लखनऊ : ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के नाम पर उत्तर प्रदेश सरकार ने जनता की गाढ़ी कमाई का करोड़ों रुपया पानी की तरह बहा दिया. सरकार की तुगलकी नीति उत्तर प्रदेश की जनता को बदहाल करने के लिए काफी है. यह इन्वेस्टर्स समिट जनता के साथ धोखा है. इन्वेस्टर सम्मिट को लेकर कांग्रेस ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा है कि सरकार की हालत 'अपने मुंह मियां मिठ्ठू होने' जैसी हो गई है.
उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बृजलाल खाबरी ने कहा कि सरकार का कहना है कि 33 लाख 50 हजार करोड़ के निवेश का प्रस्ताव आया है. इसमें अकेले ललितपुर में 32 हजार करोड़ का प्रस्ताव है. साथ ही प्रदेश के सभी जनपदों में कुछ न कुछ निवेश के प्रस्ताव आए हैं. जबकि इसके पहले उत्तर प्रेदश की योगी सरकार में इंवेस्टर समिट हो चुकी है. खाबरी ने कहा कि 21 व 22 फरवरी 2018 में 4 लाख 28 हजार करोड़ रुपये के लगभग एक हजार कंपनियों के साथ निवेश का एमओयू साइन हुआ था. कितनी कंपनियां जमीन पर आईं उसका ब्योरा अभी तक नहीं मिल पाया है.
कांग्रेस अध्यक्ष ने आगे कहा कि इस समिट के लिए देश की बड़ी बड़ी इवेंट मैनेजमेंट एजेन्सियां लगाई गईं. सरकार को इसका खुलासा करना चाहिए कि वह कौन कौन सी एजेन्सियां हैं जिस पर कितना व्यय हुआ है. उन्हें लगाने की प्रक्रिया कौन सी अपनाई गई है. इस समिट के लिए पिछले कई महीनों से उत्तर प्रदेश की सरकार कई देशों का भ्रमण कर रही थी. मंत्री, अधिकारी रोड शो कर रहे थे. पिछले समिट में कितना व्यय हुआ और कितना निवेश आया उसके साथ ही इस बार के खर्च का भी ब्योरा सार्वजनिक किया जाना चाहिए. इन्वेस्टर्स समिट सरकार के घोटाले का एक माध्यम बन चुकी है. पूरा प्रदेश महंगाई, बेरोजगारी की मार झेल रहा है. प्रदेश का नौजवान रोजगार हेतु पलायन के लिए मजबूर है. लघु उद्योग पर सरकार का कोई ध्यान नहीं है. खाबरी ने अब तक के हुए इन्वेस्टर्स समिट एवं ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट पर 'श्वेत पत्र' जारी करने की मांग की हैं
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