लखनऊ : पिछले करीब 3 साल में उत्तर प्रदेश में फिल्मों की शूटिंग में बढ़ोतरी हुई है. 80 से अधिक फिल्मों को तो उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से सब्सिडी भी दी गई थी, जबकि इसके अलावा 100 के करीब फिल्मों की शूटिंग उत्तर प्रदेश की अलग-अलग लोकेशन में हुई. साथ ही बड़ी संख्या में वेब सीरीज की शूटिंग भी उत्तर प्रदेश में चल रही है. फिल्मों की शूटिंग में कई बार फेवरेट स्टेट का दर्जा भी मिला है. उत्तर प्रदेश से जुड़े शानदार स्क्रिप्ट, लोकेशन और सरकार की मदद ने फिल्म उद्योग को उत्तर प्रदेश में नई पहचान दी है.
उप निदेशक दिनेश सहगल ने बताया कि फिल्मों को दो करोड़ तक की सब्सिडी दी जाती है. अगर कोई निर्माता उत्तर प्रदेश के पांच कलाकारों को लीड रोल में लेगा तो उसकी सब्सिडी को काफी बढ़ाया जाता है. उन्होंने बताया कि इसके अलावा हमने उत्तर प्रदेश में फिल्म निर्माण को लेकर सिंगल विंडो सिस्टम किया है. इसके तहत शूटिंग की अनुमति और सब्सिडी हासिल करने के लिए ऑनलाइन एप्लीकेशन की भी व्यवस्था है, जिससे फिल्म निर्माताओं को काफी लाभ हो रहा है. लखनऊ में सामाजिक परिवर्तन स्थल, कुड़िया घाट, इमामबाड़ा, ला मार्टिनियर कॉलेज प्रमुख शूटिंग लोकेशन हो चुकी हैं. इसी तरह से वाराणसी के घाट और गलियों को लोकेशन बनाया जा रहा है. अयोध्या के अलावा आगरा, मथुरा औऱ वृन्दावन में भी खूब शूटिंग हो रही है. छोटे शहरों में मिर्जापुर, सोनभद्र औऱ सीतापुर के अलावा पुरा बुंदेलखंड भी फ़िल्म निर्माताओं की पसंद साबित हो रही है.
उत्तर प्रदेश कुछ वर्षों में बनी प्रमुख फ़िल्में : मुल्क, आर्टिकल 15, रेड, ग़दर 2, रांझना, टॉयलेट एक प्रेमकथा, प्रस्थानम, मॉम, मुक्काबाज, व्हाय चीट इंडिया, सोनू टीटू की स्वीटी औऱ शादी में जरूर आना जैसी फ़िल्में उत्तर प्रदेश में बन चुकी हैं. इसके अलावा वेब सीरीज के क्षेत्र में भी उत्तर प्रदेश में काफी काम हुआ है. मिर्जापुर, रंगबाज, गुल्लक, पंचायत जैसी वेब सीरीज उत्तर प्रदेश पर आधारित रही हैं.
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