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UP Election 2022: मूंछ है तो...यूपी सीएम की सीट नहीं है खाली - उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव

उत्तर प्रदेश के अब तक मुख्यमंत्रियों के तस्वीरों को खंगालने पर एक रोचक तथ्य सामने आए हैं. स्पेशल रिपोर्ट में जानिए मुख्यमंत्रियों की मूछों की बारे में....

कहानी मूंछों की...
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Published : Jan 19, 2022, 8:34 PM IST

Updated : Jan 19, 2022, 9:06 PM IST

हैदराबादः एक जमाना था जब मूछ रखना लोगों की शान होती थी. लेकिन बदलते वक्त के साथ मूंछें रखना शान वाली बात पुरानी होती चली गई. अब तो हालत यह है कि पिछले 37 साल से बिना मूंछों वाला शख्स ही उत्तर प्रदेश की गद्दी पर काबिज रहा है. यह जानकारी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्रियों के तस्वीरों को खंगालने पर सामने आई है. आइए जानते हैं कि बिना मूछों के कौन-कौन से सीएम ने उत्तर प्रदेश की सत्ता संभाली.


उत्तर प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री गोविंद वल्लभ पंत के बारे में मशहूर था कि उनकी मूंछें तक बोलती हैं. 1946 से लेकर 1954 तक लगातार मुख्यमंत्री रहे गोविंद वल्लभ पंत के घनी मूंछे रखते थे. वहीं, 1954 से लेकर 1960 तक उत्तर प्रदेश की सत्ता संभालने वाले संपूर्णानंद ने भी हमेशा मूछें रखी. जबकि 1967 से 68 और 1970 में उत्तर प्रदेश के सीएम रहे चौधरी चरण ‌सिंह महीन मूछें रखते थे. माना जाता है कि चौधरी चरण सिंह ने राजनीति में हल्की मूंछें रखने का फैशन शुरू किया था.

8 नवंबर 1973 से 29 नवंबर 1975 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हेमवती नंदन बहुगुणा भी हलकी मूछें रखते थे. इसके अलावा 23 जून 1977 से 27 फरवरी 1979 तक मुख्यमंत्री रहे रामनरेश यादव भी हल्की मूछें रखते थे. 9 जून 1980 से 18 जुलाई 1982 तक मुख्यमंत्री रहे विश्वनाथ प्रताप बेहद शानदार और स्टाइलिश तरीके से मूंछें रखते थे. वह कुछ विदेशी नेताओं को देखकर स्टाइल चुनी थी. हालंकि बाद में वह बाद में मूंछों को हटा दिया था. 19 जुलाई 1982 से 2 अगस्त 1984 तक मुख्यमंत्री रहे श्रीपति मिश्रा भी हल्की मूछें रखते थे. इसके बाद अभी तक उत्तर प्रदेश के जितने मुख्यमंत्री हुए उन्होंने मूंछे नहीं रखी.

इसे भी पढ़ें-सपा से ऐसे दूर चलीं गईं मुलायम कुनबे की छोटी बहू अपर्णा...पढ़िए पूरी खबर

24 सितम्बर 1985 से 24 जून 1988 तक उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री रहे वीर बहादुर सिंह ने क्लीन सेव की शुरुआत की. इसके बाद अब तक मूंछों वाला कोई मुख्यमंत्री नहीं बना. इनसे पहले भी बनारसी दास, ‌त्रिभुवन नारायण सिंह और चंद्र भानु गुप्ता जैसे बिना मूंछों के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. उत्तर प्रदेश के तीन बार मुख्यमंत्री (1976-77, 1984-85, 1988-89) रहे नारायण दत्त तिवारी भी मूंछें नहीं रखते थे. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री (2002-07) के रूप में कार्यरत थे.

1989-2007 के बीच तीन बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे मुलायम सिंह यादव जवानी में तो काली मूंछें रखते थे लेकिन जैसे-जैसे वह बूढे होने लगे वह क्लीन सेव रहने लगे. वहीं, 1991 से 1999 के बीच वो दो बार मुख्यमंत्री रहे कल्याण सिंह अधिकतर क्लीन सेव रखते थे. हालांकि बीच-बीच में वह कभी-कभी बहुत बारीक मूंछें रख लेते थे. 12 नवंबर 1999 से 28 अक्टूबर 2000 तक मुख्यमंत्री रहे राम प्रकाश गुप्ता भी अपने राजनीतिक काल में कभी मूछें नहीं रखी. वहीं, 28 अक्टूबर 2000 से 8 मार्च 2002 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे राजनाथ सिंह ने भी कभी मूंछें नहीं रखी, वह हमेशा क्लीन सेव ही रहते हैं. 15 मार्च 2012 से 19 मार्च 2017 मुलायम सिंह यादव के बेटे अखिलेश यादव ने भी कभी मूंछें नहीं रखते. वहीं वर्तमान में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी दाढ़ी-मूंछ नहीं रखते हैं. ऐसे में यूपी की सत्ता अभी भी बिना मूंछों वाले सीएम के हाथों में ही है.

हैदराबादः एक जमाना था जब मूछ रखना लोगों की शान होती थी. लेकिन बदलते वक्त के साथ मूंछें रखना शान वाली बात पुरानी होती चली गई. अब तो हालत यह है कि पिछले 37 साल से बिना मूंछों वाला शख्स ही उत्तर प्रदेश की गद्दी पर काबिज रहा है. यह जानकारी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्रियों के तस्वीरों को खंगालने पर सामने आई है. आइए जानते हैं कि बिना मूछों के कौन-कौन से सीएम ने उत्तर प्रदेश की सत्ता संभाली.


उत्तर प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री गोविंद वल्लभ पंत के बारे में मशहूर था कि उनकी मूंछें तक बोलती हैं. 1946 से लेकर 1954 तक लगातार मुख्यमंत्री रहे गोविंद वल्लभ पंत के घनी मूंछे रखते थे. वहीं, 1954 से लेकर 1960 तक उत्तर प्रदेश की सत्ता संभालने वाले संपूर्णानंद ने भी हमेशा मूछें रखी. जबकि 1967 से 68 और 1970 में उत्तर प्रदेश के सीएम रहे चौधरी चरण ‌सिंह महीन मूछें रखते थे. माना जाता है कि चौधरी चरण सिंह ने राजनीति में हल्की मूंछें रखने का फैशन शुरू किया था.

8 नवंबर 1973 से 29 नवंबर 1975 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हेमवती नंदन बहुगुणा भी हलकी मूछें रखते थे. इसके अलावा 23 जून 1977 से 27 फरवरी 1979 तक मुख्यमंत्री रहे रामनरेश यादव भी हल्की मूछें रखते थे. 9 जून 1980 से 18 जुलाई 1982 तक मुख्यमंत्री रहे विश्वनाथ प्रताप बेहद शानदार और स्टाइलिश तरीके से मूंछें रखते थे. वह कुछ विदेशी नेताओं को देखकर स्टाइल चुनी थी. हालंकि बाद में वह बाद में मूंछों को हटा दिया था. 19 जुलाई 1982 से 2 अगस्त 1984 तक मुख्यमंत्री रहे श्रीपति मिश्रा भी हल्की मूछें रखते थे. इसके बाद अभी तक उत्तर प्रदेश के जितने मुख्यमंत्री हुए उन्होंने मूंछे नहीं रखी.

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24 सितम्बर 1985 से 24 जून 1988 तक उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री रहे वीर बहादुर सिंह ने क्लीन सेव की शुरुआत की. इसके बाद अब तक मूंछों वाला कोई मुख्यमंत्री नहीं बना. इनसे पहले भी बनारसी दास, ‌त्रिभुवन नारायण सिंह और चंद्र भानु गुप्ता जैसे बिना मूंछों के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. उत्तर प्रदेश के तीन बार मुख्यमंत्री (1976-77, 1984-85, 1988-89) रहे नारायण दत्त तिवारी भी मूंछें नहीं रखते थे. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री (2002-07) के रूप में कार्यरत थे.

1989-2007 के बीच तीन बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे मुलायम सिंह यादव जवानी में तो काली मूंछें रखते थे लेकिन जैसे-जैसे वह बूढे होने लगे वह क्लीन सेव रहने लगे. वहीं, 1991 से 1999 के बीच वो दो बार मुख्यमंत्री रहे कल्याण सिंह अधिकतर क्लीन सेव रखते थे. हालांकि बीच-बीच में वह कभी-कभी बहुत बारीक मूंछें रख लेते थे. 12 नवंबर 1999 से 28 अक्टूबर 2000 तक मुख्यमंत्री रहे राम प्रकाश गुप्ता भी अपने राजनीतिक काल में कभी मूछें नहीं रखी. वहीं, 28 अक्टूबर 2000 से 8 मार्च 2002 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे राजनाथ सिंह ने भी कभी मूंछें नहीं रखी, वह हमेशा क्लीन सेव ही रहते हैं. 15 मार्च 2012 से 19 मार्च 2017 मुलायम सिंह यादव के बेटे अखिलेश यादव ने भी कभी मूंछें नहीं रखते. वहीं वर्तमान में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी दाढ़ी-मूंछ नहीं रखते हैं. ऐसे में यूपी की सत्ता अभी भी बिना मूंछों वाले सीएम के हाथों में ही है.

Last Updated : Jan 19, 2022, 9:06 PM IST
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