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यूपी एटीएस ने धर्मांतरण मामले में दिल्ली से मौलाना जाफरी को किया गिरफ्तार

यूपी एटीएस ने 20 जून को धर्मांतरण के गिरोह को संचालित करने वाले कुछ व्यक्तियों को गिरफ्तार किया था. धर्मांतरण मामले पर यूपी एटीएस की टीम ने अब तक अलग-अलग राज्यों समेत 15 लोगों को गिरफ्तार किया है. जिसमें मौलाना उमर गौतम, मौलाना कलीम सिद्दीकी सहित महाराष्ट्र नेटवर्क के रामेश्वर कावले उर्फ आदम उर्फ एडम, भूप्रिय बन्दों उर्फ अर्सलान मुस्तफा, कौशल आलम, हाफिज इदरीश, मोहम्मद सलीम और धीरज जगपात समेत अन्य लोगों को गिरफ्तार किया था.

मौलाना जाफरी गिरफ्तार.
मौलाना जाफरी गिरफ्तार.
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Published : Oct 7, 2021, 5:03 PM IST

लखनऊ: एटीएस मुख्यालय से मिली जानकारी के अनुसार सरफराज अली जाफरी साल 2016 से सह आरोपी कलीम सिद्दीकी के ग्लोबल पीस सेंटर का कार्य देख रहा है. ग्लोबल पीस सेंटर जोकि कलीम सिद्दीकी द्वारा संचालित संस्था है. जिसका प्रमुख कार्य धर्मांतर संबंधित गतिविधियों का संचालन करना है. सरफराज जाफरी द्वारा ग्लोबल पीस सेंटर के अतिरिक्त ह्यूमैनिटी फॉर ऑल न्यू दिल्ली नामक संस्था के नाम पर कथित तौर पर सामाजिक कार्यों की आड़ में अवैध धर्मांतरण की गतिविधियां संयोजित करने के संबंध में भी तत्व पाए गए हैं. जिस के क्रम में संकलित साक्ष्यों के आधार पर संदिग्ध पाए गए. सरफराज अली जाफरी को पूछताछ के लिए आदेश अंतर्गत 160 सीआरपीसी के तहत 29 सितंबर को निर्गत किया गया था. सरफराज अली ग्लोबल पीस सेंटर के पास बाटला हाउस जामिया नगर नई दिल्ली में रहता था.

एटीएस की मानें तो आरोपी सरफराज अली जाफरी ग्लोबल पीस सेंटर के मैनेजर के तौर पर सह आरोपी कलीम सिद्दीकी के दाइयों के माध्यम से भेजे गए, व्यक्तियों को गैर धर्म के बारे में बताना तथा विभिन्न प्रलोभन देकर अवांछित प्रभाव का प्रयोग कर इस्लाम में धर्मांतरण कराते हुए उनके धर्मांतरण संबंधित दस्तावेज तैयार करने का काम करता था. धर्मांतरण के बाद तरबीयत और धर्मांतरण व्यक्ति की नई धार्मिक पहचान, नौकरी, शादी और अन्य माध्यमों से सामाजिक तौर पर स्थापित करने का काम भी देखते था. इसके लिए आरोपी सरफराज और कलीम सिद्दीकी पैसे भी उपलब्ध कराता था.

एटीएस का कहना है कि धर्मांतरण मामले में देश-विदेश से आई हुई फंडिंग से अवैध धर्मांतरण संबंधित कार्यों के संचालन में आरोपी सरफराज जाफरी की प्रमुख भूमिका पाई गई है. आरोपी सरफराज जाफरी के मोबाइल फोन से ऐसे साक्ष्य प्राप्त हुए हैं, जिससे आरोपी द्वारा धर्मांतरण के कार्य का मासिक एजेंडा विस्तृत तौर पर निर्धारित करने और गतिविधियां संचालित किए जाने का विवरण मौजूद है. जिसके अनुसार दावती कैंप, दावती गस्त, दावत यानी धर्मांतरण के लिए स्थान चिन्हित करना, धर्मांतरण के लिए चिन्हित स्थानों के लिए दाई यानी धर्मांतरण में लगे प्रचारक आवंटित करने का साक्ष्य मिला है.

इसके अलावा धर्मांतर संबंधित अभिलेखों का प्रचार प्रसारण, कन्वर्ट व्यक्तियों की तरबियत के लिए जमातों में भेजने की व्यवस्था, धर्मांतरण व्यक्तियों के डॉक्यूमेंटेशन की व्यवस्था, नौकरी और शादी की व्यवस्था कराना, अन्य धर्मों के लोगों का मस्जिद विजिट की व्यवस्था, कन्वर्जन नोटरी, लिव-इन-रिलेशनशिप आदि मामलों के लिए आवश्यक धनराशि की व्यवस्था करने का भी पता चला है. आरोपी सरफराज जाफरी और सह आरोपी कलीम सिद्दीकी के नेटवर्क के माध्यम से धर्मांतरित व्यक्तियों को डॉक्यूमेंटेशन के लिए सह आरोपी उमर गौतम के इस्लामिक दावा सेंटर भी भेजा जाता था.

इसे भी पढ़ें- UP : आतंकी मॉड्यूल को लेकर जीशान का पाकिस्तान कनेक्शन तलाशेगी पुलिस

एटीएस का कहना है कि आरोपियों के पास से उपलब्ध साक्ष्यों के क्रम में पूछताछ के उपरांत लखनऊ एटीएस मुख्यालय पर आरोपी सरफराज अली जाफरी को न्यायालय के समक्ष पेश कर आगे की विधिक कार्रवाई की जाएगी. इतना ही नहीं आरोपी से आगे की पूछताछ के लिए पुलिस कस्टडी, रिमांड के लिए न्यायालय में आवेदन किया जा रहा है.

लखनऊ: एटीएस मुख्यालय से मिली जानकारी के अनुसार सरफराज अली जाफरी साल 2016 से सह आरोपी कलीम सिद्दीकी के ग्लोबल पीस सेंटर का कार्य देख रहा है. ग्लोबल पीस सेंटर जोकि कलीम सिद्दीकी द्वारा संचालित संस्था है. जिसका प्रमुख कार्य धर्मांतर संबंधित गतिविधियों का संचालन करना है. सरफराज जाफरी द्वारा ग्लोबल पीस सेंटर के अतिरिक्त ह्यूमैनिटी फॉर ऑल न्यू दिल्ली नामक संस्था के नाम पर कथित तौर पर सामाजिक कार्यों की आड़ में अवैध धर्मांतरण की गतिविधियां संयोजित करने के संबंध में भी तत्व पाए गए हैं. जिस के क्रम में संकलित साक्ष्यों के आधार पर संदिग्ध पाए गए. सरफराज अली जाफरी को पूछताछ के लिए आदेश अंतर्गत 160 सीआरपीसी के तहत 29 सितंबर को निर्गत किया गया था. सरफराज अली ग्लोबल पीस सेंटर के पास बाटला हाउस जामिया नगर नई दिल्ली में रहता था.

एटीएस की मानें तो आरोपी सरफराज अली जाफरी ग्लोबल पीस सेंटर के मैनेजर के तौर पर सह आरोपी कलीम सिद्दीकी के दाइयों के माध्यम से भेजे गए, व्यक्तियों को गैर धर्म के बारे में बताना तथा विभिन्न प्रलोभन देकर अवांछित प्रभाव का प्रयोग कर इस्लाम में धर्मांतरण कराते हुए उनके धर्मांतरण संबंधित दस्तावेज तैयार करने का काम करता था. धर्मांतरण के बाद तरबीयत और धर्मांतरण व्यक्ति की नई धार्मिक पहचान, नौकरी, शादी और अन्य माध्यमों से सामाजिक तौर पर स्थापित करने का काम भी देखते था. इसके लिए आरोपी सरफराज और कलीम सिद्दीकी पैसे भी उपलब्ध कराता था.

एटीएस का कहना है कि धर्मांतरण मामले में देश-विदेश से आई हुई फंडिंग से अवैध धर्मांतरण संबंधित कार्यों के संचालन में आरोपी सरफराज जाफरी की प्रमुख भूमिका पाई गई है. आरोपी सरफराज जाफरी के मोबाइल फोन से ऐसे साक्ष्य प्राप्त हुए हैं, जिससे आरोपी द्वारा धर्मांतरण के कार्य का मासिक एजेंडा विस्तृत तौर पर निर्धारित करने और गतिविधियां संचालित किए जाने का विवरण मौजूद है. जिसके अनुसार दावती कैंप, दावती गस्त, दावत यानी धर्मांतरण के लिए स्थान चिन्हित करना, धर्मांतरण के लिए चिन्हित स्थानों के लिए दाई यानी धर्मांतरण में लगे प्रचारक आवंटित करने का साक्ष्य मिला है.

इसके अलावा धर्मांतर संबंधित अभिलेखों का प्रचार प्रसारण, कन्वर्ट व्यक्तियों की तरबियत के लिए जमातों में भेजने की व्यवस्था, धर्मांतरण व्यक्तियों के डॉक्यूमेंटेशन की व्यवस्था, नौकरी और शादी की व्यवस्था कराना, अन्य धर्मों के लोगों का मस्जिद विजिट की व्यवस्था, कन्वर्जन नोटरी, लिव-इन-रिलेशनशिप आदि मामलों के लिए आवश्यक धनराशि की व्यवस्था करने का भी पता चला है. आरोपी सरफराज जाफरी और सह आरोपी कलीम सिद्दीकी के नेटवर्क के माध्यम से धर्मांतरित व्यक्तियों को डॉक्यूमेंटेशन के लिए सह आरोपी उमर गौतम के इस्लामिक दावा सेंटर भी भेजा जाता था.

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एटीएस का कहना है कि आरोपियों के पास से उपलब्ध साक्ष्यों के क्रम में पूछताछ के उपरांत लखनऊ एटीएस मुख्यालय पर आरोपी सरफराज अली जाफरी को न्यायालय के समक्ष पेश कर आगे की विधिक कार्रवाई की जाएगी. इतना ही नहीं आरोपी से आगे की पूछताछ के लिए पुलिस कस्टडी, रिमांड के लिए न्यायालय में आवेदन किया जा रहा है.

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