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सदन की कार्यवाही में CM Yogi ने बताए NCRB के आंकड़े, अखिलेश यादव बोले- मिलकर निकालें समाधान - विधानसभा कार्यवाही का चौथा दिन

गुरुवार को उत्तर प्रदेश विधानसभा मानसून सत्र के चौथे दिन की कार्यवाही हुई. आज का दिन विधानमंडल की कार्यवाही महिलाओं को समर्पित रही. इस मौके पर नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव का रवैया भी सरकार के प्रति सकारात्मक रहा.

उत्तर प्रदेश विधानसभा मानसून सत्र का चौथा दिन
उत्तर प्रदेश विधानसभा मानसून सत्र का चौथा दिन
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Published : Sep 22, 2022, 7:26 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानमंडल के दोनों सदनों में गुरुवार को एक इतिहास रचा गया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर दोनों सदनों में पूरा एक दिन महिला सदस्यों को समर्पित किया गया. कार्यवाही के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष की महिला सदस्यों ने भागीदारी निभाई और महिला हितों पर गहन विचार-विमर्श किया. मानसून सत्र के चौथे दिन विधानसभा और विधान परिषद में केवल महिलाओं से जुड़े मुद्दों की गूंज रही. देश की किसी विधानसभा में यह पहला मौका था, जब महिला सदस्यों के लिए पूरा दिन समर्पित किया गया. आमतौर पर सरकार की पहल का विरोध करने वाला विपक्ष भी मुख्यमंत्री की इस सोच को लेकर सकारात्मक रहा.

ऐतिहासिक कार्यवाही में चर्चा की शुरुआत करते हुए मुख्यमंत्री योगी ने वैदिक उद्धरणों और आख्यानों का उल्लेख करते हुए भारतीय संस्कृति में महिलाओं की महत्ता को रेखांकित किया. सीएम ने महर्षि वेदव्यास रचित श्लोक "नास्ति मातृसमा छाया नास्ति मातृ समा गतिः नास्ति मातृसमं त्राणं नास्ति मातृसमा प्रिया॥" के उच्चारण से शुरूआत की. उन्होंने कहा कि मां के समान कोई छाया नहीं, कोई सहारा नहीं, कोई रक्षक नहीं, मां के समान कोई प्रिय भी नहीं है. मातृशक्ति का यह भाव अगर हर नागरिक के मन में आ जाए तो कुछ भी असंभव नहीं.

सीएम बोले- स्वावलंबी की राह पर हैं यूपी की बेटियां
सदन में महिला हितों की रक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए सीएम ने बीते साढ़े पांच वर्षों में महिला सशक्तिकरण के लिए चलाए जा रहे 'मिशन शक्ति' जैसे प्रयासों और उनके परिणामों का संक्षिप्त ब्यौरा सदन में रखा. उन्होंने कहा कि कन्या भ्रूण हत्या की समस्या के निदान के लिए सरकार ने पहले मुखबिर योजना चलाई और फिर मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना का कार्यक्रम आगे बढ़ाया. आज लगभग 13.67 लाख बेटियों को इस योजना का लाभ प्रदेश में प्राप्त हो रहा है. निराश्रित महिला पेंशन योजना में पेंशन राशि 1000 रुपये की गई और आज 31.50 लाख महिलाओं को इसका लाभ मिल रहा है. सीएम ने कहा कि देश में सबसे बड़ा सिविल पुलिस बल उत्तर प्रदेश का है, लेकिन आजादी के बाद से 2017 तक 70 वर्षों में यहां मात्र 10 हजार महिला अधिकारी, कार्मिक थीं.

सीएम ने कहा कि प्रदेश में कुल 1584 थाने हैं, हर थाने पर महिला हेल्प डेस्क बनाए गए हैं. इतना ही नहीं 2017 में सरकार बनने के बाद 3195 एंटी रोमियो स्क्वॉड गठित किए गए. इस स्क्वाड ने 6,75,143 स्थानों पर चेकिंग करते हुए 28,33,893 संदिग्ध लोगों की चेकिंग की गई. इसके अलावा, राज्य आजीविका मिशन में 66 लाख महिलाओं को जोड़ा गया है. जिसेसे 45 लाख परिवारों को प्रधानमंत्री आवास मिला है. मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना की मदद से 1,81,686 जोड़ों को सरकार ने सहयोग प्रदान किया.

प्रदेश में 2 करोड़ 61 लाख परिवारों के घरों में शौचालय बनवाए गए, यह शौचालय निर्माण न केवल स्वच्छता की मुहिम का हिस्सा हैं. बल्कि नारी गरिमा से भी जुड़ा है. प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना से 40 लाख परिवारों को अपने घर का मालिकाना दस्तावेज मिला है, तो पीएम स्वनिधि के तहत 02 लाख महिलाएं सीधा लाभ पाकर वित्तीय स्वावलम्बन की ओर बढ़ी हैं.
सीएम ने बताया NCRB का डेटा, कहा महिला संबंधी अपराधों में आई कमी
मुख्यमंत्री ने महिला एवं बाल अपराध से जुड़े मामलों में आई बड़ी गिरावट और बेहतर हुए माहौल का भी जिक्र किया. एनसीआरबी के आंकड़ों के हवाले से मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला एवं बाल अपराध के मामलों में प्रभावी अभियोजन के माध्यम से 32 मामलों में अपराधियों को मौत की सजा दिलाई गई है. 10 वर्ष से अधिक सजा पाने वाले 1191 हैं, जबकि 1431 को अर्थदंड देना पड़ा और 1323 अपराधियों को आजीवन कारावास की सजा हुई. सीएम ने कहा कि 10 वर्ष से कम सजा पाने वाले 3420 हैं, जबकि 4751 को जिला बदर करने की कार्रवाई हुई. मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते 5 साल ने बलात्कार में बलात्कार 32%, अपहरण में 29% शीलभंग में 25% और दहेज हत्या के मामलों में 12% कमी आई है.

नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने कहा- समाज व सरकार मिलकर करें समाधान
सदन में नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि आज महिलाओं के लिए सदन रखा गया. आज ऐसा लगा कि नेता सदन बहुत कुछ जानते हैं. उन्होंने कहा कि महिलाओं ने आजादी की लड़ाई में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. आज इस विधानसभा में 47 महिला विधायक हैं. आगे हमारा प्रयास हो, कि ज्यादा से ज्यादा मौका महिलाओं को दिया जाए. इस अवसर पर हमें डॉक्टर लोहिया को याद करना है, जो नर नारी की समानता की बात करते थे.

अखिलेश यादव ने कहा कि आज महिलाओं के बारे में चर्चा करें तो बहुत समय बीत जाएगा. महिलाओं के साथ जो हो रहा है, वह सभ्य समाज का हिस्सा नहीं हो सकता. उन्होंने कहा कि आज मैं सरकार का विरोध नहीं कर रहा हूं. कुछ ऐसी जगह हैं, जहां के नाम लें तो घटना याद आ जाती है. हाथरस जैसी घटना सवाल है. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि ऐसा नहीं है कि मैं सरकार पर सवाल उठा रहा हूं. हमारी भी सरकार में बहुत सी घटनाएं हुई हैं, हमको इसके बारे में मिलकर सोचना होगा.

आज हम समाज, सरकार मिलकर सोचें, तो हम एक अच्छे परिणाम तक पहुंच सकते हैं. उन्होंने कहा कि आज का दिन ऐसा है कि सरकार को नाराज नहीं करना है. नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि मेरे सरकार को सुझाव हैं, समाजवादी सरकार में स्थापित महिला हेल्पलाइन 1090 को हाईटेक किया जाए, व्हाट्सएप, ईमेल से शिकायत दर्ज करवाने की सुविधा दी जाए. एम्बुलेंस के क्विक रिस्पॉन्स टाइम को और कम किया जाए. सुझाव है कि बालिकाओं के स्कूल ड्राप आउट को कम किया जाए.

इसे पढ़ें- महिलाओं को समर्पित रहा यूपी विधानसभा के मानसून सत्र का चौथा दिन

लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानमंडल के दोनों सदनों में गुरुवार को एक इतिहास रचा गया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर दोनों सदनों में पूरा एक दिन महिला सदस्यों को समर्पित किया गया. कार्यवाही के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष की महिला सदस्यों ने भागीदारी निभाई और महिला हितों पर गहन विचार-विमर्श किया. मानसून सत्र के चौथे दिन विधानसभा और विधान परिषद में केवल महिलाओं से जुड़े मुद्दों की गूंज रही. देश की किसी विधानसभा में यह पहला मौका था, जब महिला सदस्यों के लिए पूरा दिन समर्पित किया गया. आमतौर पर सरकार की पहल का विरोध करने वाला विपक्ष भी मुख्यमंत्री की इस सोच को लेकर सकारात्मक रहा.

ऐतिहासिक कार्यवाही में चर्चा की शुरुआत करते हुए मुख्यमंत्री योगी ने वैदिक उद्धरणों और आख्यानों का उल्लेख करते हुए भारतीय संस्कृति में महिलाओं की महत्ता को रेखांकित किया. सीएम ने महर्षि वेदव्यास रचित श्लोक "नास्ति मातृसमा छाया नास्ति मातृ समा गतिः नास्ति मातृसमं त्राणं नास्ति मातृसमा प्रिया॥" के उच्चारण से शुरूआत की. उन्होंने कहा कि मां के समान कोई छाया नहीं, कोई सहारा नहीं, कोई रक्षक नहीं, मां के समान कोई प्रिय भी नहीं है. मातृशक्ति का यह भाव अगर हर नागरिक के मन में आ जाए तो कुछ भी असंभव नहीं.

सीएम बोले- स्वावलंबी की राह पर हैं यूपी की बेटियां
सदन में महिला हितों की रक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए सीएम ने बीते साढ़े पांच वर्षों में महिला सशक्तिकरण के लिए चलाए जा रहे 'मिशन शक्ति' जैसे प्रयासों और उनके परिणामों का संक्षिप्त ब्यौरा सदन में रखा. उन्होंने कहा कि कन्या भ्रूण हत्या की समस्या के निदान के लिए सरकार ने पहले मुखबिर योजना चलाई और फिर मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना का कार्यक्रम आगे बढ़ाया. आज लगभग 13.67 लाख बेटियों को इस योजना का लाभ प्रदेश में प्राप्त हो रहा है. निराश्रित महिला पेंशन योजना में पेंशन राशि 1000 रुपये की गई और आज 31.50 लाख महिलाओं को इसका लाभ मिल रहा है. सीएम ने कहा कि देश में सबसे बड़ा सिविल पुलिस बल उत्तर प्रदेश का है, लेकिन आजादी के बाद से 2017 तक 70 वर्षों में यहां मात्र 10 हजार महिला अधिकारी, कार्मिक थीं.

सीएम ने कहा कि प्रदेश में कुल 1584 थाने हैं, हर थाने पर महिला हेल्प डेस्क बनाए गए हैं. इतना ही नहीं 2017 में सरकार बनने के बाद 3195 एंटी रोमियो स्क्वॉड गठित किए गए. इस स्क्वाड ने 6,75,143 स्थानों पर चेकिंग करते हुए 28,33,893 संदिग्ध लोगों की चेकिंग की गई. इसके अलावा, राज्य आजीविका मिशन में 66 लाख महिलाओं को जोड़ा गया है. जिसेसे 45 लाख परिवारों को प्रधानमंत्री आवास मिला है. मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना की मदद से 1,81,686 जोड़ों को सरकार ने सहयोग प्रदान किया.

प्रदेश में 2 करोड़ 61 लाख परिवारों के घरों में शौचालय बनवाए गए, यह शौचालय निर्माण न केवल स्वच्छता की मुहिम का हिस्सा हैं. बल्कि नारी गरिमा से भी जुड़ा है. प्रधानमंत्री स्वामित्व योजना से 40 लाख परिवारों को अपने घर का मालिकाना दस्तावेज मिला है, तो पीएम स्वनिधि के तहत 02 लाख महिलाएं सीधा लाभ पाकर वित्तीय स्वावलम्बन की ओर बढ़ी हैं.
सीएम ने बताया NCRB का डेटा, कहा महिला संबंधी अपराधों में आई कमी
मुख्यमंत्री ने महिला एवं बाल अपराध से जुड़े मामलों में आई बड़ी गिरावट और बेहतर हुए माहौल का भी जिक्र किया. एनसीआरबी के आंकड़ों के हवाले से मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला एवं बाल अपराध के मामलों में प्रभावी अभियोजन के माध्यम से 32 मामलों में अपराधियों को मौत की सजा दिलाई गई है. 10 वर्ष से अधिक सजा पाने वाले 1191 हैं, जबकि 1431 को अर्थदंड देना पड़ा और 1323 अपराधियों को आजीवन कारावास की सजा हुई. सीएम ने कहा कि 10 वर्ष से कम सजा पाने वाले 3420 हैं, जबकि 4751 को जिला बदर करने की कार्रवाई हुई. मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते 5 साल ने बलात्कार में बलात्कार 32%, अपहरण में 29% शीलभंग में 25% और दहेज हत्या के मामलों में 12% कमी आई है.

नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने कहा- समाज व सरकार मिलकर करें समाधान
सदन में नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि आज महिलाओं के लिए सदन रखा गया. आज ऐसा लगा कि नेता सदन बहुत कुछ जानते हैं. उन्होंने कहा कि महिलाओं ने आजादी की लड़ाई में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. आज इस विधानसभा में 47 महिला विधायक हैं. आगे हमारा प्रयास हो, कि ज्यादा से ज्यादा मौका महिलाओं को दिया जाए. इस अवसर पर हमें डॉक्टर लोहिया को याद करना है, जो नर नारी की समानता की बात करते थे.

अखिलेश यादव ने कहा कि आज महिलाओं के बारे में चर्चा करें तो बहुत समय बीत जाएगा. महिलाओं के साथ जो हो रहा है, वह सभ्य समाज का हिस्सा नहीं हो सकता. उन्होंने कहा कि आज मैं सरकार का विरोध नहीं कर रहा हूं. कुछ ऐसी जगह हैं, जहां के नाम लें तो घटना याद आ जाती है. हाथरस जैसी घटना सवाल है. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि ऐसा नहीं है कि मैं सरकार पर सवाल उठा रहा हूं. हमारी भी सरकार में बहुत सी घटनाएं हुई हैं, हमको इसके बारे में मिलकर सोचना होगा.

आज हम समाज, सरकार मिलकर सोचें, तो हम एक अच्छे परिणाम तक पहुंच सकते हैं. उन्होंने कहा कि आज का दिन ऐसा है कि सरकार को नाराज नहीं करना है. नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि मेरे सरकार को सुझाव हैं, समाजवादी सरकार में स्थापित महिला हेल्पलाइन 1090 को हाईटेक किया जाए, व्हाट्सएप, ईमेल से शिकायत दर्ज करवाने की सुविधा दी जाए. एम्बुलेंस के क्विक रिस्पॉन्स टाइम को और कम किया जाए. सुझाव है कि बालिकाओं के स्कूल ड्राप आउट को कम किया जाए.

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