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इस वित्तीय वर्ष में यूपी सरकार को मिला 1.47 लाख करोड़ का राजस्व...पिछले साल से ज्यादा हुई कमाई

इस वित्तीय वर्ष में यूपी सरकार को अच्छा-खासा राजस्व मिला है. प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने इसकी जानकारी दी. चलिए जानते हैं इस बारे में.

इस वित्तीय वर्ष में यूपी सरकार को मिला 1.47 लाख करोड़ का राजस्व.
इस वित्तीय वर्ष में यूपी सरकार को मिला 1.47 लाख करोड़ का राजस्व.
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Published : Apr 7, 2022, 7:37 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने गुरुवार को चालू वित्तीय वर्ष में सरकार को प्राप्त राजस्व के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि मुख्य कर-करेत्तर राजस्व वाले मदों में वित्तीय वर्ष 2021-22 में मार्च तक कुल 1,47,843.10 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ, जो निर्धारित लक्ष्य रुपये 1,85,235.00 करोड़ का 79.8 प्रतिशत है जबकि वर्ष 2020-21 के मार्च तक 1,22,616.48 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ था. इस प्रकार वित्तीय वर्ष 2021-22 में वित्तीय वर्ष 2020-21 के सापेक्ष 25,226.62 करोड़ अधिक राजस्व प्राप्त हुआ है.


वित्त मंत्री ने बताया कि जीएसटी के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2021-22 में कुल रुपए 54,594.13 करोड़ की राजस्व प्राप्ति हुई, जबकि गत वित्तीय वर्ष 2020-21 की प्राप्ति रुपए 44,944.44 करोड़ थी. वैट के अन्तर्गत मार्च, 2022 तक 27,058.19 करोड़ की राजस्व प्राप्ति हुई जबकि गत वर्ष मार्च, 2021 तक प्राप्ति रुपए 22,112.95 करोड़ थी. आबकारी के तहत मार्च, 2022 तक कुल रुपए 36,321.13 करोड़ की राजस्व प्राप्ति हुई जबकि गत वर्ष मार्च, 2021 तक प्राप्ति रुपए 30,060.34 करोड़ थी.

स्टाम्प तथा निबन्धन के अन्तर्गत मार्च 2022 तक राजस्व प्राप्ति रुपए 20,045.68 करोड़ है, जबकि गत वर्ष माह मार्च, 2021 तक प्राप्ति रुपए 16,471.83 करोड़ थी. परिवहन के अन्तर्गत माह मार्च, 2022 तक राजस्व प्राप्ति रुपए 7,159.38 करोड़ है, जबकि गत वर्ष माह मार्च, 2021 तक प्राप्ति रुपए 5,905.95 करोड़ थी. भू-तत्व तथा खनिकर्म के अन्तर्गत माह मार्च, 2022 तक प्राप्ति रुपए 2,664.59 करोड़ है, जबकि गत वर्ष माह मार्च 2021 तक प्राप्ति रुपए 3,120.97 करोड़ थी.


वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2021-2022 के लिये मूल बजट का आकार रुपये 5,50,270.78 करोड़ है. वित्तीय वर्ष के दौरान दो अनुपूरक अनुदान लिए गए जिसमें प्रथम अनुपूरक रुपये 7,301.52 करोड़ तथा द्वितीय अनुपूरक रुपये 8,479.53 करोड़ है. इन दोनों अनुपूरक मांगों को सम्मिलित करने पर बजट का आकार रुपये 5,66,051.83 करोड़ हो गया. 31 मार्च, 2022 तक कुल रुपये 4,34,319.38 करोड़ का व्यय हुआ है, जो बजट अनुमान (रुपये 5,66,051.83 करोड़) का लगभग 77 फीसदी है. गत वित्तीय वर्ष 2020-2021 में दिनांक 31 मार्च, 2021 तक बजट अनुमान (रुपये 5,12,860.72 करोड़) के सापेक्ष 73 प्रतिशत (रुपये 3,76,456.46 करोड़) का व्यय हुआ था. इस प्रकार वित्तीय वर्ष 2021-2022 में वित्तीय वर्ष 2020-2021 की तुलना में रुपये 58,862.92 करोड़ (लगभग 16 प्रतिशत) अधिक व्यय हुआ है.


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लखनऊ: उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने गुरुवार को चालू वित्तीय वर्ष में सरकार को प्राप्त राजस्व के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि मुख्य कर-करेत्तर राजस्व वाले मदों में वित्तीय वर्ष 2021-22 में मार्च तक कुल 1,47,843.10 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ, जो निर्धारित लक्ष्य रुपये 1,85,235.00 करोड़ का 79.8 प्रतिशत है जबकि वर्ष 2020-21 के मार्च तक 1,22,616.48 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ था. इस प्रकार वित्तीय वर्ष 2021-22 में वित्तीय वर्ष 2020-21 के सापेक्ष 25,226.62 करोड़ अधिक राजस्व प्राप्त हुआ है.


वित्त मंत्री ने बताया कि जीएसटी के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2021-22 में कुल रुपए 54,594.13 करोड़ की राजस्व प्राप्ति हुई, जबकि गत वित्तीय वर्ष 2020-21 की प्राप्ति रुपए 44,944.44 करोड़ थी. वैट के अन्तर्गत मार्च, 2022 तक 27,058.19 करोड़ की राजस्व प्राप्ति हुई जबकि गत वर्ष मार्च, 2021 तक प्राप्ति रुपए 22,112.95 करोड़ थी. आबकारी के तहत मार्च, 2022 तक कुल रुपए 36,321.13 करोड़ की राजस्व प्राप्ति हुई जबकि गत वर्ष मार्च, 2021 तक प्राप्ति रुपए 30,060.34 करोड़ थी.

स्टाम्प तथा निबन्धन के अन्तर्गत मार्च 2022 तक राजस्व प्राप्ति रुपए 20,045.68 करोड़ है, जबकि गत वर्ष माह मार्च, 2021 तक प्राप्ति रुपए 16,471.83 करोड़ थी. परिवहन के अन्तर्गत माह मार्च, 2022 तक राजस्व प्राप्ति रुपए 7,159.38 करोड़ है, जबकि गत वर्ष माह मार्च, 2021 तक प्राप्ति रुपए 5,905.95 करोड़ थी. भू-तत्व तथा खनिकर्म के अन्तर्गत माह मार्च, 2022 तक प्राप्ति रुपए 2,664.59 करोड़ है, जबकि गत वर्ष माह मार्च 2021 तक प्राप्ति रुपए 3,120.97 करोड़ थी.


वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2021-2022 के लिये मूल बजट का आकार रुपये 5,50,270.78 करोड़ है. वित्तीय वर्ष के दौरान दो अनुपूरक अनुदान लिए गए जिसमें प्रथम अनुपूरक रुपये 7,301.52 करोड़ तथा द्वितीय अनुपूरक रुपये 8,479.53 करोड़ है. इन दोनों अनुपूरक मांगों को सम्मिलित करने पर बजट का आकार रुपये 5,66,051.83 करोड़ हो गया. 31 मार्च, 2022 तक कुल रुपये 4,34,319.38 करोड़ का व्यय हुआ है, जो बजट अनुमान (रुपये 5,66,051.83 करोड़) का लगभग 77 फीसदी है. गत वित्तीय वर्ष 2020-2021 में दिनांक 31 मार्च, 2021 तक बजट अनुमान (रुपये 5,12,860.72 करोड़) के सापेक्ष 73 प्रतिशत (रुपये 3,76,456.46 करोड़) का व्यय हुआ था. इस प्रकार वित्तीय वर्ष 2021-2022 में वित्तीय वर्ष 2020-2021 की तुलना में रुपये 58,862.92 करोड़ (लगभग 16 प्रतिशत) अधिक व्यय हुआ है.


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