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UP बोर्ड परीक्षा: ऑनलाइन सिलेबस हुआ पूरा, पर ज्ञान मिला अधूरा - कोरोना ऑनलाइन क्लासेज

यूपी बोर्ड परीक्षाएं सिर पर हैं. 24 अप्रैल से प्रदेश में परीक्षाएं आयोजित हैं. कोरोना संक्रमण के चलते ऑनलाइन क्लासेज संचालित की गईं. छात्रों का कहना है सिलेबस तो ऑनलाइन पूरा कर लिया गया, लेकिन 60 प्रतिशत से ज्यादा समझ में ही नहीं आया है. ऐसे में छात्र और शिक्षक परेशान हैं.

यूपी बोर्ड परीक्षा का सेलेबस पूरा.
यूपी बोर्ड परीक्षा का सेलेबस पूरा.
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Published : Feb 28, 2021, 6:46 PM IST

Updated : Mar 1, 2021, 9:45 AM IST

लखनऊ: कोरोना संक्रमण के चलते प्राथमिक, माध्यमकि और उच्च शिक्षा के छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हुई है. अब यूपी बोर्ड की परीक्षाएं डेढ़ महीने बाद होनी है. इसमें 56 लाख के करीब छात्र-छात्राएं शामिल होने जा रहे हैं. ईटीवी भारत ने बोर्ड परीक्षाओं की तैयारियों को लेकर छात्रों और शिक्षकों से बात की तो एक अलग ही तस्वीर सामने आई. छात्रों और शिक्षकों का कहना है कि ऑनलाइन क्लासेस के नाम पर सिलेबस तो पूरा कर लिया गया है, लेकिन छात्रों को कितना क्या समझ में आया. यह कह पाना संभव नहीं है.

यूपी बोर्ड परीक्षा का सेलेबस पूरा.
यूपी बोर्ड की परीक्षाएं 24 अप्रैल से शुरू हो रही हैं. इसमें प्रदेश भर में करीब 56 लाख छात्र-छात्राएं शामिल होने जा रहे हैं. छात्रों का कहना है कि ऑनलाइन क्लासेज में पढ़ाई अच्छी नहीं हो पाई है. छात्रों का कहना है सिलेबस तो ऑनलाइन पूरा कर लिया गया, लेकिन 60 प्रतिशत से ज्यादा समझ में ही नहीं आया है. सभी परेशान हैं. जैसे तैसे तैयारियों को अंजाम दिया जा रहा है.यह है छात्राओं का दर्द10वीं की छात्रा सौम्या कहती हैं कि ऑनलाइन क्लासेज में चीजें समझ में नहीं आई हैं. शिक्षकों के लिए भी समझा पाना आसान नहीं रहा है. उनकी मानें तो सिलेबस पूरा हो गया है. लेकिन, समझ में 60 प्रतिशत से ज्यादा नहीं आया है. 10वीं की छात्रा निदा कहती हैं कि उनके पास अपना मोबाइल नहीं था. कभी बड़े भाइयों का मोबाइल मिलता तो उससे थोड़ी पढ़ाई हो जाती. 12वीं की पूर्णिमा पाल और श्वेता यादव कहती हैं कि बोर्ड परीक्षा के डेढ़ महीने बचे हैं. अब ऑफलाइन क्लासेस शुरू कर दी गई हैं. अब चीजें बेहतर ढंग से समझ में आ रही हैं.

इसे भी पढ़ें-24 अप्रैल से होंगी यूपी बोर्ड की परीक्षाएं, समय सारिणी घोषित


शिक्षक बोले, परीक्षा है बढ़ी चुनौती
लखनऊ मॉन्टेसरी इंटर कॉलेज के शिक्षक आरके शुक्ला कहते हैं कि आधा सत्र बच्चे घर पर रहे. ऑनलाइन क्लासेज हुई, लेकिन अक्तूबर में ऑफलाइन क्लासेज शुरू होने के बाद असल में पढ़ाई हुई. क्वींस कॉलेज के शिक्षक अंकुर पाण्डेय ने बताया कि माध्यमिक शिक्षा परिषद की ओर से 30 प्रतिशत सिलेबस कम कर दिया गया था. इससे थोड़ी राहत मिली है. उनकी मानें तो, ऑनलाइन क्लासेज कराई जरूर गई हैं लेकिन, सरकारी और एडेड स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को इससे कम लाभ मिल सका है. विज्ञान के शिक्षक विमल चंद ओझा बताते हैं कि ऑनलाइन क्लासेज में छात्रों की ओर से गंभीरता कम नजर आई है. अब ऑफलाइन क्लासेज की मदद से उनके लिए अतिरिक्त कक्षाएं संचालित की जा रही हैं.

इसे भी पढ़ें-राजधानी में 136 केंद्रों पर होगी यूपी बोर्ड की परीक्षा

दो बार हो चुकी हैं प्री बोर्ड परीक्षाएं-डीआईओएस
जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ. मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि जिले के लगभग सभी स्कूलों में सिलेबस पूरा हो चुका है. छात्रों के अभ्यास के लिए दो बार प्री-बोर्ड परीक्षाएं भी कराई जा चुकी हैं. अब सभी स्कूलों को रिवीजन कराने के निर्देश दिए गए हैं.

लखनऊ: कोरोना संक्रमण के चलते प्राथमिक, माध्यमकि और उच्च शिक्षा के छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हुई है. अब यूपी बोर्ड की परीक्षाएं डेढ़ महीने बाद होनी है. इसमें 56 लाख के करीब छात्र-छात्राएं शामिल होने जा रहे हैं. ईटीवी भारत ने बोर्ड परीक्षाओं की तैयारियों को लेकर छात्रों और शिक्षकों से बात की तो एक अलग ही तस्वीर सामने आई. छात्रों और शिक्षकों का कहना है कि ऑनलाइन क्लासेस के नाम पर सिलेबस तो पूरा कर लिया गया है, लेकिन छात्रों को कितना क्या समझ में आया. यह कह पाना संभव नहीं है.

यूपी बोर्ड परीक्षा का सेलेबस पूरा.
यूपी बोर्ड की परीक्षाएं 24 अप्रैल से शुरू हो रही हैं. इसमें प्रदेश भर में करीब 56 लाख छात्र-छात्राएं शामिल होने जा रहे हैं. छात्रों का कहना है कि ऑनलाइन क्लासेज में पढ़ाई अच्छी नहीं हो पाई है. छात्रों का कहना है सिलेबस तो ऑनलाइन पूरा कर लिया गया, लेकिन 60 प्रतिशत से ज्यादा समझ में ही नहीं आया है. सभी परेशान हैं. जैसे तैसे तैयारियों को अंजाम दिया जा रहा है.यह है छात्राओं का दर्द10वीं की छात्रा सौम्या कहती हैं कि ऑनलाइन क्लासेज में चीजें समझ में नहीं आई हैं. शिक्षकों के लिए भी समझा पाना आसान नहीं रहा है. उनकी मानें तो सिलेबस पूरा हो गया है. लेकिन, समझ में 60 प्रतिशत से ज्यादा नहीं आया है. 10वीं की छात्रा निदा कहती हैं कि उनके पास अपना मोबाइल नहीं था. कभी बड़े भाइयों का मोबाइल मिलता तो उससे थोड़ी पढ़ाई हो जाती. 12वीं की पूर्णिमा पाल और श्वेता यादव कहती हैं कि बोर्ड परीक्षा के डेढ़ महीने बचे हैं. अब ऑफलाइन क्लासेस शुरू कर दी गई हैं. अब चीजें बेहतर ढंग से समझ में आ रही हैं.

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शिक्षक बोले, परीक्षा है बढ़ी चुनौती
लखनऊ मॉन्टेसरी इंटर कॉलेज के शिक्षक आरके शुक्ला कहते हैं कि आधा सत्र बच्चे घर पर रहे. ऑनलाइन क्लासेज हुई, लेकिन अक्तूबर में ऑफलाइन क्लासेज शुरू होने के बाद असल में पढ़ाई हुई. क्वींस कॉलेज के शिक्षक अंकुर पाण्डेय ने बताया कि माध्यमिक शिक्षा परिषद की ओर से 30 प्रतिशत सिलेबस कम कर दिया गया था. इससे थोड़ी राहत मिली है. उनकी मानें तो, ऑनलाइन क्लासेज कराई जरूर गई हैं लेकिन, सरकारी और एडेड स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को इससे कम लाभ मिल सका है. विज्ञान के शिक्षक विमल चंद ओझा बताते हैं कि ऑनलाइन क्लासेज में छात्रों की ओर से गंभीरता कम नजर आई है. अब ऑफलाइन क्लासेज की मदद से उनके लिए अतिरिक्त कक्षाएं संचालित की जा रही हैं.

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दो बार हो चुकी हैं प्री बोर्ड परीक्षाएं-डीआईओएस
जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ. मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि जिले के लगभग सभी स्कूलों में सिलेबस पूरा हो चुका है. छात्रों के अभ्यास के लिए दो बार प्री-बोर्ड परीक्षाएं भी कराई जा चुकी हैं. अब सभी स्कूलों को रिवीजन कराने के निर्देश दिए गए हैं.

Last Updated : Mar 1, 2021, 9:45 AM IST
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