लखनऊः भारतीय संस्कृति को समेटे उत्तर प्रदेश टूरिज्म का बड़ा केन्द्र है, यहां परम्परा से लेकर पौराणिकता की झलक देखने को मिलती है. उत्तर प्रदेश में पर्यटन की अपार सम्भावनायें हैं. इसी को देखते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी पर्यटन नीति घोषित किया है. प्रदेश में ईको-टूरिज्म को बढ़ावा दिया जा रहा है. इसके तहत प्राकृतिक एवं वन क्षेत्र में मौजूद रमणीक स्थलों पर वन व पर्यटन विभाग मिलकर ग्रामीण पर्यटन की दृष्टि से सम्बंधित क्षेत्रों का विकास किया जा रहा है.
प्रदेश के प्रमुख सचिव संस्कृति मुकेश मेश्राम ने बताया कि ईको-टूरिज्म पाॅलिसी के तहत सम्भावित क्षेत्रों में स्थानीय लोगों के सहयोग से बिना प्रकृति को नुकसान पहुंचाये पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए आवश्यक सुविधाओं का विकास किया जा रहा है. प्रदेश सरकार की इस नीति से स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा साथ ही स्थानीय स्तर पर उत्पादित कुटीर उद्योगों की विभिन्न वस्तुओं का विक्रय व राष्ट्रीय, अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनेगी. स्थानीय स्तर पर उत्पादित वस्तुओं के विक्रय से लोगों में आर्थिक समृद्धि आयेगी.
आत्मनिर्भर भारत अभियान को मिल रहा बढ़ावा
प्रदेश के प्रमुख सचिव संस्कृति मुकेश मेश्राम ने बताया कि सरकार आत्मनिर्भर भारत अभियान को बढ़ावा देने के लिए ईको-टूरिज्म को बढ़ावा दे रही है. प्रदेश सरकार ‘पर्यटन एवं ग्रामीण विकास’ थीम पर प्रकृति के नजदीक पर्यटकों को ले जा रही है. प्रदेश में वन, जंगल, वाटर फाल, पहाड़ी और हरे-भरे क्षेत्रों से भरपूर नदियां व प्राकृतिक क्षेत्र हैं. इन क्षेत्रों में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए आवागमन के लिए वन नीति के अनुसार मार्ग बनाने, ठहरने व अन्य आवश्यक सुविधाओं का विकास किया जा रहा है.
प्रदेश में कई पक्षी विहार हैं जो पर्यटकों को आकर्षित करते हैं. प्रदेश के कई जिलों में प्राकृतिक दृश्य हैं जो आकर्षण के केन्द्र हैं. प्रदेश में धार्मिक पर्यटन के लिए रामायण सर्किट, बौद्ध सर्किट, महाभारत सर्किट सहित कई धार्मिक सर्किट बनाते हुए पर्यटकों को एक सुविधायुक्त मार्ग प्रशस्त किया गया है. उसी तरह ईको-टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए सम्बंधित क्षेत्रों का विकास किया जा रहा है.