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यूपी सरकार का आदेश: कोविड से कर्मचारी की मौत पर आश्रितों में बराबर बंटेगी 50 लाख की अनुग्रह राशि

कोरोना महामारी के दौरान अपनी सेवा दे रहे कर्मचारियों की कोविड-19 संक्रमण से मौत होने बाद मिलने वाली 50 लाख की अनुग्रह राशि को सरकार ने आश्रितों में बराबर बांटने का निर्णय लिया है. अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार ने बताया कि अगर सेवा पुस्तिका में सभी आश्रितों के नाम दर्ज नहीं है तो उत्तराधिकारिओं में सहायता की धनराशि बराबर वितरित कराई जाएगी.

बराबर बंटेगी 50 लाख की अनुग्रह राशि
बराबर बंटेगी 50 लाख की अनुग्रह राशि
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Published : Jun 23, 2021, 10:23 AM IST

लखनऊ: कोरोना महामारी के दौरान काम कर रहे फ्रंटलाइन वर्कर्स की मौत के बाद उनके आश्रितों को मिलने वाली 50 लाख रुपये की अनुग्रह राशि बराबर-बराबर बांट दी जाएगी. राजस्व विभाग की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि जिन फ्रंटलाइन वर्कर्स की कोरोना संक्रमण से मौत हुई है, उनके सभी आश्रितों को 50 लाख की अनुग्रह राशि बराबर-बराबर बांटी जाएगी.

अपर मुख्य सचिव ने जारी किया आदेश
यह काम जिलाधिकारी के स्तर पर किया जाएगा और परिवार में संबंधित फ्रंटलाइन वर्कर्स के कौन-कौन लोग शामिल हैं, उसका आंकलन सेवा पुस्तिका के आधार पर किया जाएगा. अपर मुख्य सचिव राजस्व विभाग रेणुका कुमार की तरफ से कोरोना के कारण मरने वाले फ्रंटलाइन वर्कर्स के सभी आश्रितों को बराबर बराबर अनुग्रह राशि वितरित किए जाने को लेकर सभी जिलाधिकारियों को आदेश जारी कर दिया गया है.

आश्रितों के बीच विवाद की स्थिति में किया गया फैसला
दरअसल, कोरोना संक्रमण से मरने वाले कर्मचारियों के आश्रितों में अनुग्रह राशि को लेकर विवाद की खबरें मिलने के बाद यह निर्णय लिया गया है. राजस्व विभाग की अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार ने बताया कि अगर सेवा पुस्तिका में सभी आश्रितों के नाम दर्ज नहीं है तो जिलाधिकारी मृत कर्मचारी के उत्तराधिकारिओं में सहायता की धनराशि बराबर-बराबर वितरित कराएंगे.

इसे भी पढ़ें : बीजेपी का मिशन 2022, जातीय समीकरण साधकर यूपी फतह की तैयारी


मृतकों की सूचना वेबसाइट में फीड कराने के भी निर्देश
रेणुका कुमार ने बताया कि राजस्व विभाग की तरफ से कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान मरने वाले सरकारी कर्मचारियों का विवरण व आवश्यक दस्तावेज राहत आयुक्त कार्यालय की वेबसाइट rahat.up.nic.in पर 30 जून तक अनिवार्य रूप से फीड कर दिए जाए. अपर मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारी, लखनऊ, वाराणसी, गौतमबुद्ध नगर व कानपुर के पुलिस कमिश्नर और सभी पुलिस कप्तानों को दिशा निर्देशों का अनुपालन करते हुए मृत कर्मचारियों की सूचना वेबसाइट पर फीड कराने के निर्देश दिए हैं.

लखनऊ: कोरोना महामारी के दौरान काम कर रहे फ्रंटलाइन वर्कर्स की मौत के बाद उनके आश्रितों को मिलने वाली 50 लाख रुपये की अनुग्रह राशि बराबर-बराबर बांट दी जाएगी. राजस्व विभाग की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि जिन फ्रंटलाइन वर्कर्स की कोरोना संक्रमण से मौत हुई है, उनके सभी आश्रितों को 50 लाख की अनुग्रह राशि बराबर-बराबर बांटी जाएगी.

अपर मुख्य सचिव ने जारी किया आदेश
यह काम जिलाधिकारी के स्तर पर किया जाएगा और परिवार में संबंधित फ्रंटलाइन वर्कर्स के कौन-कौन लोग शामिल हैं, उसका आंकलन सेवा पुस्तिका के आधार पर किया जाएगा. अपर मुख्य सचिव राजस्व विभाग रेणुका कुमार की तरफ से कोरोना के कारण मरने वाले फ्रंटलाइन वर्कर्स के सभी आश्रितों को बराबर बराबर अनुग्रह राशि वितरित किए जाने को लेकर सभी जिलाधिकारियों को आदेश जारी कर दिया गया है.

आश्रितों के बीच विवाद की स्थिति में किया गया फैसला
दरअसल, कोरोना संक्रमण से मरने वाले कर्मचारियों के आश्रितों में अनुग्रह राशि को लेकर विवाद की खबरें मिलने के बाद यह निर्णय लिया गया है. राजस्व विभाग की अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार ने बताया कि अगर सेवा पुस्तिका में सभी आश्रितों के नाम दर्ज नहीं है तो जिलाधिकारी मृत कर्मचारी के उत्तराधिकारिओं में सहायता की धनराशि बराबर-बराबर वितरित कराएंगे.

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मृतकों की सूचना वेबसाइट में फीड कराने के भी निर्देश
रेणुका कुमार ने बताया कि राजस्व विभाग की तरफ से कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान मरने वाले सरकारी कर्मचारियों का विवरण व आवश्यक दस्तावेज राहत आयुक्त कार्यालय की वेबसाइट rahat.up.nic.in पर 30 जून तक अनिवार्य रूप से फीड कर दिए जाए. अपर मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारी, लखनऊ, वाराणसी, गौतमबुद्ध नगर व कानपुर के पुलिस कमिश्नर और सभी पुलिस कप्तानों को दिशा निर्देशों का अनुपालन करते हुए मृत कर्मचारियों की सूचना वेबसाइट पर फीड कराने के निर्देश दिए हैं.

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