लखनऊ: बीते दिनों प्रदेश में कोरोना वायरस टेस्ट के लिए मनमाना शुल्क निजी अस्पतालों द्वारा वसूला जा रहा था. वहीं अब प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोरोना वायरस टेस्ट का शुल्क तय कर दिया गया है, जिससे कि निजी अस्पतालों की मनमानी पर लगाम लगाई जा सके.
बता दें कि निजी अस्पतालों की मनमानी पर लगाम लगाने के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा निजी अस्पतालों में किए जा रहे कोरोना वायरस टेस्ट का शुल्क तय किया गया है. अब 700 रुपये में कोरोना आरटीपीसीआर टेस्ट होगा. इसके अलावा यदि कोरोना वायरस टेस्ट के लिए निजी अस्पताल की टीम घर जाती है तो यह शुल्क 900 रुपये होगा.
प्रदेश भर से आ रही थीं शिकायतें
उत्तर प्रदेश में अलग-अलग जिलों से निजी अस्पतालों में कोरोना वायरस के टेस्ट के मनमाने शुल्क वसूले जाने की तमाम शिकायतें आ रहीं थी. इसी बीच बीते दिन राजधानी लखनऊ में भी ऐसे आरोप कई निजी अस्पतालों पर लगे थे, जिसका संज्ञान स्वास्थ विभाग द्वारा लिया गया था. मंगलवार को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा निजी अस्पतालों की मनमानी पर लगाम लगाने के लिए यह फैसला लिया गया है, जिससे कि निजी अस्पतालों की मनमानी पर लगाम लग पाए.
बीते दिनों राजधानी लखनऊ में एक निजी अस्पताल के पैथोलॉजी पर आरोप लगे थे कि तय मानकों से अधिक शुल्क पैथोलॉजी द्वारा वसूला जा रहा था. इसके बाद आनन-फानन में राजधानी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय द्वारा मामले पर संज्ञान लेते हुए पैथोलॉजी पर दंडात्मक कार्रवाई भी की गई थी. इसी तरह प्रदेश भर से लगातार इस तरह के मामले सामने आ रहे थे.
उत्तर प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक डॉ. डीएस नेगी से जब इस आदेश के बारे में बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि यह आदेश सभी निजी अस्पतालों पर लागू होगा, जिससे प्रदेश भर में निजी अस्पतालों के पैथोलॉजी पर मनमाने शुल्क वसूले जाने की जो शिकायतें आ रहीं थी, उस पर लगाम लगेगी.