लखनऊ: प्रदेश में 17 फरवरी से शुरू हुई यूपी बोर्ड की परीक्षाओं में प्रशासन की सख्ती का असर देखने को मिल रहा है. परीक्षा के पहले दिन ही हजारों परीक्षार्थियों ने परीक्षा छोड़ दी. बता दें कि नकल विहीन परीक्षा कराने के लिए इस बार प्रशासन काफी मुस्तैद है. सीसीटीवी, वायस रिकॉर्डर के अतिरिक्त ऑनलाइन मॉनिटरिंग से नकल पर प्रभावी अंकुश लगाया जा रहा है.
गोण्डा में 8 हजार परीक्षार्थियों ने छोड़ी परीक्षा
गोण्डा में बोर्ड परीक्षा के दूसरे दिन करीब 8 हजार परीक्षार्थियों ने परीक्षा छोड़ दी. हाईस्कूल के करीब 4500 और इंटर के 3405 परीक्षार्थियों ने परीक्षा में भाग नहीं लिया. नकल विहीन परीक्षा कराने के लिए इस बार प्रशासन काफी मुस्तैद है. इस सख्ती के चलते परीक्षा छोड़ने वाले परीक्षार्थियों की संख्या में इजाफा हुआ है. बता दें कि हाई स्कूल में 45457 परीक्षार्थी और इंटरमीडिएट में 38414 परीक्षार्थी पंजीकृत थे.
हरदोई में 10 हजार परीक्षार्थियों ने छोड़ी परीक्षा
हरदोई में बोर्ड की परीक्षाओं में प्रशासन की सख्ती का असर साफ देखने को मिला है. दरअसल नकल विहीन परीक्षा कराने के लिए प्रशासन ने खासतौर से इंतजाम किए थे. जिसके चलते परीक्षा के पहले ही दिन 10 हजार से अधिक परीक्षार्थियों ने परीक्षा से किनारा कर लिया, बता दें कि जनपद में 96 हजार से अधिक परीक्षार्थी पंजीकृत है.
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चित्रकूट में बांटे गए अलग प्रश्न पत्र
चित्रकूट के त्यागी इंटर कॉलेज एचवारा में केंद्र व्यवस्थापक की लापरवाही से 12वीं के परिक्षार्थियों को कला की जगह विज्ञान वर्ग और विज्ञान वर्ग की जगह कला वर्ग के प्रश्न पत्रों को बांटा गया. वहीं, मामला संज्ञान में आते ही प्रशासन जांच पड़ताल में जुट गया है और आगे की कार्रवाई की बात की जा रही है.
परीक्षार्थियों की समस्याओं का निस्तारण
प्रयागराज में यूपी बोर्ड हेल्पलाइन के जरिए एक दिन में सैंकड़ों परीक्षार्थियों की समस्याओं के निस्तारण किया जा रहा है. बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि बच्चों में बोर्ड की परीक्षा को लेकर डर बना रहता है. इस हेल्पलाइन के माध्यम से बच्चों के अंदर बोर्ड की परीक्षा का डर खत्म किया जा रहा है.