यह दिखाने की कोशिश करती रही कि शहरी निकायों में लोग समाजवादी पार्टी को नहीं पसंद कर रहे हैं. भाजपा ने जनता से छल किया है. पहले चरण में भाजपा के पिछड़ने के बाद दूसरे चरण में मुख्यमंत्री द्वारा मतदान प्रभावित करने के लिए ही मतदान प्रतिशत कम कराने की रणनीति पर काम किया गया.
मुख्य सचेतक मनोज पाण्डेय ने कहा कि निकाय चुनाव नियमावली में चक्रवार गणना में हर राउंड में प्रत्याशियों को वैध, अवैध तथा कुल मतों का ब्योरा ब्लैक बोर्ड में लिखने के साथ तत्काल घोषित करने और ऑनलाइन फीडिंग के साथ ध्वनि विस्तारक से 2-2 घंटे के अंतराल पर गणना का परिणाम बताने का प्रावधान है. लेकिन 15 अप्रैल 2023 को नया संशोधन जारी कर कहा गया कि अब प्रत्याशियों को मिले मतों की टेबलिंग करके परिणाम घोषित कर दिया जाएगा. इसी तरह पार्षद, सदस्य और चेयरपर्सन की गिनती जो अलग-अलग होती थी, अब संशोधित नियम से एक साथ होगी.
मनोज पाण्डेय ने कहा कि निकाय चुनाव की नियमावली के ऊपर संशोधित नियम नहीं हो सकते हैं. नए नियमों से आशंका होती है कि भाजपा सरकार जनादेश से खिलवाड़ करना चाहती है. नए संशोधित नियम अव्यवहारिक भी हैं. उन्होंने कहा कि भाजपा ने निकाय चुनावों में मतदान धीमा कराने, मतदाताओं को डराने-धमकाने तथा समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं से अभद्र व्यवहार के साथ उन्हें वोट डालने के लिए घर से नहीं निकलने दिया. प्रदेश भर में मतदाताओं पर लाठियां बरसाई गई. एक महिला प्रत्याशी को इतना परेशान किया गया कि वह फफक कर रो पड़ी. भाजपा ने प्रशासन का दुरुपयोग कर लोकतांत्रिक व्यवस्था को बर्बाद करने की साजिश की.