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लखनऊ में महिलाओं को टिकट देने में कांग्रेस अव्वल तो बसपा सबसे फिसड्डी

लखनऊ में चौथे चरण के मतदान के लिए नामांकन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. इस दौरान देखा गया कि महिलाओं को प्रतिनिधित्व देने में कांग्रेस पार्टी अन्य पार्टियों की तुलना में अव्वल, जबकि बसपा सबसे पीछे रही. वहीं, भारतीय जनता पार्टी ने भी महिलाओं को टिकट देने में खास दिलचस्पी नहीं दिखाई.

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लखनऊ में महिलाओं को टिकट देने में कांग्रेस अव्वल
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Published : Feb 6, 2022, 10:41 AM IST

लखनऊ: राजधानी में 23 फरवरी को चौथे चरण के मतदान के लिए नामांकन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. महिलाओं का वोट तो सभी पार्टियों को चाहिए, लेकिन राजधानी की नौ विधानसभा सीटों में अगर महिलाओं को प्रतिनिधित्व देने की बात करें तो इससे सभी पार्टियों को दिक्कत है. फिर भी इस मामले में कांग्रेस पार्टी अन्य पार्टियों की तुलना में अव्वल है. बहुजन समाज पार्टी ऐसी पार्टी है जिसकी मुखिया तो महिला हैं लेकिन महिलाओं को तरजीह देने में यह पार्टी पूरी तरह फिसड्डी है. उत्तर प्रदेश की सत्ता पर पांच साल तक काबिज रहने वाली भारतीय जनता पार्टी की भी दिलचस्पी महिलाओं को हिस्सेदारी देने कम है.

गौरतलब है कि लखनऊ में शहरी और ग्रामीण मिलाकर कुल नौ विधानसभा सीटें हैं. इनमें उत्तरी, पूर्वी, पश्चिमी, मध्य विधानसभा, कैंट, सरोजनी नगर, बख्शी का तालाब, मलिहाबाद व मोहनलालगंज विधानसभा शामिल हैं. इन सभी सीटों पर सपा, कांग्रेस व भाजपा ने कुल छह महिलाओं को ही अपना उम्मीदवार बनाया है. इनमें तीन महिला प्रत्याशी कांग्रेस की, दो प्रत्याशी समाजवादी पार्टी की और एक भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार है.

सपा ने उत्तर विधानसभा सीट और मोहनलालगंज विधानसभा सीट से, कांग्रेस पार्टी ने मोहनलालगंज विधानसभा सीट, पश्चिम विधानसभा सीट और मध्य विधानसभा सीट से तो भारतीय जनता पार्टी ने मलिहाबाद विधानसभा सीट से महिला को सदन जाने का मौका दिया है. जबकि बसपा ने एक भी महिला उम्मीदवार को टिकट नहीं दिया है.

तीन सीटों पर कांग्रेस की तीन महिला प्रत्याशी

कांग्रेस पार्टी ने सबसे ज्यादा महत्व महिलाओं को दिया है. पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने 40 फीसदी टिकट महिलाओं को देने का एलान भी किया था. इसके चलते लखनऊ की नौ विधानसभा सीटों में से कांग्रेस ने पश्चिम विधानसभा सीट पर शाहाना सिद्दीकी को प्रत्याशी बनाया है. मध्य विधानसभा सीट पर सदफ जाफर तो वहीं मोहनलालगंज विधानसभा सीट से ममता चौधरी कांग्रेस से प्रत्याशी हैं. पार्टी ने अपने 40 फीसदी टिकट महिलाओं को देने के वादे को पूरी तरह निभाया है.

सपा की सबसे युवा और बुजुर्ग महिला उम्मीदवार

युवा और बुजुर्ग नेत्री को प्रतिनिधित्व देने की बात करें तो इसमें समाजवादी पार्टी अन्य पार्टियों से लखनऊ में आगे निकल गई है. सपा की तरफ से उत्तरी विधानसभा सीट पर पूजा शुक्ला को प्रत्याशी बनाया गया है. पूजा की उम्र 25 साल से कुछ माह ही ज्यादा है. पूजा तेजतर्रार नेत्री हैं. सपा ने उत्तरी विधानसभा सीट पर उम्मीद के साथ उन्हें उम्मीदवार बनाया है. बात अगर बुजुर्ग महिला उम्मीदवारों की करें तो भी समाजवादी पार्टी ही आगे है. मोहनलालगंज विधानसभा सीट से पार्टी ने सुशीला सरोज को प्रत्याशी बनाया है. उनकी उम्र 70 साल के करीब है. सुशीला सरोज सांसद भी रह चुकी हैं.

यह भी पढ़ें- UP Assembly Election 2022: पहले चरण में जनता करेगी 15 निरक्षर और 125 आठवीं पास प्रत्याशियों के लिए मतदान

भाजपा ने दिया सिर्फ एक महिला को टिकट

भारतीय जनता पार्टी में महिलाओं के नेतृत्व की बात करें तो यह बेहद कम है. लखनऊ की नौ विधानसभा सीटों में से सिर्फ मलिहाबाद विधानसभा सीट पर ही पार्टी ने एकमात्र महिला उम्मीदवार के रूप में जयदेवी कौशल को टिकट दिया है. जयदेवी पहले से ही भारतीय जनता पार्टी की विधायक हैं. पार्टी ने उन्हें दोबारा टिकट दिया है.

बसपा की मुखिया महिला, लेकिन महिलाओं से दूरी

बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती स्वयं महिला हैं, लेकिन महिलाओं को टिकट देने से वो परहेज करती हैं. इसका उदाहरण उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ है. लखनऊ की नौ विधानसभा सीटों में से एक भी विधानसभा सीट पर बसपा की महिला प्रत्याशी नहीं है.

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लखनऊ: राजधानी में 23 फरवरी को चौथे चरण के मतदान के लिए नामांकन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. महिलाओं का वोट तो सभी पार्टियों को चाहिए, लेकिन राजधानी की नौ विधानसभा सीटों में अगर महिलाओं को प्रतिनिधित्व देने की बात करें तो इससे सभी पार्टियों को दिक्कत है. फिर भी इस मामले में कांग्रेस पार्टी अन्य पार्टियों की तुलना में अव्वल है. बहुजन समाज पार्टी ऐसी पार्टी है जिसकी मुखिया तो महिला हैं लेकिन महिलाओं को तरजीह देने में यह पार्टी पूरी तरह फिसड्डी है. उत्तर प्रदेश की सत्ता पर पांच साल तक काबिज रहने वाली भारतीय जनता पार्टी की भी दिलचस्पी महिलाओं को हिस्सेदारी देने कम है.

गौरतलब है कि लखनऊ में शहरी और ग्रामीण मिलाकर कुल नौ विधानसभा सीटें हैं. इनमें उत्तरी, पूर्वी, पश्चिमी, मध्य विधानसभा, कैंट, सरोजनी नगर, बख्शी का तालाब, मलिहाबाद व मोहनलालगंज विधानसभा शामिल हैं. इन सभी सीटों पर सपा, कांग्रेस व भाजपा ने कुल छह महिलाओं को ही अपना उम्मीदवार बनाया है. इनमें तीन महिला प्रत्याशी कांग्रेस की, दो प्रत्याशी समाजवादी पार्टी की और एक भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार है.

सपा ने उत्तर विधानसभा सीट और मोहनलालगंज विधानसभा सीट से, कांग्रेस पार्टी ने मोहनलालगंज विधानसभा सीट, पश्चिम विधानसभा सीट और मध्य विधानसभा सीट से तो भारतीय जनता पार्टी ने मलिहाबाद विधानसभा सीट से महिला को सदन जाने का मौका दिया है. जबकि बसपा ने एक भी महिला उम्मीदवार को टिकट नहीं दिया है.

तीन सीटों पर कांग्रेस की तीन महिला प्रत्याशी

कांग्रेस पार्टी ने सबसे ज्यादा महत्व महिलाओं को दिया है. पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने 40 फीसदी टिकट महिलाओं को देने का एलान भी किया था. इसके चलते लखनऊ की नौ विधानसभा सीटों में से कांग्रेस ने पश्चिम विधानसभा सीट पर शाहाना सिद्दीकी को प्रत्याशी बनाया है. मध्य विधानसभा सीट पर सदफ जाफर तो वहीं मोहनलालगंज विधानसभा सीट से ममता चौधरी कांग्रेस से प्रत्याशी हैं. पार्टी ने अपने 40 फीसदी टिकट महिलाओं को देने के वादे को पूरी तरह निभाया है.

सपा की सबसे युवा और बुजुर्ग महिला उम्मीदवार

युवा और बुजुर्ग नेत्री को प्रतिनिधित्व देने की बात करें तो इसमें समाजवादी पार्टी अन्य पार्टियों से लखनऊ में आगे निकल गई है. सपा की तरफ से उत्तरी विधानसभा सीट पर पूजा शुक्ला को प्रत्याशी बनाया गया है. पूजा की उम्र 25 साल से कुछ माह ही ज्यादा है. पूजा तेजतर्रार नेत्री हैं. सपा ने उत्तरी विधानसभा सीट पर उम्मीद के साथ उन्हें उम्मीदवार बनाया है. बात अगर बुजुर्ग महिला उम्मीदवारों की करें तो भी समाजवादी पार्टी ही आगे है. मोहनलालगंज विधानसभा सीट से पार्टी ने सुशीला सरोज को प्रत्याशी बनाया है. उनकी उम्र 70 साल के करीब है. सुशीला सरोज सांसद भी रह चुकी हैं.

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भाजपा ने दिया सिर्फ एक महिला को टिकट

भारतीय जनता पार्टी में महिलाओं के नेतृत्व की बात करें तो यह बेहद कम है. लखनऊ की नौ विधानसभा सीटों में से सिर्फ मलिहाबाद विधानसभा सीट पर ही पार्टी ने एकमात्र महिला उम्मीदवार के रूप में जयदेवी कौशल को टिकट दिया है. जयदेवी पहले से ही भारतीय जनता पार्टी की विधायक हैं. पार्टी ने उन्हें दोबारा टिकट दिया है.

बसपा की मुखिया महिला, लेकिन महिलाओं से दूरी

बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती स्वयं महिला हैं, लेकिन महिलाओं को टिकट देने से वो परहेज करती हैं. इसका उदाहरण उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ है. लखनऊ की नौ विधानसभा सीटों में से एक भी विधानसभा सीट पर बसपा की महिला प्रत्याशी नहीं है.

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