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कोरोना ने हमें सिखाया व्यक्तिगत स्वच्छता का महत्व: राज्यपाल - पेड़-पौधों का महत्व

प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल (governor anandiben patel ) ने एक वेबिनॉर में बोलते हुए कहा कि कोरोना महामारी से लड़ाई (fight against corona) के लिए नयी जीवन शैली अपनाना जरूरी है. अपनी शारीरिक और मानसिक तंदुरूस्ती को बेहतर बनाने के साधन के तौर पर योग का अभ्यास भी करना चाहिए.

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल
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Published : May 30, 2021, 5:10 AM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल (governor anandiben patel ) ने शनिवार को सीआईआई मध्य प्रदेश और भोपाल एजुकेशन एवं चांसलर तथा आईईएस यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित वेबिनॉर को सम्बोधित किया. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि हममें से किसी ने यह नहीं सोचा होगा कि हमें एक ऐसी महामारी का अनुभव करना होगा, जो अल्प समय में विश्व भर में फैल गई. कोविड-19 नामक इस महामारी ने पूरी दुनिया को स्तब्ध कर दिया. हममें से कुछ लोगों ने अपनों को खो दिया है, तो कई मरीज अस्पतालों या घरों में स्वस्थ होने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस महामारी से लड़ाई के लिए नयी जीवन शैली अपनाएं. कोरोना ने हमें व्यक्तिगत स्वच्छता का महत्व सिखाया है.

'फिटनेस और व्यायाम के लिए जरूर समय निकालें'
उन्होंने कहा कि कोविड-19 ने हमारे सम्पूर्ण समाज को प्रभावित किया है. कोरोना हमारे समक्ष प्रोफेशनल और पर्सनल प्राथमिकताओं में संतुलन कायम करने की नई चुनौतियां लाया है. चाहे कुछ भी हो, फिटनेस और व्यायाम के लिए जरूर समय निकालें. अपनी शारीरिक और मानसिक तंदुरूस्ती को बेहतर बनाने के साधन के तौर पर योग का भी अभ्यास करें. हमें यह समझना होगा कि महामारी के विरूद्ध लड़ाई के लिए एक नई जीवन शैली हमें अपनानी होगी. सबसे प्रमुख बात रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने की चुनौती है, जिसमें आयुर्वेद, प्राकृतिक चिकित्सा तथा हमारी अन्य परम्परागत जीवन पद्धति के अनुसार अपनी दैनिक दिनचर्या को बनाना होगा.

'मेडिकल स्टॉफ को कहना चाहिए धन्यवाद'
उन्होंने कहा कि हम सब ईश्वर के सामने शीश झुकाकर दिवंगत आत्माओं की शांति और रोगियों के शीघ्र पूर्णरूप से स्वस्थ होने की प्रार्थना करें, ताकि यह महामारी पूरी दुनिया से हमेशा के लिए जड़ से खत्म हो जाए तथा जन जीवन पहले जैसा सामान्य हो जाए. उन्होंने कहा कि हमें मेडिकल और पैरॉमेडिकल स्टाफ, आवश्यक सेवा प्रदाताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं और कोरोना योद्धाओं को भी धन्यवाद देना चाहिए, जिन्होंने आम नागरिकों के जीवन की रक्षा के लिए अपनी जान जोखिम में डाली. जब हममें से अधिकांश लोग अपने घरों में आराम से बैठे थे, तब इन्हीं योद्धाओं ने हमारी खातिर दिन-रात मेहनत की. इन्हें धन्यवाद देने के लिए शब्द नहीं हो सकते, पर हम इनके सम्मान में नतमस्तक हो सकते हैं.

इसे भी पढ़ें-राज्यपाल की प्रेरणा से 5 चिकित्सा संस्थानों को मिले 30 वेंटिलेटर

'आर्थिक संकट के कारण किसी भी छात्र की पढ़ाई न रुकने पाए'
राज्यपाल ने कहा कि इस महामारी के कारण कुछ छात्र आर्थिक या पारिवारिक चुनौतियों का सामना कर रहे हों, ऐसा भी हो सकता हैं. ऐसे छात्रों के लिए विद्यालयों को अधिक संवेदनशील होकर कार्य योजना तैयार करनी चाहिए. प्रयास होने चाहिए कि आर्थिक संकट के कारण कोई भी छात्र शिक्षा प्राप्त करने से वंचित नहीं हो. उन्होंने कहा कि मैं सभी शिक्षकों, चिंतकों का आह्वान करती हूं कि इस बात पर विचार करें कि हमारी जनता, हमारे कौशल, हमारी मूल क्षमताओं का किस प्रकार सर्वश्रेष्ठ उपयोग किया जाये, ताकि भारत को विश्व गुरू के रूप में प्रतिष्ठित किया जा सके.

'बच्चों को पर्यावरण संरक्षण तथा पेड़-पौधों के महत्व को समझायें'
राज्यपाल ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर आने की सम्भवना व्यक्त की जा रही है. यह अनुमान लगाया जा रहा है कि ये बच्चों के लिए अधिक घातक होगी. ऐसी स्थिति में इससे बचने के लिये स्कूल एवं कालेजों, विश्वविद्यालयों को चिन्तन करना चाहिये. हमने दूसरी लहर में ऑक्सीजन के महत्व को समझा है. हमारा प्रयास हो कि हम अपने बच्चों को पर्यावरण संरक्षण तथा पेड़-पौधों के महत्व को समझायें तथा उन्हें पौधारोपण के लिए प्रेरित करें.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल (governor anandiben patel ) ने शनिवार को सीआईआई मध्य प्रदेश और भोपाल एजुकेशन एवं चांसलर तथा आईईएस यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित वेबिनॉर को सम्बोधित किया. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि हममें से किसी ने यह नहीं सोचा होगा कि हमें एक ऐसी महामारी का अनुभव करना होगा, जो अल्प समय में विश्व भर में फैल गई. कोविड-19 नामक इस महामारी ने पूरी दुनिया को स्तब्ध कर दिया. हममें से कुछ लोगों ने अपनों को खो दिया है, तो कई मरीज अस्पतालों या घरों में स्वस्थ होने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस महामारी से लड़ाई के लिए नयी जीवन शैली अपनाएं. कोरोना ने हमें व्यक्तिगत स्वच्छता का महत्व सिखाया है.

'फिटनेस और व्यायाम के लिए जरूर समय निकालें'
उन्होंने कहा कि कोविड-19 ने हमारे सम्पूर्ण समाज को प्रभावित किया है. कोरोना हमारे समक्ष प्रोफेशनल और पर्सनल प्राथमिकताओं में संतुलन कायम करने की नई चुनौतियां लाया है. चाहे कुछ भी हो, फिटनेस और व्यायाम के लिए जरूर समय निकालें. अपनी शारीरिक और मानसिक तंदुरूस्ती को बेहतर बनाने के साधन के तौर पर योग का भी अभ्यास करें. हमें यह समझना होगा कि महामारी के विरूद्ध लड़ाई के लिए एक नई जीवन शैली हमें अपनानी होगी. सबसे प्रमुख बात रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने की चुनौती है, जिसमें आयुर्वेद, प्राकृतिक चिकित्सा तथा हमारी अन्य परम्परागत जीवन पद्धति के अनुसार अपनी दैनिक दिनचर्या को बनाना होगा.

'मेडिकल स्टॉफ को कहना चाहिए धन्यवाद'
उन्होंने कहा कि हम सब ईश्वर के सामने शीश झुकाकर दिवंगत आत्माओं की शांति और रोगियों के शीघ्र पूर्णरूप से स्वस्थ होने की प्रार्थना करें, ताकि यह महामारी पूरी दुनिया से हमेशा के लिए जड़ से खत्म हो जाए तथा जन जीवन पहले जैसा सामान्य हो जाए. उन्होंने कहा कि हमें मेडिकल और पैरॉमेडिकल स्टाफ, आवश्यक सेवा प्रदाताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं और कोरोना योद्धाओं को भी धन्यवाद देना चाहिए, जिन्होंने आम नागरिकों के जीवन की रक्षा के लिए अपनी जान जोखिम में डाली. जब हममें से अधिकांश लोग अपने घरों में आराम से बैठे थे, तब इन्हीं योद्धाओं ने हमारी खातिर दिन-रात मेहनत की. इन्हें धन्यवाद देने के लिए शब्द नहीं हो सकते, पर हम इनके सम्मान में नतमस्तक हो सकते हैं.

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'आर्थिक संकट के कारण किसी भी छात्र की पढ़ाई न रुकने पाए'
राज्यपाल ने कहा कि इस महामारी के कारण कुछ छात्र आर्थिक या पारिवारिक चुनौतियों का सामना कर रहे हों, ऐसा भी हो सकता हैं. ऐसे छात्रों के लिए विद्यालयों को अधिक संवेदनशील होकर कार्य योजना तैयार करनी चाहिए. प्रयास होने चाहिए कि आर्थिक संकट के कारण कोई भी छात्र शिक्षा प्राप्त करने से वंचित नहीं हो. उन्होंने कहा कि मैं सभी शिक्षकों, चिंतकों का आह्वान करती हूं कि इस बात पर विचार करें कि हमारी जनता, हमारे कौशल, हमारी मूल क्षमताओं का किस प्रकार सर्वश्रेष्ठ उपयोग किया जाये, ताकि भारत को विश्व गुरू के रूप में प्रतिष्ठित किया जा सके.

'बच्चों को पर्यावरण संरक्षण तथा पेड़-पौधों के महत्व को समझायें'
राज्यपाल ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर आने की सम्भवना व्यक्त की जा रही है. यह अनुमान लगाया जा रहा है कि ये बच्चों के लिए अधिक घातक होगी. ऐसी स्थिति में इससे बचने के लिये स्कूल एवं कालेजों, विश्वविद्यालयों को चिन्तन करना चाहिये. हमने दूसरी लहर में ऑक्सीजन के महत्व को समझा है. हमारा प्रयास हो कि हम अपने बच्चों को पर्यावरण संरक्षण तथा पेड़-पौधों के महत्व को समझायें तथा उन्हें पौधारोपण के लिए प्रेरित करें.

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