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दाऊद के गुर्गों ने की थी यूपी के कई धार्मिक स्थलों की रेकी, यूपी ATS ने कानपुर में डाला डेरा

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Published : Sep 23, 2021, 10:32 AM IST

एटीएस और एनआईए को आतंकियों की गतिविधियों से जुड़े कई अहम सुराग मिले हैं. एडीजी लॉ एंड ऑर्डर की मानें तो अंडरवर्ल्ड माफिया दाऊद इब्राहिम के गुर्गों ने दिसम्बर 2019 में यूपी के कई धार्मिक स्थलों की रेकी की थी. इस दौरान वे कानपुर के रोशननगर मोहल्ले में चार दिन रुके थे.

एटीएस
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लखनऊ: एटीएस और एनआईए को आतंकियों की गतिविधियों से जुड़े कई अहम सुराग मिले हैं. एडीजी लॉ एंड ऑर्डर की मानें तो अंडरवर्ल्ड माफिया दाऊद इब्राहिम के गुर्गों ने दिसम्बर 2019 में यूपी के कई धार्मिक स्थलों की रेकी की थी. इस दौरान वे कानपुर के रोशननगर मोहल्ले में चार दिन रुके थे. उसके साथ एक महिला सहित बिहार के दो असलहा तस्कर भी थे. एटीएस और एनआईए की टीमें इस तथ्य के सामने आने के बाद से शहर में डेरा डाले हैं. यहां पर तीन और संदिग्धों की तलाश में टीम ने दो घरों के सीसीटीवी फुटेज भी लिए हैं.

पिछले हप्ते दिल्ली और यूपी एटीएस की टीम ने दो आतंकियों सहित छह को गिरफ्तार किया था. लखनऊ से पकड़े गए एटीएस के हत्थे चढ़े मो. आमिर जावेद की ससुराल कानपुर के रोशननगर में है. प्रयागराज से गिरफ्तार शातिर हुमैद आमिर का साला है. आमिर की इनोवा गाड़ी उसकी ससुराल से बरामद की गई थी. इस कार से आतंकियों तक असलहे पहुंचाए जाते थे. गाड़ी आमिर के पिता के नाम रजिस्टर्ड है. हाल ही में एटीएस और एनआईए की जांच-पड़ताल में इसका खुलासा हुआ.

एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार की मानें तो रोशन नगर में जिस मकान में दाऊद के गुर्गे सहित असलहा तस्कर रुके थे. उसके बारे में एजेंसीज को पता चल गया है. एक टीम ने उस घर में जाकर जांच-पड़ताल भी की थी, लेकिन घर खाली मिला था. सूत्रों के मुताबिक तीन माह पहले तक इस घर में एक महिला और तीन पुरुष रह रहे थे जो तीन माह पहले कहीं निकल गए और घर खाली पड़ा है. उसके मकान मालिक से पूछताछ की जा रही है.

एडीजी का कहना है कि आतंकी गतिविधियों में लिप्त आमिर के मोबाइल में संदिग्ध चार फोटो मिले थे. उन्हें रिकवर कर किया गया है. इसके बाद एटीएस ने एलआईयू की मदद ली. उनमें से दो युवकों की पहचान हो गई है. ये दोनों आईआईएम मोड़ के पास के रहने वाले हैं. इन दोनों ने एलएलबी कर रखा है. इनके मोबाइल और लैपटॉप से एटीएस को कोई संदिग्ध दस्तावेज नहीं मिला है. साथ ही दोनों ने आमिर से कोई सम्पर्क न होने की बात कही है. अब तक की पड़ताल में इन दोनों का आमिर से कोई सम्पर्क नहीं मिला है. वहीं, अन्य दो युवकों के बारे में भी ये लोग कुछ नहीं बता पाए. एटीएस ने इसी आधार पर इन लोगों से बेहद गोपनीय तरीके से पूछताछ की. इनके पड़ोसी भी एटीएस के वहां पहुंचने के बारे में नहीं जान सके. इसी आधार पर यह भी आशंका व्यक्त की जा रही है कि कहीं आमिर ने एटीएस की विवेचना को उलझाने के लिए तो फोटो नहीं रखी, फिर डिलीट की. इस बिंदु पर भी पड़ताल की जा रही है.

इसे भी पढ़ें: नरेन्द्र गिरि की मौत: योगी सरकार ने की सीबीआई से जांच कराने की सिफारिश

यूपी एटीएस को दिल्ली स्पेशल सेल से यह पता चला है कि पकड़े गए सभी संदिग्ध युवक दो मोबाइल रखते थे. इसमें से एक नंबर से बात की जाती थी, जबकि दूसरा नंबर मेल व वीडियो कॉल के लिए होता था. इसी वजह से एटीएस का कहना है कि आमिर का एक ही मोबाइल मिला था. दूसरा मोबाइल कहां है और किसके पास छिपाया गया है...इसका कुछ पता नहीं चला है. एटीएस के एक अधिकारी का कहना है कि इस मोबाइल के बारे में पता करने के लिए आमिर के घर वालों व दो दोस्तों से फिर पूछताछ की जाएगी.

लखनऊ: एटीएस और एनआईए को आतंकियों की गतिविधियों से जुड़े कई अहम सुराग मिले हैं. एडीजी लॉ एंड ऑर्डर की मानें तो अंडरवर्ल्ड माफिया दाऊद इब्राहिम के गुर्गों ने दिसम्बर 2019 में यूपी के कई धार्मिक स्थलों की रेकी की थी. इस दौरान वे कानपुर के रोशननगर मोहल्ले में चार दिन रुके थे. उसके साथ एक महिला सहित बिहार के दो असलहा तस्कर भी थे. एटीएस और एनआईए की टीमें इस तथ्य के सामने आने के बाद से शहर में डेरा डाले हैं. यहां पर तीन और संदिग्धों की तलाश में टीम ने दो घरों के सीसीटीवी फुटेज भी लिए हैं.

पिछले हप्ते दिल्ली और यूपी एटीएस की टीम ने दो आतंकियों सहित छह को गिरफ्तार किया था. लखनऊ से पकड़े गए एटीएस के हत्थे चढ़े मो. आमिर जावेद की ससुराल कानपुर के रोशननगर में है. प्रयागराज से गिरफ्तार शातिर हुमैद आमिर का साला है. आमिर की इनोवा गाड़ी उसकी ससुराल से बरामद की गई थी. इस कार से आतंकियों तक असलहे पहुंचाए जाते थे. गाड़ी आमिर के पिता के नाम रजिस्टर्ड है. हाल ही में एटीएस और एनआईए की जांच-पड़ताल में इसका खुलासा हुआ.

एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार की मानें तो रोशन नगर में जिस मकान में दाऊद के गुर्गे सहित असलहा तस्कर रुके थे. उसके बारे में एजेंसीज को पता चल गया है. एक टीम ने उस घर में जाकर जांच-पड़ताल भी की थी, लेकिन घर खाली मिला था. सूत्रों के मुताबिक तीन माह पहले तक इस घर में एक महिला और तीन पुरुष रह रहे थे जो तीन माह पहले कहीं निकल गए और घर खाली पड़ा है. उसके मकान मालिक से पूछताछ की जा रही है.

एडीजी का कहना है कि आतंकी गतिविधियों में लिप्त आमिर के मोबाइल में संदिग्ध चार फोटो मिले थे. उन्हें रिकवर कर किया गया है. इसके बाद एटीएस ने एलआईयू की मदद ली. उनमें से दो युवकों की पहचान हो गई है. ये दोनों आईआईएम मोड़ के पास के रहने वाले हैं. इन दोनों ने एलएलबी कर रखा है. इनके मोबाइल और लैपटॉप से एटीएस को कोई संदिग्ध दस्तावेज नहीं मिला है. साथ ही दोनों ने आमिर से कोई सम्पर्क न होने की बात कही है. अब तक की पड़ताल में इन दोनों का आमिर से कोई सम्पर्क नहीं मिला है. वहीं, अन्य दो युवकों के बारे में भी ये लोग कुछ नहीं बता पाए. एटीएस ने इसी आधार पर इन लोगों से बेहद गोपनीय तरीके से पूछताछ की. इनके पड़ोसी भी एटीएस के वहां पहुंचने के बारे में नहीं जान सके. इसी आधार पर यह भी आशंका व्यक्त की जा रही है कि कहीं आमिर ने एटीएस की विवेचना को उलझाने के लिए तो फोटो नहीं रखी, फिर डिलीट की. इस बिंदु पर भी पड़ताल की जा रही है.

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यूपी एटीएस को दिल्ली स्पेशल सेल से यह पता चला है कि पकड़े गए सभी संदिग्ध युवक दो मोबाइल रखते थे. इसमें से एक नंबर से बात की जाती थी, जबकि दूसरा नंबर मेल व वीडियो कॉल के लिए होता था. इसी वजह से एटीएस का कहना है कि आमिर का एक ही मोबाइल मिला था. दूसरा मोबाइल कहां है और किसके पास छिपाया गया है...इसका कुछ पता नहीं चला है. एटीएस के एक अधिकारी का कहना है कि इस मोबाइल के बारे में पता करने के लिए आमिर के घर वालों व दो दोस्तों से फिर पूछताछ की जाएगी.

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