लखनऊ: प्रदेश में पराली जलाए जाने को पूरी तरह प्रतिबंधित किया गया है. राज्य सरकार फसलों के अवशेष यानि पराली प्रबंधन के लिए यंत्रों की खरीद पर किसानों व कृषक समूह समितियों को अनुदान देगी. इसके साथ ही किसानों में जागरूकता लाने के लिए जिलाधिकारियों को निर्देशित किया गया है. इस संबंध में मुख्य सचिव आरके तिवारी ने बुधवार को एक शासनादेश जारी किया.
सरकार 14 प्रकार के यंत्रों पर देगी छूट
शासनादेश के अनुसार केंद्र सरकार ने फसलों के अवशेष प्रबंधन के लिए 14 प्रकार के यंत्र चिन्हित किए हैं. इन यंत्रों के माध्यम से पराली जलाने से रोका जा सकेगा. प्रदूषण का खतरा कम होगा. सरकार ने कृषकों को ये यंत्र उपलब्ध कराने के लिए अनुदान दिए जाने की व्यवस्था की है.
इसे भी पढ़ें:- 'लेदर फुटवियर क्लस्टर' का शिलान्यास करेंगे CM योगी: सतीश महाना
किसानों को मिलेगा 50 फीसदी अनुदान
इसके तहत किसानों को यंत्र की खरीद पर 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा. वहीं कृषक समितियों को यह अनुदान 80 फीसदी मिलेगा. शासनादेश में 30 सितम्बर तक यंत्रों की खरीद करने को कहा गया है. इस संबंध में प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों से अपेक्षा की गई है कि वे बैठक के माध्यम से समितियों का चयन तत्काल कर लें. जिलाधिकारियों से यह भी कहा गया है कि प्रदूषण की रोकथाम के लिए किसी भी किसान को पराली जलाने न दिया जाए. इसके लिए उन्हें जागरूक भी किया जाए.