लखनऊ: उत्तर प्रदेश में बिजली की दरों को बढ़ाने को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहले ही मना कर चुके हैं. वहीं अब उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग से बिजली दर घटाने और रेगुलेटरी सरचार्ज न लगाए जाने के साथ समय परिवर्तन प्रस्ताव को रद्द करने की मांग भी राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद की तरफ से की गई है. अब नियामक आयोग के अध्यक्ष आरपी सिंह ने कहा है कि सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर जल्द ही बिजली की दरों के संबंध में आदेश पारित किया जाएगा.
नियामक आयोग अध्यक्ष आरपी सिंह के द्वारा वार्षिक राजस्व आवश्यकता, ट्रू अप, स्लैब परिवर्तन, रेग्युलेटरी एसेट के संबंध में राज्य सलाहकार समिति के साथ बैठक हुई है.
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत नियामक आयोग ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए राज्य सलाहकार समिति के सदस्यों के साथ बैठक की. जिसमें वार्षिक राजस्व आवश्यकता को वापस लेकर परिवर्तन और रेगुलेटरी एसेट के संबंध में सबने अपनी राय रखी. वहीं स्मार्ट ग्रिड के चेयरमैन रजई पिल्लई ने भी उपभोक्ताओं को राहत देने के साथ आधुनिक तकनीक को बढ़ाने की बात कही. उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष आरपी सिंह ने कहा कि सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए जल्द ही बिजली की दरों के संबंध में फैसला लिया जाएगा.
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष और सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने ए आर आर पर सवाल उठाते हुए कहा कि विद्युत कंपनियों पर उपभोक्ता के लगभग 19,537 करोड रुपए निकल रहे हैं. जिसके बदले विद्युत दरों को घटाने और उनके टेरिफ प्रस्ताव को लागू किया जाए. वहीं महंगी बिजली खरीदने पर भी उन्हें सवाल खड़ा किया. रेगुलेटरी एक्ट के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि कंपनियों ने इसका गलत आंकलन किया है. उनके खिलाफ कड़े कदम उठाया जाए और सच्चाई का प्रस्ताव रद्द किया जाए.