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UP का 'काला नमक चावल' दुनिया में फैलाएगा अपनी सुगंध - गुणों के आधार पर बेहतरीन चावल

योगी सरकार काला नमक चावल की खेती को बढ़ाने के लिए भगवान बुद्ध से जुड़े इसके इतिहास को देश और दुनिया को बताना चाह रही है, जिससे यूपी का काला नमक चावल दुनिया में अपनी सुगंध फैलाएगा.

काला नमक चावल की अलग पहचान.
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Published : Sep 15, 2019, 11:24 AM IST

लखनऊ: यूपी के सिद्धार्थनगर का काला नमक चावल अब दुनिया में अपनी सुगंध फैलाएगा. उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार काला नमक चावल की ब्रांडिंग करने के लिए पूरी शिद्दत से लग गई है. योगी सरकार काला नमक चावल के आध्यात्मिक इतिहास को भी देश और दुनिया के लोगों को बताएगी.

काला नमक चावल की अलग पहचान.

भगवान बुद्ध से काला नमक चावल का इतिहास जुड़ा हुआ है. भगवान बुद्ध जब इस क्षेत्र में आये तो उन्होंने प्रसाद के रूप में लोगों को यही चावल दिया. तब से काला नमक चावल की इस खास क्षेत्र में पैदावार हो रही है. कम पैदावार और ज्यादा समय लगने समेत तमाम विपरीत परिस्थितियों के चलते किसानों में इसकी खेती करने की रुचि कम होती गई.

काला नमक चावल की अलग पहचान
सरकार का मानना है कि गुण के आधार पर पर तो काला नमक चावल की अपनी पहचान है. अगर इसके इतिहास के बारे में भी दुनिया भर के लोग जानेंगे तो वे पूरी रुचि के साथ इसकी खरीदारी करेंगे. धान की बिक्री से स्थानीय किसानों को अच्छा खासा लाभ होगा. काला नमक चावल की पैदावार और इसकी ब्रांडिंग एक जनपद एक उत्पाद स्कीम के तहत की जा रही है.

गुणों के आधार पर बेहतरीन है 'काला नमक चावल'
काला नमक चावल के जानकार गिरीश पांडेय कहते हैं कि पूर्वांचल के तकरीबन 12 जिले की मिट्टी और जलवायु एक जैसी है, जिसे एग्रो क्लाइमेट जोन कहा जाता है. इन सारे जिलों में काला नमक चावल पैदा हो सकता है. इस तरह से अगर काला नमक चावल की खेती को प्रोत्साहित किया जाता है तो इन जिलों के लाखों किसानों को लाभ होगा. काला नमक अपने आप में बेहतरीन चावल है. गुणों के आधार पर यह बासमती पर भी भारी पड़ता है. इसमें पौष्टिक गुण पाया जाता है. चावल खाने में नर्म होता है. इसमे जिंक पाया जाता है. आयरन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है.

उत्पादन बढ़ाने पर फोकस
खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग के प्रमुख सचिव नवनीत सहगल का कहना है कि 'एक जनपद एक उत्पाद' हमारी बहुत महत्वपूर्ण योजना है. सिद्धार्थनगर का काला नमक चावल बहुत मशहूर है. हमारी विशेषज्ञों की टीम ने सिद्धार्थनगर क्षेत्र का दौरा किया है. काला नमक धान की बुआई कम क्यों होती जा रही है. इसे कैसे बढ़ाया जाए, किसानों की रुचि कैसे बढ़ाई जाए और ऐसे ही कई प्रकार की रणनीति पर सरकार काम कर रही है. पहली रणनीति यह है कि किसानों को अच्छे बीज कैसे उपलब्ध कराए जाएं. इसके लिए पंतनगर एग्रिकल्चर यूनिवर्सिटी से बात की गई है.

किसानों की समस्याएं होंगी दूर
नवनीत सहगल ने बताया कि कई राइस रिसर्च इंस्टिट्यूट से बात हो रही है. ज्यादा से ज्यादा बीज तैयार करने पर फोकस है. इसके बाद किसानों की सिंचाई की समस्या दूर हो. फसल तैयार होने के बाद इसकी मार्केटिंग को लेकर भी योजना है. मार्केटिंग से जुड़े लोगों को भी वह वहां लेकर गए थे.

किसानों को मिलेगा लाभ
भाजपा प्रवक्ता मनीष शुक्ला का कहना है कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार किसानों की आय दोगुना करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. सरकार ने प्रदेश में रोजगार बढ़ाने के लिए 'एक जनपद एक उत्पाद' के तहत सभी जिलों से कम से कम एक उत्पाद का चयन किया है. काला नमक चावल भी इसी योजना के तहत लिया गया है. इससे किसानों को लाभ होगा.

उत्तर प्रदेश की भी ब्रांडिंग होगी
अपने गुणों के आधार पर चावलों का राजा काला नमक चीन, श्रीलंका और जापान जैसे देशों में काफी पसंद किया जाएगा, क्योंकि इन देशों में भगवान बुद्ध के अनुयायी लोग ज्यादा हैं. काला नमक चावल के निर्यात से किसानों को अच्छा मूल्य मिलेगा. किसानों में समृद्धि आएगी और उत्तर प्रदेश की भी ब्रांडिंग होगी.

लखनऊ: यूपी के सिद्धार्थनगर का काला नमक चावल अब दुनिया में अपनी सुगंध फैलाएगा. उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार काला नमक चावल की ब्रांडिंग करने के लिए पूरी शिद्दत से लग गई है. योगी सरकार काला नमक चावल के आध्यात्मिक इतिहास को भी देश और दुनिया के लोगों को बताएगी.

काला नमक चावल की अलग पहचान.

भगवान बुद्ध से काला नमक चावल का इतिहास जुड़ा हुआ है. भगवान बुद्ध जब इस क्षेत्र में आये तो उन्होंने प्रसाद के रूप में लोगों को यही चावल दिया. तब से काला नमक चावल की इस खास क्षेत्र में पैदावार हो रही है. कम पैदावार और ज्यादा समय लगने समेत तमाम विपरीत परिस्थितियों के चलते किसानों में इसकी खेती करने की रुचि कम होती गई.

काला नमक चावल की अलग पहचान
सरकार का मानना है कि गुण के आधार पर पर तो काला नमक चावल की अपनी पहचान है. अगर इसके इतिहास के बारे में भी दुनिया भर के लोग जानेंगे तो वे पूरी रुचि के साथ इसकी खरीदारी करेंगे. धान की बिक्री से स्थानीय किसानों को अच्छा खासा लाभ होगा. काला नमक चावल की पैदावार और इसकी ब्रांडिंग एक जनपद एक उत्पाद स्कीम के तहत की जा रही है.

गुणों के आधार पर बेहतरीन है 'काला नमक चावल'
काला नमक चावल के जानकार गिरीश पांडेय कहते हैं कि पूर्वांचल के तकरीबन 12 जिले की मिट्टी और जलवायु एक जैसी है, जिसे एग्रो क्लाइमेट जोन कहा जाता है. इन सारे जिलों में काला नमक चावल पैदा हो सकता है. इस तरह से अगर काला नमक चावल की खेती को प्रोत्साहित किया जाता है तो इन जिलों के लाखों किसानों को लाभ होगा. काला नमक अपने आप में बेहतरीन चावल है. गुणों के आधार पर यह बासमती पर भी भारी पड़ता है. इसमें पौष्टिक गुण पाया जाता है. चावल खाने में नर्म होता है. इसमे जिंक पाया जाता है. आयरन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है.

उत्पादन बढ़ाने पर फोकस
खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग के प्रमुख सचिव नवनीत सहगल का कहना है कि 'एक जनपद एक उत्पाद' हमारी बहुत महत्वपूर्ण योजना है. सिद्धार्थनगर का काला नमक चावल बहुत मशहूर है. हमारी विशेषज्ञों की टीम ने सिद्धार्थनगर क्षेत्र का दौरा किया है. काला नमक धान की बुआई कम क्यों होती जा रही है. इसे कैसे बढ़ाया जाए, किसानों की रुचि कैसे बढ़ाई जाए और ऐसे ही कई प्रकार की रणनीति पर सरकार काम कर रही है. पहली रणनीति यह है कि किसानों को अच्छे बीज कैसे उपलब्ध कराए जाएं. इसके लिए पंतनगर एग्रिकल्चर यूनिवर्सिटी से बात की गई है.

किसानों की समस्याएं होंगी दूर
नवनीत सहगल ने बताया कि कई राइस रिसर्च इंस्टिट्यूट से बात हो रही है. ज्यादा से ज्यादा बीज तैयार करने पर फोकस है. इसके बाद किसानों की सिंचाई की समस्या दूर हो. फसल तैयार होने के बाद इसकी मार्केटिंग को लेकर भी योजना है. मार्केटिंग से जुड़े लोगों को भी वह वहां लेकर गए थे.

किसानों को मिलेगा लाभ
भाजपा प्रवक्ता मनीष शुक्ला का कहना है कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार किसानों की आय दोगुना करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. सरकार ने प्रदेश में रोजगार बढ़ाने के लिए 'एक जनपद एक उत्पाद' के तहत सभी जिलों से कम से कम एक उत्पाद का चयन किया है. काला नमक चावल भी इसी योजना के तहत लिया गया है. इससे किसानों को लाभ होगा.

उत्तर प्रदेश की भी ब्रांडिंग होगी
अपने गुणों के आधार पर चावलों का राजा काला नमक चीन, श्रीलंका और जापान जैसे देशों में काफी पसंद किया जाएगा, क्योंकि इन देशों में भगवान बुद्ध के अनुयायी लोग ज्यादा हैं. काला नमक चावल के निर्यात से किसानों को अच्छा मूल्य मिलेगा. किसानों में समृद्धि आएगी और उत्तर प्रदेश की भी ब्रांडिंग होगी.

Intro:नोट- इसकी खबर भेजी गई थी लेकिन रिवाइज की गई की वीडियो नहीं गया है। इसलिए इसका वीडियो सहित दोबारा भेज रहे हैं।


यूपी का काला नमक चावल दुनिया में अपनी सुगंध

लखनऊ। यूपी के सिद्धार्थनगर का काला नमक चावल अब दुनिया में अपनी सुगंध फैलाएगा। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार काला नमक चावल की ब्रांडिंग करने के लिए पूरी शिद्दत से लग गई है। योगी सरकार काला नमक चावल के आध्यात्मिक इतिहास को भी देश और दुनिया के लोगों को बताएगी। बताया जा रहा है कि भगवान बुद्ध से काला नमक का इतिहास जुड़ा हुआ है। भगवान बुद्ध जब इस क्षेत्र में आये तो उन्होंने प्रसाद के रूप में लोगों को यही चावल दिया। तब से काला नमक की इस खास क्षेत्र में पैदावार हो रही है। कम पैदावार और ज्यादा समय लगने समेत तमाम विपरीत परिस्थितियों के चलते किसानों में इसकी खेती करने की रुचि कम होती गयी। सरकार का मानना है कि गुण के आधार पर पर तो काला नमक की अपनी पहचान है ही, अगर इसके इतिहास के बारे में भी दुनिया भर के लोग जानेंगे तो वे पूरी रुचि के साथ इसकी खरीदारी करेंगे। धान की बिक्री से स्थानीय किसानों को अच्छा खासा लाभ होगा। काला नमक चावल की पैदावार और इसकी ब्रांडिंग एक जनपद एक उत्पाद स्कीम के तहत की जा रही है।


Body:काला नमक चावल के जानकार गिरीश पांडे कहते हैं कि पूर्वांचल के तकरीबन एक दर्जन जिले की मिट्टी और जलवायु एक जैसी है जिसे एग्रो क्लाइमेट जोन कहा जाता है। इन सारे जिलों में काला नमक पैदा हो सकता है। इस तरह से अगर काला नमक की खेती को प्रोत्साहित किया जाता है तो एक दर्जन जिले के लाखों किसानों को लाभ होगा। काला नमक अपने आप में बेहतरीन चावल है। गुणों के आधार पर यह बासमती पर भी भारी पड़ता है। इसमें पौष्टिक गुण पाया जाता है। चावल खाने में नर्म होता है। इसमे जिंक पाया जाता है। आयरन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। पूरे पूर्वांचल में आयरन की कमी है। इसलिए यह कुपोषण के खिलाफ जंग भी साबित हो सकती है। कभी केंद्र की सरकार ने भी इसे एक योजना के तहत चुना था। लेकिन तब यह सफल नहीं हुई। अगर यह योजना सफल हुई तो किसानों को अच्छा लाख होगा और उत्तर प्रदेश की योगी सरकार यही चाह रही है।

खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग के प्रमुख सचिव नवनीत सहगल का कहना है कि एक जनपद एक उत्पाद हमारी बहुत महत्वपूर्ण योजना है। सिद्धार्थ नगर का काला नमक चावल बहुत मशहूर है। हमारी विशेषज्ञों की टीम ने सिद्धार्थ नगर क्षेत्र का दौरा किया है। काला नमक धान की बुआई कम क्यों होती जा रही है। इसे कैसे बढ़ाया जाए। किसानों की रुचि कैसे बढ़ाई जाए। ऐसे ही कई प्रकार की रणनीति पर सरकार काम कर रही है। पहली रणनीति यह एक की किसानों को अच्छी बीज कैसे उपलब्ध कराई जाए। इसके लिए पंतनगर एग्रिकल्चर यूनिवर्सिटी से बात की गई है। कई राइस रिसर्च इंस्टिट्यूट से भी हम बात कर रहे हैं। ज्यादा से ज्यादा बीज तैयार करने पर हमारा फोकस है। इसके बाद किसानों की सिंचाई की समस्या दूर हो। फसल तैयार होने के बाद इसकी मार्केटिंग को लेकर भी हमारी योजना है। मार्केटिंग से जुड़े लोगों को भी हम वहां लेकर गए थे। निर्यातकों ने इस वर्ष 500 टन काला नमक चावल खरीदने का आश्वासन दिया है। 250 टन बीज तैयार कर किसानों के बीच बांटने की योजना है।

भाजपा प्रवक्ता मनीष शुक्ला का कहना है कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार किसानों की आय दोगुना करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। सरकार ने प्रदेश में रोजगार बढ़ाने के लिए एक जनपद एक उत्पाद के तहत सभी जिलो से कम से कम एक उत्पाद का चयन किया है। काला नमक चावल भी इसी योजना के तहत लिया गया है। इससे किसानों को लाभ होगा।


Conclusion:दरअसल योगी सरकार काला नमक की खेती को बढ़ाने के लिए भगवान बुद्ध से जुड़ा इसके इतिहास को देश और दुनिया को बताना चाह रही है। यह बताने से भगवान बुद्ध के अनुयायियों के बीच इसकी लोकप्रियता काफी होगी। अपने गुणों के आधार पर चावलों का राजा काला नमक चीन, श्रीलंका और जापान जैसे देशों में काफी पसंद किया जाएगा। क्योंकि इन देशों में भगवान बुद्ध के अनुयायी लोग ज्यादा हैं। काला नमक चावल के निर्यात से किसानों को अच्छा मूल्य मिलेगा। किसानों में समृद्धि आएगी। उत्तर प्रदेश की भी ब्रांडिंग होगी।
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