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कांग्रेस के लिए अमेठी में निकाय चुनाव अग्नि परीक्षा, खाता खोलने की चुनौती - यूपी में कांग्रेस की राजनीति

गांधी परिवार का गढ़ रही अमेठी में निकाय चुनाव कई मायनों में अहम है. कांग्रेस को जहां खाता खोलने की चुनौती है. वहीं भाजपा अपनी जीत का परचम कायम रखने के लिए कड़ा संघर्ष कर रही है. सपा के साथ अन्य दल भी दौड़ में अव्वल आने की कोशिश में लगे हैं. बहरहाल अमेठी नगर पंचायत की सबसे हाॅट सीट पर किसका कब्जा होगा, यह मतदान के बाद ही पता चलेगा.

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Published : Apr 25, 2023, 5:02 PM IST

लखनऊ : यूपी में निकाय चुनाव के लिए अंतिम चरण के नामांकन की प्रक्रिया पूरी हो गई. अब नामांकन की जांच और नाम वापसी के बाद अंतिम सूची का इंतजार है. उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव का परिणाम भले कुछ भी हो पर प्रदेश में एक सीट का चुनाव पर सभी की नजर है. इस सीट के चुनाव को 2024 के लोकसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है. इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों की नजर है. यह सीटें अमेठी की दो नगर पालिका व नगर पंचायत की हैं. इन सीटों को लेकर भाजपा व कांग्रेस दोनों ही पार्टियों पूरी ताकत झोंकी हुई हैं.

अमेठी में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के लिए यह चुनाव अग्नि परीक्षा से कम नहीं है. कांग्रेस, बीजेपी के साथ ही समाजवादी पार्टी ने इस सीट पर उम्मीदवार उतार कर मुकाबले को रोचक बना दिया है. इसके अलावा आम आदमी पार्टी ने भी इस सीट पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं. ऐसे में वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले अमेठी हो रहे निकाय चुनाव को सत्ता के सेमीफाइनल के तौर पर देखा जा रहा है.

गांधी परिवार का गढ़ रही अमेठी की सत्ता के लिए कांग्रेस और बीजेपी का संग्राम किसी से छिपा नहीं है. अमेठी में दो नगर पालिका और दो नगर पंचायत के अध्यक्षों और सभासदों के लिए मतदान दूसरे चरण में होगा. ऐसे में कांग्रेस और बीजेपी के अतिरिक्त सपा और आम आदमी पार्टी भी सत्ता संग्राम में पीछे नहीं है. जिले की सबसे हॉट सीट अमेठी नगर पंचायत मानी जा रही है. वर्तमान में 30 जिले में दो नगर पालिका और दो नगर पंचायत सीट हैं. इनमें से तीन पर बीजेपी व एक पर समाजवादी पार्टी का कब्जा है. भाजपा के पास जायस, अमेठी, मुसाफिरखाना जबकि समाजवादी पार्टी के पास गौरीगंज की सीट है. कांग्रेस का पिछले साल खाता भी नहीं खुला था. ऐसे में इस सीट पर हो रहे निकाय चुनाव की जीत हार कांग्रेस नेता राहुल गांधी व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के ऊपर सीधा असर डाल रहा है. वर्ष 2019 में राहुल गांधी का स्मृति ईरानी से चुनाव हारने के बाद कांग्रेस लगातार इस सीट को जीतने की कोशिश कर रही है. ऐसे में निकाय चुनाव कांग्रेस के लिए अग्निपरीक्षा से कम नहीं है.

महिला सीट होने के कारण तीन बार के अध्यक्ष रहे चुनाव से बाहर


अमेठी नगर पंचायत की सीट को सबसे कांटे की सीट मानी जा रही है. इस सीट पर बीते तीन बार से राजेश मसाला का कब्जा था. इस बार महिला सीट होने के कारण वह चुनाव से बाहर हो गए हैं. इस सीट पर बीजेपी ने अंजू कसौधन को अपना उम्मीदवार बनाया है. वहीं कांग्रेस ने इस बार सपा छोड़कर आए सरसौल निशा को अपना उम्मीदवार बनाया है. सपा ने यहां से जमीरुल निशा को अपना उम्मीदवार घोषित किया है. आम आदमी पार्टी ने नगीना जायसवाल को टिकट दिया है. कॉन्ग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बृजलाल खाबरी अमेठी की सभी चारों सीटों पर जीत सुनिश्चित करने के लिए पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं की पूरी फौज मैदान में उतार रखी है. वहीं भाजपा किसी भी हाल में वर्ष 2024 से पहले अमेठी जैसी हाई प्रोफाइल सीट पर अपना पुराना प्रदर्शन दोहराने की पूरी कोशिश कर रही है.

यह भी पढ़ें : पूर्व सीएम हेमवती नंदन बहुगुणा की जयंती पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया याद, अर्पित की श्रद्धांजलि

लखनऊ : यूपी में निकाय चुनाव के लिए अंतिम चरण के नामांकन की प्रक्रिया पूरी हो गई. अब नामांकन की जांच और नाम वापसी के बाद अंतिम सूची का इंतजार है. उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव का परिणाम भले कुछ भी हो पर प्रदेश में एक सीट का चुनाव पर सभी की नजर है. इस सीट के चुनाव को 2024 के लोकसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है. इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों की नजर है. यह सीटें अमेठी की दो नगर पालिका व नगर पंचायत की हैं. इन सीटों को लेकर भाजपा व कांग्रेस दोनों ही पार्टियों पूरी ताकत झोंकी हुई हैं.

अमेठी में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के लिए यह चुनाव अग्नि परीक्षा से कम नहीं है. कांग्रेस, बीजेपी के साथ ही समाजवादी पार्टी ने इस सीट पर उम्मीदवार उतार कर मुकाबले को रोचक बना दिया है. इसके अलावा आम आदमी पार्टी ने भी इस सीट पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं. ऐसे में वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले अमेठी हो रहे निकाय चुनाव को सत्ता के सेमीफाइनल के तौर पर देखा जा रहा है.

गांधी परिवार का गढ़ रही अमेठी की सत्ता के लिए कांग्रेस और बीजेपी का संग्राम किसी से छिपा नहीं है. अमेठी में दो नगर पालिका और दो नगर पंचायत के अध्यक्षों और सभासदों के लिए मतदान दूसरे चरण में होगा. ऐसे में कांग्रेस और बीजेपी के अतिरिक्त सपा और आम आदमी पार्टी भी सत्ता संग्राम में पीछे नहीं है. जिले की सबसे हॉट सीट अमेठी नगर पंचायत मानी जा रही है. वर्तमान में 30 जिले में दो नगर पालिका और दो नगर पंचायत सीट हैं. इनमें से तीन पर बीजेपी व एक पर समाजवादी पार्टी का कब्जा है. भाजपा के पास जायस, अमेठी, मुसाफिरखाना जबकि समाजवादी पार्टी के पास गौरीगंज की सीट है. कांग्रेस का पिछले साल खाता भी नहीं खुला था. ऐसे में इस सीट पर हो रहे निकाय चुनाव की जीत हार कांग्रेस नेता राहुल गांधी व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के ऊपर सीधा असर डाल रहा है. वर्ष 2019 में राहुल गांधी का स्मृति ईरानी से चुनाव हारने के बाद कांग्रेस लगातार इस सीट को जीतने की कोशिश कर रही है. ऐसे में निकाय चुनाव कांग्रेस के लिए अग्निपरीक्षा से कम नहीं है.

महिला सीट होने के कारण तीन बार के अध्यक्ष रहे चुनाव से बाहर


अमेठी नगर पंचायत की सीट को सबसे कांटे की सीट मानी जा रही है. इस सीट पर बीते तीन बार से राजेश मसाला का कब्जा था. इस बार महिला सीट होने के कारण वह चुनाव से बाहर हो गए हैं. इस सीट पर बीजेपी ने अंजू कसौधन को अपना उम्मीदवार बनाया है. वहीं कांग्रेस ने इस बार सपा छोड़कर आए सरसौल निशा को अपना उम्मीदवार बनाया है. सपा ने यहां से जमीरुल निशा को अपना उम्मीदवार घोषित किया है. आम आदमी पार्टी ने नगीना जायसवाल को टिकट दिया है. कॉन्ग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बृजलाल खाबरी अमेठी की सभी चारों सीटों पर जीत सुनिश्चित करने के लिए पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं की पूरी फौज मैदान में उतार रखी है. वहीं भाजपा किसी भी हाल में वर्ष 2024 से पहले अमेठी जैसी हाई प्रोफाइल सीट पर अपना पुराना प्रदर्शन दोहराने की पूरी कोशिश कर रही है.

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