लखनऊ: संस्कृति एवं पर्यटन राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार डॉ. नीलकंठ तिवारी ने राज्य संस्कृति विश्वविद्यालय की स्थापना किए जाने सम्बंधी कार्यों की समीक्षा पर्यटन निदेशालय के सभागार में की. समीक्षा के दौरान पर्यटन मंत्री ने निर्देश दिया कि राज्य संस्कृति विश्वविद्यालय में संस्कृति से सम्बंधित समस्त पाठ्यक्रमों में संगीत, नृत्य, ललित कला, अभिनय, विभिन्न नाट्य कलाओं सहित संग्रहालय विज्ञान, पुरातत्व, अभिलेखीय प्रबन्ध एवं संरक्षण आदि का पठन पाठन शोध, प्रशिक्षण की सुविधायें उपलब्ध कराया जाना सुनिश्चित किया जाए.
उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि सांस्कृतिक क्षेत्र के प्रबन्धन में प्रशिक्षित युवाओं की अत्यंत कमी है. प्रस्तावित राज्य संस्कृति विश्वविद्यालय में सांस्कृतिक प्रबन्धन का पाठ्यक्रम भी उपलब्ध हो. राज्य संस्कृति विश्वविद्यालय की स्थापना के सम्बन्ध में समस्त कार्रवाई शीघ्र ही पूर्ण किए जाने के निर्देश दिए.
जुलाई से प्रारंभ होगा रामायण कॉन्क्लेव
इसके अलावा पर्यटन मंत्री ने संस्कृति एवं पर्यटन विभाग की तरफ से कराए जाने वाले रामायण कॉन्क्लेव की तैयारियों की समीक्षा की. बैठक में प्रमुख सचिव, संस्कृति एवं पर्यटन मुकेश मेश्राम ने बताया कि 24 जुलाई को गुरू पूर्णिमा के अवसर पर रामायण कॉन्क्लेव अयोध्या से शुभारम्भ किया जाएगा. रामायण कॉन्क्लेव से सम्बंधित आयोजन क्रमिक रूप से अयोध्या, गोरखपुर, बलिया, वाराणसी, विन्ध्याचल, श्रृंगवेरपुर, चित्रकूट, ललितपुर, बिठूर, मथुरा, गढ़मुक्तेश्वर, गाजियाबाद, सहारनपुर बिजनौर, बरेली, लखनऊ में किया जाएगा. दो माह तक चलने वाले इन आयोजनों में संगोष्ठियों के साथ-साथ लगभग 2500 लोक कलाकार सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देंगे.
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संस्कृति नीति की समीक्षा की
इसके अलावा पर्यटन मंत्री डॉक्टर नीलकंठ तिवारी ने संस्कृति नीति का प्रस्तुतिकरण देखा. समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि प्रस्तावित संस्कृति नीति में लोक कलाकारों को प्रोत्साहन और संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया जाए. हमारी लोक संस्कृति में विभिन्न प्रकार के कौशल पाए जाते हैं.