लखनऊ: प्रवासी श्रमिकों के लिए 1000 बसों की व्यवस्था को लेकर उपजे विवाद पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को आगरा से गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद बुधवार देर रात ही लखनऊ पुलिस लल्लू को लेकर राजधानी लखनऊ पहुंची. गुरुवार सुबह जांच के बाद लल्लू को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया था. कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए अजय कुमार लल्लू को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. इसके बाद राजधानी पुलिस लल्लू को सिंचाई विभाग के गेस्ट हाउस ले गई. यहां कुछ देर रखे जाने के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष को जिला जेल गोसाईंगंज में शिफ्ट कर दिया गया है.
कोविड-19 टेस्ट के बाद कोर्ट में पेश किए गए लल्लू
आगरा में दर्ज की गई एफआईआर के तुरंत बाद लखनऊ की टीम ने अजय कुमार लल्लू को आगरा में गिरफ्तार किया. बुधवार रात ही राजधानी पुलिस कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष को लेकर लखनऊ पहुंची. गुरुवार की सुबह महानगर सिविल अस्पताल में अजय कुमार लल्लू का मेडिकल और कोविड-19 टेस्ट कराया गया. इस जांच में उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई है.
रात भर कांग्रेसियों में रही हलचल
अजय कुमार लल्लू को आगरा से लखनऊ लाकर मजिस्ट्रेट के सामने पेश करने का पूरा अभियान पुलिस ने गोपनीय तरीके से किया. इस दौरान कांग्रेस के खेमे में हलचल महसूस की गई. कांग्रेस के कार्यकर्ता और नेता हजरतगंज थाने सहित सिविल हॉस्पिटल के सामने भारी तादात में नजर आए.
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तेलीबाग में कांग्रेस कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन
नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया के कार्यकर्ताओं ने गेस्ट हाउस के सामने रात लगभग 4:00 बजे प्रदर्शन किया था. इस दौरान सरकार विरोधी नारे लगाए. गेस्ट हाउस में जहां कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष को रखा गया है. वहां पुलिस ने आने-जाने के सभी रास्ते सील कर दिए हैं. लगभग 1 किलोमीटर की दूरी पर ही लोगों को रोका दिया जा रहा है.
सीसीटीवी कैमरे से हो रही निगरानी
गेस्ट हाउस को सीसीटीवी निगरानी में रखा गया है. मीडिया को भी गेस्ट हाउस से 400 मीटर दूरी पर ही रोक दिया जा रहा है. जानकारी के अनुसार गेस्ट हाउस में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष को अपना मोबाइल फोन भी नहीं ले जाने दिया गया है. कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उनकी गिरफ्तारी का विरोध किया है और मोबाइल फोन जैसी सुविधाओं से वंचित रखे जाने को तानाशाही बताया है. कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कहना है कि अस्थाई जेल में राजनेता पर इतने प्रतिबंध नहीं लगाए जाने चाहिए.