लखनऊ: यूपी बोर्ड ने 10वीं, 12वीं के प्रमोशन का फार्मूला जारी कर दिया है. उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने बताया कि कोरोना के कारण यूपी बोर्ड की 10वीं, 12वीं की परीक्षा नहीं हो पाई है. अब रिजल्ट तैयार करने का फार्मूला निकाल लिया गया है.
इण्टरमीडिएट परीक्षाफल के लिए हाईस्कूल के 50%, कक्षा 11 के वार्षिक/अद्धवार्षिक परीक्षा के 40% और कक्षा 12 के प्री-बोर्ड 10% अंक निर्धारित किए गए हैं. हाईस्कूल परीक्षाफल के लिए कक्षा 9 के 50% और कक्षा 10 प्री-बोर्ड के 50% अंक के आधार पर निर्धारित किया जाएगा.
यह है 12वीं के अंक निर्धारण का फॉर्मूला
- कक्षा 10 बोर्ड परीक्षा के कुल प्राप्तांक के औसत का 50 प्रतिशत. औसत की गणना कक्षा-10 के सम्पूर्ण विषयों के कुल प्राप्तांक को कुल विषयों की संख्या अर्थात 6 से विभाजित करके निकाला जाएगा.
- कक्षा-11 की वार्षिक परीक्षा में सम्बन्धित विषय विशेष के 100 अंक के पूर्णांक का 40 प्रतिशत अंक.
- कक्षा-12 की प्री-बोर्ड परीक्षा में सम्बन्धित विषय विशेष के 100 अंक के पूर्णांक का 10 प्रतिशत अंक.
- तीनो अंकों को जोड़कर सम्बन्धित परीक्षार्थी के विषयवार अंकों का निर्धारण किया जायेगा. उदाहरणार्थ: यदि परीक्षार्थी ने कक्षा-10 की वार्षिक लिखित परीक्षा में 600 में से 300 अंक प्राप्त किये हैं. तब उसका औसत अंक 300/6 = 50 अंक होगा. इसमें से 50 प्रतिशत देयता के अनुसार उसे 25 अंक देय होगा. कक्षा-11 में किसी विषय विशेष में यदि उसे 100 अंक में से 60 अंक मिले हैं तब उसका 40 प्रतिशत 24 अंक देय होगा. इसी प्रकार प्री-बोर्ड परीक्षा से कक्षा-12 में उस विषय में उसे 50 अंक मिले हैं तब उसका 10 प्रतिशत 5 अंक होगा. इस प्रकार उसके कुल अंक 25+24+5 = 54 अंक होंगे.
हाईस्कूल परीक्षाफल तैयार करने का फार्मूला
- कक्षा 9 के 50% कक्षा 10 प्री-बोर्ड के 50% अंक निर्धारित होगा.
- हाईस्कूल परीक्षा में 70 अंकों की लिखित परीक्षा तथा 30 अंकों की आन्तरिक मूल्यांकन परीक्षा कुल 100 अंकों की सम्पादित होती है. वर्ष 2021 की आन्तरिक मूल्यांकन परीक्षा के अंक बोर्ड की वेबसाईट पर अपलोड हैं.
- कक्षा-9 की वार्षिक परीक्षा के अन्तर्गत सम्पादित 70 अंकों की लिखित परीक्षा और कक्षा-10 की 70 अंक की लिखित प्री-बोर्ड परीक्षा के अंक बोर्ड की वेबसाईट पर अपलोड हैं, जिनके आधार पर वर्ष 2021 की हाईस्कूल परीक्षा के परीक्षार्थियों के अंकों का निर्धारण किया जाएगा.
- कक्षा- 9 की 70 अंको की वार्षिक विषयवार लिखित परीक्षा का 50 प्रतिशत अंक.
- कक्षा- 10 की 70 अंकों की प्री-बोर्ड विषयवार लिखित परीक्षा का 50 प्रतिशत अंक.
- वर्ष 2021 में विद्यालय स्तर पर सम्पादित 30 अंकों की आन्तरिक मूल्यांकन परीक्षा के अंक.
- तीनों अंको को जोड़कर सम्बन्धित परीक्षार्थी के विषयवार अंकों का निर्धारण किया जायेगा. उदाहरणार्थ- यदि परीक्षार्थी ने कक्षा-9 की वार्षिक लिखित परीक्षा में 70 अंकों में से 60 अंक पाए हैं तब 50 प्रतिशत देयता के अनुसार उसके 30 अंक लिए जायेंगे. कक्षा-10 की प्री-बोर्ड लिखित परीक्षा में 70 अंको में से 40 अंक पाए हैं. तब 50 प्रतिशत देयता के अनुसार उसके 20 अंक लिये जायेंगे. आन्तरिक मूल्यांकन परीक्षा में यदि उसने 30 अंक में से 28 अंक पाए हैं तब सम्बन्धित परीक्षार्थी को कुल अंक 30+20+28 = 78 अंक प्राप्त होंगे.
इनका रखें विशेष ध्यान
- इण्टरमीडिएट के जिस किसी भी परीक्षार्थी (व्यक्तिगत/संस्थागत) के कक्षा-11 की दोनों परीक्षाओं (वार्षिक परीक्षा और अर्धवार्षिक) एवं/अथवा कक्षा-12 की प्री-बोर्ड परीक्षा तथा हाईस्कूल के जिस किसी भी परीक्षार्थी (व्यक्तिगत/संस्थागत) के कक्षा-9 की वार्षिक परीक्षा एवं/अथवा कक्षा-10 की प्री-बोर्ड परीक्षा के अंक उपलब्ध नहीं होंगे. उन्हें बिना अंकों के सामान्य रूप से प्रोन्नत कर दिया जायेगा.
- किसी परीक्षार्थी वार्षिक, अर्धवार्षिक, प्री-बोर्ड परीक्षा के अधिकतम 3 विषयों तक अंक अप्राप्त होने पर उस परीक्षा के शेष विषयों के प्राप्तांक का औसत उन तीन विषयों में दिया जायेगा.
- लिखित परीक्षा में न्यूनतम उत्तीर्णांक प्राप्त नहीं होने, किन्तु आंतरिक मूल्यांकन प्रयोगात्मक परीक्षा में उत्तीर्ण होने की स्थिति में परीक्षार्थी को बिना अंक के सामान्य प्रोन्नति प्रदान की जायेगी.
- प्रयोगात्मक विषयों में कक्षा 9/10/11/12 के उपलब्ध अंकों को बोर्ड की लिखित परीक्षा के निर्धारित अंकों पर स्केल करके प्रयोगात्मक/ आंतरिक मूल्यांकन के अंक (जो भी लागू होते हैं) से जोड़ा जायेगा.
- वर्ष 2021 की परीक्षा में उत्तीर्ण हुए परीक्षार्थियों की मेरिट सूची नहीं तैयार कराई जायेगी.
समस्त वर्ष 2021 के पंजीकृत परीक्षार्थी, जो अंक सुधार हेतु पुनः परीक्षा में सम्मिलित होना चाहते हैं, उन्हें आगामी बोर्ड परीक्षा में शुल्क दिये बिना, अंक सुधार के लिए एक या एक से अधिक, कितने भी विषयों में परीक्षा में बैठने का अवसर दिया जाएगा. उनका परीक्षाफल वर्ष 2021 का ही माना जायेगा.