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UP के मदरसों को सीएम योगी की बड़ी सौगात, शिक्षकों का हो सकेगा तबादला, नए मदरसों की मिलेगी मान्यता - यूपी मदरसा बोर्ड

योगी सरकार ने यूपी के मदरसों की स्थिति सुधारने के लिए कई बड़े फैसले लिए हैं. शिक्षकों की तर्ज पर मदरसों में कार्यरत शिक्षकों की परस्पर स्थानांतरण की सुविधा मुहैया कराई जाएगी.

यूपी के मदरसों को योगी सरकार की बड़ी सौगात
यूपी के मदरसों को योगी सरकार की बड़ी सौगात
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Published : Aug 31, 2022, 9:39 PM IST

Updated : Aug 31, 2022, 10:36 PM IST

लखनऊ: योगी सरकार ने यूपी के मदरसों की स्थिति सुधारने के लिए कई बड़े फैसले लिए हैं. मदरसा बोर्ड के 4 महत्वपूर्ण प्रस्ताव पर सरकार ने अपनी मुहर लगा दी है. जिससे यूपी के मदरसा शिक्षकों को बड़ी राहत मिलने वाली है. शिक्षा विभाग की तर्ज पर अब मदरसा शिक्षकों को भी तमाम सुविधाओं की सौगात मिलेगी. लंबे समय से मदरसा शिक्षक मांग करते आए है कि उन्हे भी अन्य शिक्षकों की तर्ज पर परस्पर स्थानांतरण की सुविधा मुहैया कराई जाए. मदरसा शिक्षकों की मांग पर अब सरकार ने शिक्षकों को राहत देते हुए राज्य अनुदानित मदरसों में सेवाएं दे रहे शिक्षकों के स्थानांतरण को मंजूरी दे दी है. इसके लिए दोनों मदरसों के प्रबंधकों की लिखित सहमति जरूरी होगी. हालांकि शिक्षकों का ट्रांसफर सामान पद के लिए ही हो सकेगा.

उत्तरप्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद के प्रस्ताव पर अब सरकार ने मुहर लगाते हुए मृतक आश्रित की नियुक्ति के लिए भी नया आदेश जारी कर दिया है. विभिन्न सरकारी विभागों की तर्ज पर अब मदरसा शिक्षकों के मृतक आश्रितों को भी मदरसों में नौकरी मिल सकेगी. योगी सरकार का यह बड़ा फैसला माना जा रहा है और मदरसों से जुड़े लोगों के लिए भी खुशी बिखेरने वाला है.

मदरसा शिक्षा परिषद के अध्यक्ष इफ्तिखार अहमद जावेद
मदरसा शिक्षिकाओं को सरकार ने दी बड़ी राहतयूपी के मदरसों में कार्यरत महिला अध्यापकों को भी बड़ी राहत मिली है. मदरसों में काम करने वाली सभी महिलाओं को सरकारी महिला कर्मचारियों की तर्ज पर मातृत्व अवकाश दिया जाएगा. मदरसा बोर्ड की बीते दिनों हुई बैठक में चेयरमैन डॉक्टर इफ्तिखार अहमद जावेद ने महिलाओं की समस्याओं को देखते हुए इस प्रस्ताव को रखा था. यूपी मदरसा शिक्षा परिषद के अध्यक्ष इफ्तिखार अहमद जावेद ने बताया कि 16513 मान्यता प्राप्त मदरसों के अलावा बिना मान्यता के और कितने मदरसे प्रदेश में संचालित है, इसकी जानकारी सर्वे कराकर की जाएगी इसके लिए सर्वे टीम का गठन जल्द किया जाएगा.

गौरतलब है कि पिछले 7 वर्षो से उत्तर प्रदेश मदरसा बोर्ड ने किसी भी नए मदरसों को मान्यता नहीं दी है. इन 7 वर्षो में प्रदेश की आबादी स्वाभाविक रूप से बड़ी है. मान्यता बंद होने से नए मदरसे बोर्ड से नहीं जुड़ पा रहे हैं. इसके लिए सरकार ने बड़ा फैसला करते हुए मदरसों का सर्वे कराने का निर्णय लिया है. जिससे अब यह कयास लगाए जा रहे है कि जरूरत के अनुसार प्रदेश में नए मदरसों को भी एक लंबे समय के बाद मान्यता मिल सकती है.

इसे पढ़ें- अवनीश अवस्थी को नहीं मिला सेवा विस्तार, अपर मुख्य सचिव गृह का कार्यभार

लखनऊ: योगी सरकार ने यूपी के मदरसों की स्थिति सुधारने के लिए कई बड़े फैसले लिए हैं. मदरसा बोर्ड के 4 महत्वपूर्ण प्रस्ताव पर सरकार ने अपनी मुहर लगा दी है. जिससे यूपी के मदरसा शिक्षकों को बड़ी राहत मिलने वाली है. शिक्षा विभाग की तर्ज पर अब मदरसा शिक्षकों को भी तमाम सुविधाओं की सौगात मिलेगी. लंबे समय से मदरसा शिक्षक मांग करते आए है कि उन्हे भी अन्य शिक्षकों की तर्ज पर परस्पर स्थानांतरण की सुविधा मुहैया कराई जाए. मदरसा शिक्षकों की मांग पर अब सरकार ने शिक्षकों को राहत देते हुए राज्य अनुदानित मदरसों में सेवाएं दे रहे शिक्षकों के स्थानांतरण को मंजूरी दे दी है. इसके लिए दोनों मदरसों के प्रबंधकों की लिखित सहमति जरूरी होगी. हालांकि शिक्षकों का ट्रांसफर सामान पद के लिए ही हो सकेगा.

उत्तरप्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद के प्रस्ताव पर अब सरकार ने मुहर लगाते हुए मृतक आश्रित की नियुक्ति के लिए भी नया आदेश जारी कर दिया है. विभिन्न सरकारी विभागों की तर्ज पर अब मदरसा शिक्षकों के मृतक आश्रितों को भी मदरसों में नौकरी मिल सकेगी. योगी सरकार का यह बड़ा फैसला माना जा रहा है और मदरसों से जुड़े लोगों के लिए भी खुशी बिखेरने वाला है.

मदरसा शिक्षा परिषद के अध्यक्ष इफ्तिखार अहमद जावेद
मदरसा शिक्षिकाओं को सरकार ने दी बड़ी राहतयूपी के मदरसों में कार्यरत महिला अध्यापकों को भी बड़ी राहत मिली है. मदरसों में काम करने वाली सभी महिलाओं को सरकारी महिला कर्मचारियों की तर्ज पर मातृत्व अवकाश दिया जाएगा. मदरसा बोर्ड की बीते दिनों हुई बैठक में चेयरमैन डॉक्टर इफ्तिखार अहमद जावेद ने महिलाओं की समस्याओं को देखते हुए इस प्रस्ताव को रखा था. यूपी मदरसा शिक्षा परिषद के अध्यक्ष इफ्तिखार अहमद जावेद ने बताया कि 16513 मान्यता प्राप्त मदरसों के अलावा बिना मान्यता के और कितने मदरसे प्रदेश में संचालित है, इसकी जानकारी सर्वे कराकर की जाएगी इसके लिए सर्वे टीम का गठन जल्द किया जाएगा.

गौरतलब है कि पिछले 7 वर्षो से उत्तर प्रदेश मदरसा बोर्ड ने किसी भी नए मदरसों को मान्यता नहीं दी है. इन 7 वर्षो में प्रदेश की आबादी स्वाभाविक रूप से बड़ी है. मान्यता बंद होने से नए मदरसे बोर्ड से नहीं जुड़ पा रहे हैं. इसके लिए सरकार ने बड़ा फैसला करते हुए मदरसों का सर्वे कराने का निर्णय लिया है. जिससे अब यह कयास लगाए जा रहे है कि जरूरत के अनुसार प्रदेश में नए मदरसों को भी एक लंबे समय के बाद मान्यता मिल सकती है.

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Last Updated : Aug 31, 2022, 10:36 PM IST
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