लखनऊ: कोरोना संक्रमण के चलते प्राथमिक, माध्यमकि और उच्च शिक्षा के छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हुई है. अब यूपी बोर्ड की परीक्षाएं डेढ़ महीने बाद होनी है. इसमें 56 लाख के करीब छात्र-छात्राएं शामिल होने जा रहे हैं. ईटीवी भारत ने बोर्ड परीक्षाओं की तैयारियों को लेकर छात्रों और शिक्षकों से बात की तो एक अलग ही तस्वीर सामने आई. छात्रों और शिक्षकों का कहना है कि ऑनलाइन क्लासेस के नाम पर सिलेबस तो पूरा कर लिया गया है, लेकिन छात्रों को कितना क्या समझ में आया. यह कह पाना संभव नहीं है.
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शिक्षक बोले, परीक्षा है बढ़ी चुनौती
लखनऊ मॉन्टेसरी इंटर कॉलेज के शिक्षक आरके शुक्ला कहते हैं कि आधा सत्र बच्चे घर पर रहे. ऑनलाइन क्लासेज हुई, लेकिन अक्तूबर में ऑफलाइन क्लासेज शुरू होने के बाद असल में पढ़ाई हुई. क्वींस कॉलेज के शिक्षक अंकुर पाण्डेय ने बताया कि माध्यमिक शिक्षा परिषद की ओर से 30 प्रतिशत सिलेबस कम कर दिया गया था. इससे थोड़ी राहत मिली है. उनकी मानें तो, ऑनलाइन क्लासेज कराई जरूर गई हैं लेकिन, सरकारी और एडेड स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को इससे कम लाभ मिल सका है. विज्ञान के शिक्षक विमल चंद ओझा बताते हैं कि ऑनलाइन क्लासेज में छात्रों की ओर से गंभीरता कम नजर आई है. अब ऑफलाइन क्लासेज की मदद से उनके लिए अतिरिक्त कक्षाएं संचालित की जा रही हैं.
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दो बार हो चुकी हैं प्री बोर्ड परीक्षाएं-डीआईओएस
जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ. मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि जिले के लगभग सभी स्कूलों में सिलेबस पूरा हो चुका है. छात्रों के अभ्यास के लिए दो बार प्री-बोर्ड परीक्षाएं भी कराई जा चुकी हैं. अब सभी स्कूलों को रिवीजन कराने के निर्देश दिए गए हैं.