लखनऊ: प्रदेश भर में राज्य विद्युत परिषद कर्मचारियों ने सरकार के माध्यम से जीपीएफ, सीपीएफ को लेकर संयुक्त संघर्ष समिति के तत्वावधान में दो दिवसीय धरना प्रदर्शन किया. वहीं प्रदेश के जौनपुर, बुलंदशहर और मेरठ में विद्युत कर्मचारियों ने कार्य बहिष्कार कर विरोध दर्ज कराया.
जौनपुर में पीएफ घोटाले को लेकर कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन
जौनपुर के लाइनबाजार थाना स्थित हाइडिल पर राज्य विद्युत परिषद कर्मचारियों ने सरकार के माध्यम से जीपीएफ, सीपीएफ का पैसा निकालने को लेकर संयुक्त संघर्ष समिति के तत्वावधान में दो दिवसीय धरना प्रदर्शन किया. कर्मचारियों ने कहा कि जब तक सरकार हमारे जीपीएफ/ सीपीएफ/ ईपीएफ की पैसे की व्यवस्था नहीं करती है, हम लोगों का धरना प्रदर्शन जारी रहेगा.
कर्मचारी संघ के अध्यक्ष निखिलेश सिंह ने कहा कि जीपीएफ और सीपीएफ, जो हमारे प्रोविडेंड फंड है और भविष्य निधि के पैसे हैं. जो हम कर्मचारियों का रिटायरमेंट के बाद दिया जाता था, जिसकी कटौती हमारी सैलरी से होती है, उसे निकालकर किसी और को दे दिया गया है. जिसकी जिम्मेदारी लेने के लिए पूर्ण रूप से कोई तैयार नहीं है. हम लोगों ने सरकार से मांग कर कई दिनों तक घंटे-घंटे भर धरना प्रदर्शन कर अल्टीमेटम भी दिया, लेकिन सरकार द्वारा कोई सुनवाई नहीं की जा रही है.
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बुलंदशहर में पीएफ घोटाले को लेकर प्रदर्शन
बुलंदशहर में बिजली विभाग के जिले भर के हजारों कर्मचारियों ने आंदोलन करते हुए मुख्य अभियंता विद्युत विभाग के दफ्तर के प्रांगण में कार्य बहिष्कार कर विरोध दर्ज कराया. एक पखवाड़े से विद्युतकर्मी यहां आंदोलित हैं और घोटाले के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं उन्होंने दो दिवसीय कार्य बहिष्कार कर घोटाले के विरोध में अपना विरोध प्रदर्शन दर्ज कराया.
जिले भर के बिजली कर्मियों ने कार्य बहिष्कार कर धरना प्रदर्शन किया. इस मौके पर बिजली कर्मियों ने पीएम घोटाले के आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है. मुख्य अभियंता के दफ्तर के प्रांगण में बैठकर हजारों विद्युत कर्मियों ने घोटाले के विरोध में ऊर्जा मंत्री के खिलाफ भी जमकर नारेबाजी की गई. गुस्साए विद्युत कर्मियों ने 48 घंटे के लिए कार्य बहिष्कार किया हुआ है, बिजली कर्मियों ने सरकार के खिलाफ विरोध दर्ज कराते हुए सीबीआई से जांच कराने की मांग की है.
मेरठ में बिजली कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन
मेरठ के ऊर्जा भवन में बिजली कर्मचारियों ने धरना प्रदर्शन दिया. कर्मचारियों को अपनी भविष्य निधि यानी के पीएफ के डूबने के आसार नजर आ रहे हैं. उनका कहना यह भी है कि पहले कभी सरकारी नौकरी एक गारंटी होती थी, लेकिन अब यह सरकारी कर्मचारी खुद सरकार की मंशा पर सवाल खड़े करते हुए नजर आ रहे हैं.
कर्मचारियों का कहना है कि जब तक सरकार इस नोटिफिकेशन को वापस नहीं लेगी, उनका धरना चलता रहेगा. ऐसे में आम जनमानस को बिजली आपूर्ति होने में भी कुछ नहीं किया जा सकता है.