ETV Bharat / state

आखिर क्यों अखिलेश के जवाब न देने के बावजूद भी शिवपाल चाहते हैं सपा से गठबंधन?

author img

By

Published : Oct 20, 2021, 10:07 PM IST

प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल सिंह समाजवादी पार्टी से गठबंधन की उम्मीद लगाए बैठे हैं. हालांकि डेडलाइन खत्म होने के बाद भी अखिलेश यादव ने इस संबंध में कोई जवाब नहीं दिया है. जानिए आखिर क्यों शिवपाल सिंह सपा से गठबंधन करना चाह रहे हैं?

चाचा शिवपाल को भतीजे अखिलेश की हां का इंतजार.
चाचा शिवपाल को भतीजे अखिलेश की हां का इंतजार.

लखनऊः समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी अध्यक्ष शिवपाल सिंह को गठबंधन को लेकर कोई जवाब नहीं दिया है. बावजूद इसके अभी भी शिवपाल सिंह समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन को लेकर उम्मीद पाले हुए हैं और वह इंतजार कर रहे हैं. शिवपाल सिंह सपा से गठबंधन के साथ चुनाव मैदान में जाने को लेकर न सिर्फ मजबूर हैं, बल्कि परिवार को भी 'एक' करने की वह कोशिश में जुटे हुए हैं. भले ही दोनों दल अलग-अलग यात्रा निकाल कर अपनी तैयारियों को आगे बढ़ा रहे हों लेकिन चुनाव साथ में लड़ने में सपा के साथ ही प्रसपा को भी फायदा होगा.

चाचा शिवपाल को भतीजे अखिलेश की हां का इंतजार.


प्रसपा के नेताओं का कहना है कि अखिलेश यादव भले अभी जवाब न दे रहे हो, लेकिन वह गठबंधन को लेकर काफी संजीदा हैं. अखिलेश यादव को पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं से जिला स्तर पर लिए गए फीडबैक में यह बात की जानकारी मिली है कि अगर शिवपाल कई दलों के लोग मोर्चा बनाकर चुनाव मैदान में उतरते हैं तो सबसे बड़ा नुकसान समाजवादी पार्टी को हो सकता है. बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान प्रसपा ने सपा को कई सीटों पर बहुत कम अंतर से हराया था. ऐसे में अखिलेश यादव न सिर्फ चिंतित हैं बल्कि संजीदगी से गठबंधन को लेकर अपने स्तर पर फीडबैक ले रहे हैं. भले अभी वह कुछ भी खुलकर ना बोल रहे हैं. यही कारण है कि प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव बार-बार अपने भाषण और मीडिया से बातचीत में सपा के साथ गठबंधन की प्राथमिकता बताते हुए अभी भी अखिलेश के जवाब का इंतजार कर रहे हैं.

मुलायम सिंह यादव के जन्मदिन पर 'एक' होने की उम्मीद
शिवपाल की मजबूरी की बात करें तो उन्हें पता है कि अगर वह अकेले होकर और अन्य दलों के साथ मोर्चा बनाकर चुनाव मैदान में उतरते हैं तो वह सरकार बनाने लायक स्थिति में नहीं पहुंच पाएंगे. ऐसे में उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के साथ ही चुनाव लड़ने में फायदा है. यही कारण है कि वह हर स्तर पर प्रयास कर रहे हैं कि प्रसपा का सपा से गठबंधन हो जाए. भले कुछ सीटें कम मिलें, बस प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं का सम्मान बचा रहे. अब देखना दिलचस्प होगा कि 22 नवंबर को समाजवादी पार्टी के संरक्षक पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के जन्मदिन के अवसर पर शिवपाल और अखिलेश एक हो पाते हैं या नहीं? पार्टी के नेताओं को उम्मीद है कि मुलायम के जन्मदिन के अवसर पर 'यादव परिवार एक' होगा और 2022 विधानसभा चुनाव की लड़ने की नींव भी उसी दिन रखी जाएगी.

इसे भी पढ़ें-विधानसभा चुनाव 2022 : चाचा शिवपाल को भतीजे का है इंतजार, इनकार के बाद रणनीति करेंगे तैयार

शिवपाल के बगैर जो भी गठबंधन बना वह भाजपा से नहीं लड़ सकाः दीपक मिश्रा
प्रसपा के प्रवक्ता दीपक मिश्रा कहते हैं कि शिवपाल यादव की रणनीति स्पष्ट है. बार-बार उन्होंने कहा है कि गैर भाजपावाद के सूत्र पर सभी समाजवादी पार्टी और सेकुलर दलों को एक करके भाजपा के खिलाफ एक सार्थक सकारात्मक विकल्प बनाना चाहते हैं. एक सामाजिक परिवर्तन करना चाहते हैं, इसीलिए वह सामाजिक परिवर्तन यात्रा निकाल रहे हैं. दीपक मिश्रा ने कहा कि समाजवादी सोच और हर समाजवादी सोच के लोग यह जानते हैं कि शिवपाल सिंह यादव के बगैर जो भी गठबंधन बना वह भाजपा से नहीं लड़ सके. पिछले तीन चुनावों का इतिहास इसका गवाह है. यह सर्वविदित तथ्य है कि जहां अखिलेश यादव के जवाब देने ना देने की बात है इसका उत्तर वही दे सकते हैं. हमारा दल हमारी पार्टी अपनी गतिविधियों में बहुत आगे आ चुकी है. परिवर्तन रथ तेजी से बुंदेलखंड और मध्य क्षेत्र कवर कर चुका है. तमाम बड़े नेता प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के साथ जुड़ रहे हैं.

शीर्ष नेतृत्व जल्द निर्णय लेगाः फखरुल हसन
वहीं, समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता फखरुल हसन चांद कहते हैं कि अखिलेश यादव लगातार उत्तर प्रदेश के दौरे पर जनता का अपार जन समर्थन उन्हें मिल रहा है. छोटे दल लगातार समाजवादी पार्टी के साथ जुड़ रहे हैं और संपर्क में हैं. दूसरे दलों के तमाम नेता भी लगातार समाजवादी पार्टी के साथ आ रहे हैं. जहां तक शिवपाल सिंह यादव के दल की बात है शीर्ष नेतृत्व जल्द ही इस पर कोई निर्णय लेगा.

लखनऊः समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी अध्यक्ष शिवपाल सिंह को गठबंधन को लेकर कोई जवाब नहीं दिया है. बावजूद इसके अभी भी शिवपाल सिंह समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन को लेकर उम्मीद पाले हुए हैं और वह इंतजार कर रहे हैं. शिवपाल सिंह सपा से गठबंधन के साथ चुनाव मैदान में जाने को लेकर न सिर्फ मजबूर हैं, बल्कि परिवार को भी 'एक' करने की वह कोशिश में जुटे हुए हैं. भले ही दोनों दल अलग-अलग यात्रा निकाल कर अपनी तैयारियों को आगे बढ़ा रहे हों लेकिन चुनाव साथ में लड़ने में सपा के साथ ही प्रसपा को भी फायदा होगा.

चाचा शिवपाल को भतीजे अखिलेश की हां का इंतजार.


प्रसपा के नेताओं का कहना है कि अखिलेश यादव भले अभी जवाब न दे रहे हो, लेकिन वह गठबंधन को लेकर काफी संजीदा हैं. अखिलेश यादव को पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं से जिला स्तर पर लिए गए फीडबैक में यह बात की जानकारी मिली है कि अगर शिवपाल कई दलों के लोग मोर्चा बनाकर चुनाव मैदान में उतरते हैं तो सबसे बड़ा नुकसान समाजवादी पार्टी को हो सकता है. बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान प्रसपा ने सपा को कई सीटों पर बहुत कम अंतर से हराया था. ऐसे में अखिलेश यादव न सिर्फ चिंतित हैं बल्कि संजीदगी से गठबंधन को लेकर अपने स्तर पर फीडबैक ले रहे हैं. भले अभी वह कुछ भी खुलकर ना बोल रहे हैं. यही कारण है कि प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव बार-बार अपने भाषण और मीडिया से बातचीत में सपा के साथ गठबंधन की प्राथमिकता बताते हुए अभी भी अखिलेश के जवाब का इंतजार कर रहे हैं.

मुलायम सिंह यादव के जन्मदिन पर 'एक' होने की उम्मीद
शिवपाल की मजबूरी की बात करें तो उन्हें पता है कि अगर वह अकेले होकर और अन्य दलों के साथ मोर्चा बनाकर चुनाव मैदान में उतरते हैं तो वह सरकार बनाने लायक स्थिति में नहीं पहुंच पाएंगे. ऐसे में उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के साथ ही चुनाव लड़ने में फायदा है. यही कारण है कि वह हर स्तर पर प्रयास कर रहे हैं कि प्रसपा का सपा से गठबंधन हो जाए. भले कुछ सीटें कम मिलें, बस प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं का सम्मान बचा रहे. अब देखना दिलचस्प होगा कि 22 नवंबर को समाजवादी पार्टी के संरक्षक पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के जन्मदिन के अवसर पर शिवपाल और अखिलेश एक हो पाते हैं या नहीं? पार्टी के नेताओं को उम्मीद है कि मुलायम के जन्मदिन के अवसर पर 'यादव परिवार एक' होगा और 2022 विधानसभा चुनाव की लड़ने की नींव भी उसी दिन रखी जाएगी.

इसे भी पढ़ें-विधानसभा चुनाव 2022 : चाचा शिवपाल को भतीजे का है इंतजार, इनकार के बाद रणनीति करेंगे तैयार

शिवपाल के बगैर जो भी गठबंधन बना वह भाजपा से नहीं लड़ सकाः दीपक मिश्रा
प्रसपा के प्रवक्ता दीपक मिश्रा कहते हैं कि शिवपाल यादव की रणनीति स्पष्ट है. बार-बार उन्होंने कहा है कि गैर भाजपावाद के सूत्र पर सभी समाजवादी पार्टी और सेकुलर दलों को एक करके भाजपा के खिलाफ एक सार्थक सकारात्मक विकल्प बनाना चाहते हैं. एक सामाजिक परिवर्तन करना चाहते हैं, इसीलिए वह सामाजिक परिवर्तन यात्रा निकाल रहे हैं. दीपक मिश्रा ने कहा कि समाजवादी सोच और हर समाजवादी सोच के लोग यह जानते हैं कि शिवपाल सिंह यादव के बगैर जो भी गठबंधन बना वह भाजपा से नहीं लड़ सके. पिछले तीन चुनावों का इतिहास इसका गवाह है. यह सर्वविदित तथ्य है कि जहां अखिलेश यादव के जवाब देने ना देने की बात है इसका उत्तर वही दे सकते हैं. हमारा दल हमारी पार्टी अपनी गतिविधियों में बहुत आगे आ चुकी है. परिवर्तन रथ तेजी से बुंदेलखंड और मध्य क्षेत्र कवर कर चुका है. तमाम बड़े नेता प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के साथ जुड़ रहे हैं.

शीर्ष नेतृत्व जल्द निर्णय लेगाः फखरुल हसन
वहीं, समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता फखरुल हसन चांद कहते हैं कि अखिलेश यादव लगातार उत्तर प्रदेश के दौरे पर जनता का अपार जन समर्थन उन्हें मिल रहा है. छोटे दल लगातार समाजवादी पार्टी के साथ जुड़ रहे हैं और संपर्क में हैं. दूसरे दलों के तमाम नेता भी लगातार समाजवादी पार्टी के साथ आ रहे हैं. जहां तक शिवपाल सिंह यादव के दल की बात है शीर्ष नेतृत्व जल्द ही इस पर कोई निर्णय लेगा.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.