लखनऊ: डायल 112 में तैनात पुलिसकर्मी परिवार से दूर होकर अपनी ड्यूटी को निभा रहे हैं. वहीं कोविड-19 जैसी महामारी की चुनौतियों से आए दिन सामना कर रहे हैं. ऐसी स्थिति में पुलिसकर्मियों की मानसिक मजबूती बनाने के लिए शासन के सहयोग से 112 यूपी मन संवाद कार्यक्रम के माध्यम से मनोवैज्ञानिक तरीके से मजबूत किया जा रहा है. वहीं इस कार्य को सुचारू रूप से चलाने के लिए उत्तर प्रदेश डायल 112 लखनऊ विश्वविद्यालय की मदद ले रहा है.
गुस्सा और नींद जैसी समस्याओं के लिए आती है कॉल
मन संवाद में काउंसलर के पास फोन कर कर्मी अपनी कई तरह की समस्याओं को साझा कर रहे हैं. पीआरबी पर ड्यूटी करने वाले एक जवान ने बताया आजकल उन्हें छोटी-छोटी बात पर गुस्सा आ जाता है. वहीं महिला कर्मी ने अपने काउंसलर को बताया आजकल हमें नींद नहीं आने की समस्या है, जबकि पहले ऐसा नहीं था.
परिवार के डर के कारण हो रहा अवसाद
एक पुलिसकर्मी ने बताया कि परिवार वाले जब न्यूज में देखते हैं कि कोविड-19 से किसी पुलिसकर्मी की मृत्यु हो गई तो वह फोन करके रोने लगते हैं. परिजनों के लगातार इस तरह के व्यवहार से मैं अवसाद में जाने लगा हूं.
कर्मियों के लिए 112 नंबर अलग भूमिका निभा रही
जहां कोविड-19 के महामारी में पुलिसकर्मी फ्रंट लाइन पर काम कर रहे हैं. ऐसी स्थिति में उनके परिजनों की मदद के लिए डायल 112 एक अलग भूमिका निभा रहा है. डायल 112 उनके परिजन फोन कर किसी भी तरह की मदद के लिए पूछ रहा है. ऐसी स्थिति में अब सैकड़ों पुलिस कर्मियों के परिजन इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं.
किस तरह होता है मनोवैज्ञानिक से संपर्क
पुलिस कर्मियों को डायल 112 में ऑनलाइन फार्म भर कर मनोविज्ञान से संपर्क कर सकते हैं. इसके लिए डायल 112 कर्मियों के मोबाइल फोन पर फॉर्म का लिंक साझा किया गया है. फॉर्म को ऑनलाइन भेजते हैं, जहां 112 के सहयोगी निजी संस्था फार्म को काउंसलर के पास भेजने का काम करती है. इस तरह पुलिस कर्मियों के काउंसलिंग का आवंटन होता है.
वही काउंसलिंग के लिए दिल्ली, लखनऊ, बेंगलुरु जैसे कई शहरों से काउंसलर की मदद ली जा रही है. हाल ही में 27 काउंसलर डायल 112 की काउंसलिंग में मदद कर रहे हैं.
लखनऊ विश्वविद्यालय की मनोविज्ञान विभाग में कार्यरत डॉ. अर्चना शुक्ला ने बताया कि 99% समस्याएं अपने जनरेट की हुई होती हैं. जिसको लेकर मनोवैज्ञानिक मदद करते हैं कि कोई व्यक्ति अपनी समस्याओं का सामना कैसे करे. हम लोग उनकी समस्याओं को समझ कर मदद करते हैं. जिससे पुलिस कर्मियों की समस्याओं का हल आसानी से हो जाता है.