लखनऊ : बहुजन समाज पार्टी की नीतियां लगातार भारतीय जनता पार्टी को सफलता दिला रही हैं. मायावती के ट्वीट से लेकर उपचुनाव में उनके प्रत्याशियों और निकाय चुनाव में उनके संभावित प्रत्याशी कहीं ना कहीं भाजपा को सफलता दिलाने वाले हैं. आजमगढ़ में गुड्डू जमाली समीकरण ने निरहुआ को जीत दिलाई थी. जबकि रामपुर लोकसभा उप चुनाव में बसपा ने उम्मीदवार ना उतारकर भाजपा की मदद की थी. निकाय चुनाव में बसपा अधिकांश मुस्लिम उम्मीदवारों को खड़ा करके भाजपा को फायदा पहुंचाने की तैयारी कर रही है. समाजवादी पार्टी ने इस मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी और बसपा दोनों को घेरा है. भारतीय जनता पार्टी का स्पष्ट कहना है कि सभी पार्टियां अपना अपना चुनाव लड़ रही हैं. समाजवादी पार्टी के पास केवल हार के बहाने तैयार रहते हैं.
निकाय चुनाव में व सपा के मुस्लिम उम्मीदवार भाजपा के लिए एसेट साबित होंगे. बसपा ने मथुरा के राजा मोहतासिम अहमद, फिरोजाबाद से रुखसाना बेगम, सहारनपुर से खादिजा मसूद, प्रयागराज से सईद अहमद, मुरादाबाद से मोहम्मद यामीन और लखनऊ शाहीन बेगम को उम्मीदवार बनाकर भाजपा की राह आसान की है. इसी तरह से नगर पंचायतों के अध्यक्ष और पार्षदों में भी बड़ी संख्या में मुसलमानों को लड़ा कर बहुजन समाज पार्टी भारतीय जनता पार्टी का ही काम कर रही है. समाजवादी पार्टी को इससे बड़ा नुकसान होगा.
इससे पहले आजमगढ़ के लोकसभा उपचुनाव में बहुजन समाज पार्टी के गुड्डू जमाली ने पौने तीन लाख के करीब वोट पाए थे. जिसकी वजह से भारतीय जनता पार्टी के दिनेश लाल यादव निरहुआ को मात्र 12000 वोटों से जीत मिली थी. माना जा रहा है कि गुड्डू जमाली की लड़ने की वजह से मुस्लिमों का पूरा वोट समाजवादी पार्टी से कट गया. इसी तरह रामपुर लोकसभा उपचुनाव में बहुजन समाज पार्टी ने कोई दलित उम्मीदवार ना खड़ा करके भारतीय जनता पार्टी की ओर पूरा दलित वोट डायवर्ट करा दिया. जिससे भाजपा को बहुत लाभ हुआ है. इसी तरह के लाभ का अनुमान भाजपा को अब निकाय चुनाव में भी है.
इस बारे में समाजवादी पार्टी के नेता और प्रवक्ता आईपी सिंह ने एक ट्वीट करके बसपा पर आरोप लगाया कि वह लगातार मुस्लिम प्रत्याशियों को खड़ा करके भाजपा को लाभ पहुंचा रही है. ईटीवी भारत से समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता फखरुल हसन चांद ने बताया कि बहुजन समाज पार्टी फिरकापरस्त ताकतों से मिल चुकी है. वह भाजपा को फायदा पहुंचा रही है. भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने बताया कि निश्चित तौर पर सभी राजनीतिक दल अपना-अपना चुनाव लड़ते हैं. सभी अपने प्रयास करते हैं. बसपा भी कह सकती है कि समाजवादी पार्टी की वजह से उनको हार मिली. इसलिए समाजवादी पार्टी को हार के बहाने बनाने से अच्छा है, सच्चाई का सामना करना शुरू कर दे. इस बारे में वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक विजय उपाध्याय ने बताया कि बहुजन समाज पार्टी हमेशा एक खास नीति के तहत अपने टिकट बांटती है. वह हमेशा खास रणनीति पर काम करती है. निश्चित तौर पर इन दिनों उसकी राजनीति भाजपा के नजदीक नजर आ रही है. जिसे समाजवादी पार्टी को नुकसान हो रहा है.
उपचुनाव से लेकर निकाय चुनाव तक बसपा के मुद्दे और प्रत्याशी भाजपा के मददगार - निकाय चुनाव में समाजवादी पार्टी की मुसीबत
बहुजन समाज पार्टी की नीतियां उसके अपने लिए भले ही सटीक न साबित हो रही हों, लेकिन भाजपा को सीधा फायदा पहुंच रहा है. यही कारण है कि समाजवादी पार्टी की चिंता बढ़ी हुई है. विधानसभा और लोकसभा के बाद निकाय चुनाव में भी बीएसपी ने कुछ ऐसी ही राजनीतिक बिसात बिछाई है कि सपा को नुकसान होना तय है.
लखनऊ : बहुजन समाज पार्टी की नीतियां लगातार भारतीय जनता पार्टी को सफलता दिला रही हैं. मायावती के ट्वीट से लेकर उपचुनाव में उनके प्रत्याशियों और निकाय चुनाव में उनके संभावित प्रत्याशी कहीं ना कहीं भाजपा को सफलता दिलाने वाले हैं. आजमगढ़ में गुड्डू जमाली समीकरण ने निरहुआ को जीत दिलाई थी. जबकि रामपुर लोकसभा उप चुनाव में बसपा ने उम्मीदवार ना उतारकर भाजपा की मदद की थी. निकाय चुनाव में बसपा अधिकांश मुस्लिम उम्मीदवारों को खड़ा करके भाजपा को फायदा पहुंचाने की तैयारी कर रही है. समाजवादी पार्टी ने इस मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी और बसपा दोनों को घेरा है. भारतीय जनता पार्टी का स्पष्ट कहना है कि सभी पार्टियां अपना अपना चुनाव लड़ रही हैं. समाजवादी पार्टी के पास केवल हार के बहाने तैयार रहते हैं.
निकाय चुनाव में व सपा के मुस्लिम उम्मीदवार भाजपा के लिए एसेट साबित होंगे. बसपा ने मथुरा के राजा मोहतासिम अहमद, फिरोजाबाद से रुखसाना बेगम, सहारनपुर से खादिजा मसूद, प्रयागराज से सईद अहमद, मुरादाबाद से मोहम्मद यामीन और लखनऊ शाहीन बेगम को उम्मीदवार बनाकर भाजपा की राह आसान की है. इसी तरह से नगर पंचायतों के अध्यक्ष और पार्षदों में भी बड़ी संख्या में मुसलमानों को लड़ा कर बहुजन समाज पार्टी भारतीय जनता पार्टी का ही काम कर रही है. समाजवादी पार्टी को इससे बड़ा नुकसान होगा.
इससे पहले आजमगढ़ के लोकसभा उपचुनाव में बहुजन समाज पार्टी के गुड्डू जमाली ने पौने तीन लाख के करीब वोट पाए थे. जिसकी वजह से भारतीय जनता पार्टी के दिनेश लाल यादव निरहुआ को मात्र 12000 वोटों से जीत मिली थी. माना जा रहा है कि गुड्डू जमाली की लड़ने की वजह से मुस्लिमों का पूरा वोट समाजवादी पार्टी से कट गया. इसी तरह रामपुर लोकसभा उपचुनाव में बहुजन समाज पार्टी ने कोई दलित उम्मीदवार ना खड़ा करके भारतीय जनता पार्टी की ओर पूरा दलित वोट डायवर्ट करा दिया. जिससे भाजपा को बहुत लाभ हुआ है. इसी तरह के लाभ का अनुमान भाजपा को अब निकाय चुनाव में भी है.
इस बारे में समाजवादी पार्टी के नेता और प्रवक्ता आईपी सिंह ने एक ट्वीट करके बसपा पर आरोप लगाया कि वह लगातार मुस्लिम प्रत्याशियों को खड़ा करके भाजपा को लाभ पहुंचा रही है. ईटीवी भारत से समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता फखरुल हसन चांद ने बताया कि बहुजन समाज पार्टी फिरकापरस्त ताकतों से मिल चुकी है. वह भाजपा को फायदा पहुंचा रही है. भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने बताया कि निश्चित तौर पर सभी राजनीतिक दल अपना-अपना चुनाव लड़ते हैं. सभी अपने प्रयास करते हैं. बसपा भी कह सकती है कि समाजवादी पार्टी की वजह से उनको हार मिली. इसलिए समाजवादी पार्टी को हार के बहाने बनाने से अच्छा है, सच्चाई का सामना करना शुरू कर दे. इस बारे में वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक विजय उपाध्याय ने बताया कि बहुजन समाज पार्टी हमेशा एक खास नीति के तहत अपने टिकट बांटती है. वह हमेशा खास रणनीति पर काम करती है. निश्चित तौर पर इन दिनों उसकी राजनीति भाजपा के नजदीक नजर आ रही है. जिसे समाजवादी पार्टी को नुकसान हो रहा है.